'भारतीय पेशेवरों के लिए चुनौतियां और अवसर' विषय पर संबोधन,काशी-तमिल संगमम के दूसरे संस्करण के छठवें दिन द्वितीय अकादमिक सत्र का आयोजन
काशी-तमिल संगमम के दूसरे संस्करण के छठवें दिन द्वितीय अकादमिक सत्र का आयोजन हुआ। नमो घाट पर तमिलनाडु से आए पेशेवरों के दल ने इस सत्र के दौरान वक्ताओं से सवाल भी पूछे। तमिल के प्रोफेशनल और काशी के प्रोफेशनल ने मिलकर अपनी-अपनी राय भी व्यक्त की। तमिल प्रोफेशनल के डेलीगेट्स ने कहा कि भारत सरकार की कई योजनाएं तमिलनाडु तक नहीं पहुंच पाती। हम लोग योजनाओं को अच्छाइयां नहीं जान पाते। सरकार से यही उम्मीद है कि हम तक सारी केंद्रीय योजनाओं की पहुंच हो।

'भारतीय पेशेवरों के लिए चुनौतियां और अवसर' विषय पर संबोधन,काशी-तमिल संगमम के दूसरे संस्करण के छठवें दिन द्वितीय अकादमिक सत्र का आयोजन
काशी-तमिल संगमम के दूसरे संस्करण के छठवें दिन द्वितीय अकादमिक सत्र का आयोजन हुआ। नमो घाट पर तमिलनाडु से आए पेशेवरों के दल ने इस सत्र के दौरान वक्ताओं से सवाल भी पूछे। तमिल के प्रोफेशनल और काशी के प्रोफेशनल ने मिलकर अपनी-अपनी राय भी व्यक्त की। तमिल प्रोफेशनल के डेलीगेट्स ने कहा कि भारत सरकार की कई योजनाएं तमिलनाडु तक नहीं पहुंच पाती। हम लोग योजनाओं को अच्छाइयां नहीं जान पाते। सरकार से यही उम्मीद है कि हम तक सारी केंद्रीय योजनाओं की पहुंच हो।
काशी तमिल संगमम के दूसरे संस्करण के दूसरे अकादमिक सत्र के मुख्य अतिथि और प्रमुख वक्ता आर्किटेक्ट अनिल किंजवड़ेकर, डॉ. कमलाकर त्रिपाठी और कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. सेल्वी राधाकृष्ण ने 'भारतीय पेशेवरों के लिए चुनौतियां और अवसर मसले' विषय पर अपना संबोधन दिया। अकादमिक सत्रों के समन्वयक पीजे सौंदर्यराजन भी उपस्थित थे।
अनिल किंजवड़ेकर ने कहा कि भारत में काम करने वाले तकनीक जितनी अपडेटेड रहेगी, उतनी ही चीजें हमारे देश के विकास में सहयोग देगी। अनिल किंजवडेकर ने राष्ट्रीय निर्माण में पेशेवरों की भूमिका पर बात की। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपडेट किए जाने वाले प्रोफेशनल स्किल्स और कार्यदक्षता को बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि डाईमेनिक मार्केट टेंडेंसी और डिजिटल बाजार सामने आ रहे हैं और हमें चुनौतियों से पार पाने के लिए वर्कफोर्स को स्किल्ड बनाने की जरूरत है। इसमें डिजिटल गैप अमीरों और गरीबों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है। व्यवस्थित तरीकों और वर्कफोर्स में महिलाओं को शामिल करने से चुनौतियां कम आएंगी।
अनिल किंजवडेकर ने कहा कि भाषा वह है जिसे हर किसी को हर दिन सीखना चाहिए। उन्होंने चिकित्सा में भाषा के महत्व के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पेशेवर के लिए अलग-अलग भाषाओं में काम करना एक बाधा है, लेकिन किसी को अपने पेशेवर कौशल के माध्यम से बोलने के लिए पर्याप्त रूप से उत्कृष्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक उत्तर भारतीय को एक दक्षिण भारतीय भाषा सीखनी चाहिए और इसी प्रकार दक्षिण भारतीयों को उत्तर भारतीय भाषा सीखनी चाहिए।
तमिलनाडु से आईं कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. सेल्वी राधाकृष्ण ने काशी और शिव के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव को बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उत्तर और दक्षिण को बांटा नहीं जा सकता, बल्कि हमें शिव का ध्यान रखकर एकजुटता दिखानी चाहिए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अगला काशी तमिल संगमम उनकी संस्कृति और परंपरा को प्रदर्शित करने के लिए पूरी तरह से तमिल में आयोजित किया जाना चाहिए।
वाराणसी के डॉ. कमलाकर ने कहा कि भाषा वह है जिसे हर किसी को हर दिन सीखना चाहिए। उन्होंने चिकित्सा में भाषा के महत्व के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि हर एक पेशेवर के लिए अलग-अलग भाषाओं में काम करना बड़ी बाधा है, लेकिन किसी को अपने प्रोफेशनल स्किल्स के माध्यम से बोलने के लिए पर्याप्त रूप से सक्षम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक उत्तर भारतीय को एक दक्षिण भारतीय भाषा सीखनी चाहिए और इसी प्रकार दक्षिण भारतीयों को एक उत्तर भारतीय भाषा सीखनी चाहिए।
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