शिक्षा के अधिकार के तहत बच्चो के प्रवेश पर निजी स्कूलों के मनमानी पर नाराज अभिभावकों ने किया विरोध प्रदर्शन

varANASI निजीस्कूलों में शिक्षा के  अधिकार के तहत 25  प्रतिशत छात्रों को शिक्षा देने का प्रावधान (कानून )बनाया गया है लेकिन काफी संख्या में स्कूलों द्वाराभारी  अनियमितता करते हुए इस कानून के तहत छात्रों का प्रवेश न लेकर निर्धन छात्रों को शिक्षा से वंचित कर  रहे है

शिक्षा के अधिकार के तहत बच्चो के प्रवेश पर निजी स्कूलों के मनमानी पर नाराज अभिभावकों ने किया विरोध प्रदर्शन
शिक्षा के अधिकार के तहत बच्चो के प्रवेश पर निजी स्कूलों के मनमानी पर नाराज अभिभावकों ने किया विरोध प्रदर्शन

varANASI निजीस्कूलों में शिक्षा के  अधिकार के तहत 25  प्रतिशत छात्रों को शिक्षा देने का प्रावधान (कानून )बनाया गया है लेकिन काफी संख्या में स्कूलों द्वाराभारी  अनियमितता करते हुए इस कानून के तहत छात्रों का प्रवेश न लेकर निर्धन छात्रों को शिक्षा से वंचित कर  रहे है इसी को लेकर सोमवार को वाराणसी के बेशिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर लोगो ने विरो प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौपा जी इस प्रकार से है  प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र में शिक्षा अधिकार अधिनियम की धारा- 12 (1) (ग) के तहत 25 प्रतिशत बच्चों निजी स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा के लिए प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में अभिभावकों का धरना निम्न बिन्दुओं पर दिया गया-


1. वाराणसी जिले के लगभग 1900 विद्यालयों में सिर्फ 1200 विद्यालय ही पोर्टल पर पंजीकृत है, अभी 700 विद्यालय कई वर्षों से इस कानून से बाहर है, सारे नामचीन बड़े विद्यालय पोर्टल पर पंजीकृत नही हो रहे है।
2. प्रथम चरण की लाटरी में निकले 6152 बच्चों का विद्यालयों के द्वारा प्रवेश नही लिया जा रहा न ही बी0एस0ए0 कार्यालय के द्वारा इन निजी विद्यालयों पर कोई दंडात्मक कार्यवाही हो रही है।
3. अल्पसंख्यक वाले बड़े विद्यालयों की जाँच हो।
4. निजी विद्यालयों की सीटो की संख्या बहुत कम कर दी गयी है। 


5. अभिभावकों का बी0एस0ए0 कार्यालय पर शिकायती प्रार्थना पत्रों पर कोई कार्यवाही नही हो रही है, बल्कि उनके साथ अभद्र व्यवहार होता है। 
6. रांग वार्ड के तहत हजारों फार्मों का बिना ठोस वजह के निरस्त किया जा रहा है, जबकि रांग वार्ड पर फार्म निरस्त करने का कोई स्पष्ट आदेश नही है। 
7. बालकों एवं विद्यालयों की शुल्क पूर्ति का भुगतान है। 


धरना देने में मुख्य रूप से लोग शामिल थे। गौतम सिंह एडवोकेट, विनय सिंह, बल्लभ पाण्डेय, दीपक वर्मा, गुफान जावेद, रौनक जायसवाल इत्यादि अनेक अभिभावक।

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