एमडीए अभियान में 29.48 लाख लोगों ने खाई फाइलेरिया रोधी दवा
ghazipur , liveupweb गाजीपुर, 27 मई 2022 - जिले में 12 मई से शुरू हुये मास ड्रग एडमिनिसिट्रेशन (एमडीए) अभियान का समापन शुक्रवार को हो चुका है। इस पूरे अभियान के दौरान लक्ष्य (35.96 लाख) के अनुसार जिले की करीब 29.48 लाख (82%) आबादी को फाइलेरिया रोधी दवा घर-घर जाकर खिलाई गयी। यदि कोई लाभार्थी दवा खाने से छूट गए हैं, दवा खाने से इंकार किया है या किसी अन्य कारणवश छूट गए हैं,
एमडीए अभियान में 29.48 लाख लोगों ने खाई फाइलेरिया रोधी दवा
आशा व स्वास्थ्य कार्यकर्ता फाइलेरिया की दवा हाथ में न थमाएं, सामने खिलाएं : सीएमओ
- 12 से शुरू हुआ अभियान, आज हुआ समापन
- छूटे हुये लाभार्थियों के लिए एक से छह जून तक चलेगा मॉप अप राउंड
ghazipur , liveupweb गाजीपुर, 27 मई 2022 - जिले में 12 मई से शुरू हुये मास ड्रग एडमिनिसिट्रेशन (एमडीए) अभियान का समापन शुक्रवार को हो चुका है। इस पूरे अभियान के दौरान लक्ष्य (35.96 लाख) के अनुसार जिले की करीब 29.48 लाख (82%) आबादी को फाइलेरिया रोधी दवा घर-घर जाकर खिलाई गयी।
यदि कोई लाभार्थी दवा खाने से छूट गए हैं, दवा खाने से इंकार किया है या किसी अन्य कारणवश छूट गए हैं, उनके लिए एक जून से छह जून तक मॉप अप राउंड चलाया जाएगा, जिन्हें आशा एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर छूटे हुये लाभार्थियों को दवा खिलाई जाएगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ हरगोविंद सिंह ने दी।
सीएमओ ने सभी कार्यरत आशा व स्वास्थ्यकर्मियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि आगामी मॉप अप राउंड में फाइलेरिया की दवा मानक के अनुरूप पूरी सतर्कता के साथ अपने सामने ही खिलाएं। किसी भी लाभार्थी को हाथ में दवा न थमाएं। इसके अलावा एमडीए अभियान में जो भी लाभार्थी दवा खाने से छूट गए हैं उनके लिए एक से छह जून तक मॉप अप राउंड चलाकर स्वास्थ्यकार्यकर्ता के सामने दवा खिलाई जाएगी। फाइलेरिया दवा साल में दो बार और लगातार पाँच साल साल तक खानी है, जिससे फाइलेरिया बीमारी से बचा जा सके।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व नोडल अधिकारी डॉ डीपी सिन्हा ने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य टीम के सभी सदस्य कोविड के नियमों का पूरी तरह पालन करें। अपने साथ मास्क और सैनेटाइजर जरूर ले जाएं।
साथ ही अपने सामने दवा खिलाते समय दो गज की दूरी का अवश्य पालन करें। ध्यान रहे कि उन लोगों को दवा नहीं खिलाई जानी है जो खाली पेट हैं, दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं और गर्भवती। इनके लिए यह दवा खतरनाक साबित हो सकती हैं। यदि किसी को भी दवा खाने के बाद उल्टी आती है तो घबराएं नहीं।
वह दो से चार घंटे बाद अपने आप ठीक हो जाता है । यदि न ठीक हो तो अपने क्षेत्र की आशा से सम्पर्क कर नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र पर मौजूद रैपिड रिस्पॉन्स टीम की देखरेख में उनका उपचार किया जायेगा।
जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि मॉप अप राउंड के लिए विभाग ने समस्त तैयारियाँ कर ली हैं। विभाग, जनपद की लक्षित आबादी को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाये जाने और फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में पूर्ण रूप से सजग व सक्रिय है। उन्होने बताया कि एमडीए अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए आशा एवं स्वास्थ्यकार्यकर्ता तथा सहयोगी संस्थाओं पाथ, पीसीआई और सीफार ने अहम योगदान दिया है।
मानक के अनुसार ही लें दवा - फाइलेरिया की दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अतिगंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को नहीं खिलानी है। फाइलेरिया की दवाएं पूरी तरह सुरक्षित है। सामान्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को भी यह दवाएं खानी हैं। सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं।
फाइलेरिया की दवा लेने के बाद कभी-कभी कुछ हल्की समस्याएं होना स्वाभाविक हो सकती है। हालांकि यह कुछ ही देर बाद स्वतः समाप्त भी हो जाती है। दवा का असर शुरू होते ही सर दर्द, बदन दर्द, बुखार, उल्टी, खजुली, चक्कर या जी मिचलाने जैसी मामूली परेशानी हो सकती है।
इन लक्षणों से यह प्रतीत होता है कि दवा खाने वाले के व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कृमि मौजूद हैं। सामान्यतः यह लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते है परंतु ऐसी किसी भी परिस्तिथि के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम तैनात है
और उन्हें उपचार के लिए तुरंत बुलाया जा सकता है। दवा खाने के बाद उल्टी आ रही है तो उल्टी रोके नहीं बल्कि उल्टी होने के उपरांत अपनी आशा से संपर्क करें। यदि किसी भी व्यक्ति को ज्यादा परेशानी होती है तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर सम्पर्क कर सकता है।
What's Your Reaction?