पैसे वापस पाने ले लिए सहारा रिफंड पोर्टल पर 5 लाख लोगोंने अपने दावे ओनलाईन कीए प्रस्तुत - शाह
सरकार ने सहारा समूह की चार सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं को अपना पैसा वापस पाने के लिए अपने दावे ऑनलाइन जमा करने की सुविधा देने के लिए दो दिन पहले पोर्टल लॉन्च किया था।
सरकार ने सहारा समूह की चार सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं को अपना पैसा वापस पाने के लिए अपने दावे ऑनलाइन जमा करने की सुविधा देने के लिए दो दिन पहले पोर्टल लॉन्च किया था।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि 5 लाख लोगों ने सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (सीआरसीएस)-सहारा रिफंड पोर्टल पर पंजीकरण कराया है, जिसे सरकार ने दो दिन पहले सहारा समूह की चार सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं की सुविधा के लिए लॉन्च किया था। ताकि वे अपना पैसा वापस पाने के लिए अपने दावे ऑनलाइन प्रस्तुत कर सकें।
प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसाइटी (PACS) के माध्यम से कॉमन सर्विसेज सेंटर (CSC) सेवाओं की डिलीवरी पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन करने के बाद, शाह ने कहा, “देश के कई नागरिकों का पैसा सहारा में फंस गया था। क़ानूनी पेचीदगी ऐसी थी कि कोई रास्ता नहीं मिल पा रहा था। सहकारिता मंत्रालय ने भारत सरकार के सभी संबंधित मंत्रालयों के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की और सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया।
शाह ने कहा, "केवल दो दिन पहले, मैंने एक पोर्टल लॉन्च किया और मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अब तक 5 लाख लोगों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है और यह उनके पैसे वापस करने की शुरुआत है।" उन्होंने कहा, "यह एक बड़ा उदाहरण है, जो दिखाता है कि अगर सरकार सक्रिय रूप से काम करे तो सबसे जटिल समस्याओं का भी समाधान किया जा सकता है।"
29 मार्च, 2023 को अपने आदेश में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं के वैध बकाया के भुगतान के लिए 'सहारा-सेबी रिफंड खाते' से 5,000 करोड़ रुपये सीआरसीएस में स्थानांतरित किए जाएं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही सहकारिता मंत्रालय ने पोर्टल विकसित किया है।
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