बिना तिथि के पत्रावलियों में सुनवाई के विरोध में अधिवक्ता रहें न्यायिक कार्य से विरत

बिना तिथि के पत्रावलियों में सुनवाई के विरोध में अधिवक्ता रहें न्यायिक कार्य से विरत

बिना तिथि के पत्रावलियों में सुनवाई के विरोध में अधिवक्ता रहें न्यायिक कार्य से विरत

23 दिसंबर और  24 दिसंबर की पत्रावलियों में बिना  सूचना के 13 दिसंबर को अदालत में कराई गई पुकार

राजातालाब। तहसील में 13 दिसंबर शुक्रवार को अदालती कार्यवाही प्रारंभ हुई तो अचानक तहसीलदार कोर्ट में 23 दिसंबर और 24 दिसंबर की पत्रावलियों की पुकार कराई जाने लगी जिससे अधिवक्ता अचंभित और हतप्रभ हो गए शिकायत करने पर तहसीलदार  मौखिक रूप से शासन के निर्देशों का हवाला देने लगे अधिवक्ताओं ने कहा की ना तो हम अपनी पत्रावली ले आए हैं  और नहीं पक्षकार/मुवक्किल आए हैं ऐसी दशा में सुनवाई में भाग लेना संभव नहीं है जिस पर तहसीलदार नहीं माने और सुनवाई पर अड़े रहे।
घटना से आक्रोशित वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व अध्यक्ष दी तहसील बार एसोसिएशन राजातालाब वाराणसी बच्चा लाल के प्रस्ताव पर एसोसिएशन के साधारण सभा की बैठक हुई बैठक में 13 दिसंबर को संपूर्ण दिवस न्यायिक कार्य से विरत रहने का अधिवक्ताओ ने प्रस्ताव पारित किया।

बैठक में प्रमुख रूप से नवनिर्वाचित अध्यक्ष चंद्रशेखर उपाध्याय, पूर्व अध्यक्ष सुनील सिंह, सर्वजीत भारद्वाज, छेदी यादव,दिनेश शर्मा, रामजी पटेल, भूपेंद्र सिंह एवं पूर्व महामंत्री प्रदीप सिंह, विजय भारती, धीरेंद्र सिंह अधिवक्ता राजेश सहित सैकड़ो की संख्या में अधिवक्ता शामिल थे। बैठक की अध्यक्षता दी तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मुखराज प्रजापति व संचालन कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र विश्वकर्मा ने किया।
साथ ही साथ अधिवक्ताओं ने मांग किया कि पत्रावलियों में प्रतिदिन की आर्डर सीट उसी दिन लिखीं जाएं। सुनवाई में प्रोसीजर का पालन करते हुए पत्रावलीयों  की सुनवाई उनके नियत तिथि पर ही किया जाएं।

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