एक नई पहल जिला कारागार में कैदियों को भी बनाया जा रहा आत्मनिर्भर

वाराणसी। "एक जिला एक उत्पाद" के अंतर्गत 10 दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ जिला कारागार, चौकाघाट में हुआ। जिसके मुख्य अतिथि उमेश सिंह ज्वाइन कमिश्नर जिला उद्योग केंद्र ने फीता काटकर उद्घाटन किया। कार्यक्रम में जिला जेल अधीक्षक अरुण कुमार द्विवेदी, जेलर वीरेंद्र कुमार, जिला उद्योग केंद्र से मोहन कुमार शर्मा जी .एम और संजय वर्मा उपस्थित रहे।

एक नई पहल जिला कारागार में कैदियों को भी बनाया जा रहा आत्मनिर्भर

जिला जेल में अब बंदी बनायेगे लकड़ी के खिलौना

"एक जिला एक उत्पाद" के अंतर्गत 10 दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ

       वाराणसी। "एक जिला एक उत्पाद" के अंतर्गत 10 दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ जिला कारागार, चौकाघाट में हुआ। जिसके मुख्य अतिथि उमेश सिंह ज्वाइन कमिश्नर जिला उद्योग केंद्र ने फीता काटकर उद्घाटन किया। कार्यक्रम में जिला जेल अधीक्षक अरुण कुमार द्विवेदी, जेलर वीरेंद्र कुमार, जिला उद्योग केंद्र से मोहन कुमार शर्मा जी .एम और संजय वर्मा उपस्थित रहे। 


      कार्यक्रम उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन के डिजाइनर अमरदीप पांडे और मास्टर ट्रेनर राजा बाबू  के देख-रेख में प्राचीन काल से चली आ रही बनारस की परंपरागत कला लकड़ी के खिलौने, विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां बनाने का कार्यशाला संपन्न किया जाएगा ,

जिसमें लकड़ी के खिलौने के अलावा लकड़ी के राखी,  ऑफिस में प्रयोग करने वाले लकड़ी के पेन स्टैंड पेपरवेट, दरबान, चिड़िया और बहुत सारे नए खिलौने जैसे छोटा भीम डोरेमोन आदि को बनाया जाएगा । जिससे लकड़ी की खिलौने में नई डिजाइन को देखा जा सकेगा ।  इससे हमारे कारीगरों को रोजगार और नई दिशा मिलेगी । इसी क्रम में उमेश सिंह ज्वाइंट कमिश्नर एक जिला एक उत्पाद के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया, कि जेल के बंदी अगर कारीगर बनके निकलेंगे, तो समाज को नई दिशा देंगे। जिसकी हमारी समाज को सख्त जरूरत है। और इस कार्यशाला के बने उत्पादों से चाइनीस उत्पादों के प्रयोग में भारी गिरावट आएगी और एक दिन निश्चित ही भारत पुनः सोने की चिड़िया कहा जाएगा।

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