दस हजार रुपये घूस लेते दबोचा गया सदर तहसील का लेखपाल
वाराणसी। सदर तहसील के कमौली क्षेत्र के चकबंदी लेखपाल वीरेंद्र प्रताप चतुर्वेदी को गुरूवार को 10 हजार रुपये घूस लेते भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) की वाराणसी इकाई ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार लेखपाल के खिलाफ सिगरा थाने में मुकदमा दर्ज कराने के बाद उसका चालान कर दिया गया। वीरेंद्र मूल रूप से गाजीपुर जिले के मरदह थाना क्षेत्र के हरहरी गांव का निवासी है।
दस हजार रुपये घूस लेते दबोचा गया सदर तहसील का लेखपाल
वाराणसी। सदर तहसील के कमौली क्षेत्र के चकबंदी लेखपाल वीरेंद्र प्रताप चतुर्वेदी को गुरूवार को 10 हजार रुपये घूस लेते भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) की वाराणसी इकाई ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार लेखपाल के खिलाफ सिगरा थाने में मुकदमा दर्ज कराने के बाद उसका चालान कर दिया गया। वीरेंद्र मूल रूप से गाजीपुर जिले के मरदह थाना क्षेत्र के हरहरी गांव का निवासी है।
चौबेपुर थाना के कमौली गांव निवासी चंद्रजीत यादव को अपनी पैतृक जमीन को चक आउट कराने के लिए चकबंदी लेखपाल वीरेंद्र प्रताप चतुर्वेदी से रिपोर्ट लगवानी थी। आरोप है कि रिपोर्ट लगाने के लिए चंद्रजीत से वीरेंद्र 10 हजार रुपये की मांग कर रहा था। रुपये न देने पर रिपोर्ट न लगाने की बात कह रहा था। इससे परेशान होकर चंद्रजीत यादव ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन की वाराणसी इकाई से संपर्क किया। एंटी करप्शन टीम ने चंद्रजीत को 10 हजार के नोट पर केमिकल लगाकर दिया। इसके बाद चौकाघाट स्थित एनडीआरएफ कार्यालय के गेट के पास लेखपाल वीरेंद्र को रुपये देने के लिए बुलाया गया। चंद्रजीत से 10 हजार रुपये लेकर वीरेंद्र गिन ही रहा था कि टीम ने उसे धर दबोचा।
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के आरोप में इससे पहले भी लेखपालों की गिरफ्तारी हुई और विभागीय कार्रवाई भी की गई, लेकिन सुधार नहीं हुआ। इससे पहले 16 अगस्त को राजातालाब तहसील में कार्यरत बरकी क्षेत्र के लेखपाल राजेंद्र प्रसाद को भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने 10 हजार रुपये घूस लेते हुए गिरफ्तार किया था। 22 सितंबर 2022 को राजातालाब तहसील के तत्कालीन लेखपाल संघ अध्यक्ष संजय वर्मा को 40 हजार रुपये घूस लेते हुए भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने गिरफ्तार किया था।
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