आयुष्मान योजना गरीबों के लिए बनी संजीवनी

वाराणसी ,25 अप्रैल: गंभीर बीमारियों के चलते कभी-कभी जब अपने मुंह मोड़ लेते हैं तो ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना गरीबों के लिए संबल बन कर खड़ी है। मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना और आयुष्मान योजना सिर्फ लोगों के जीवन ही नहीं बचा रही है, बल्कि जीवन की राह भी आसान कर रही है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अब तक 1.5 लाख से अधिक लोगों तक इस योजना का लाभ पहुंच चुका है। भाजपा की डबल इंजन की सरकार कमजोर वर्ग के लिए मसीहा बन कर सामने आई है।

आयुष्मान योजना गरीबों के लिए बनी संजीवनी

आयुष्मान योजना गरीबों के लिए बनी संजीवनी 

1,56,316 लाभार्थियों का 2,04,05,22,137 रुपये का किया जा चुका है उपचार 

1,30,892 लाभार्थियों का 1,40,87,69,765 करोड़ सरकार कर चुकी है भुगतान 

कमजोर वर्ग के हर मर्ज की दवा है डबल इंजन की आयुष्मान भारत योजना 


वाराणसी ,25 अप्रैल: गंभीर बीमारियों के चलते कभी-कभी जब अपने मुंह मोड़ लेते हैं तो ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना गरीबों के लिए संबल बन कर खड़ी है। मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना और आयुष्मान योजना सिर्फ लोगों के जीवन ही नहीं बचा रही है, बल्कि जीवन की राह भी आसान कर रही है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अब तक 1.5 लाख से अधिक लोगों तक इस योजना का लाभ पहुंच चुका है। भाजपा की डबल इंजन की सरकार कमजोर वर्ग के लिए मसीहा बन कर सामने आई है। 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बेसहारा, कमजोर वर्ग के लिए सहारा बने हुए हैं, जिनके पास इलाज़ के लिए पैसे नहीं हैैं और वह गंभीर बीमारियों की वजह से इलाज़ के अभाव में या तो दम तोड़ते हैं या बीमारी के साथ जीते रहते हैं। कभी-कभी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए कर्जदार भी बन जाते हैं। ऐसे में आयुष्मान भारत योजना कमजोर वर्ग के स्वास्थ्य संबंधित हर मर्ज की दवा बन रही है। आयुष्मान भारत योजना के जिला सूचना प्रणाली प्रबंधक नवेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में 5,40,064 आयुष्मान कार्ड धारक हैं। इनमें 1,56,316 लाभार्थियों का 2,04,05,22,137 रुपये का उपचार किया जा चुका है। जिसमें 1,30,892 लाभार्थियों का 1,40,87,69,765 करोड़ खर्च का भुगतान सरकार ने कर दिया है। 

यह हैं आयुष्मान योजना के पात्र 
वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर कमजोर वर्ग की तैयार सूची में शामिल परिवार को आयुष्मान योजना का पात्र माना गया है। योगी सरकार ने इसमें अंत्योदय कार्ड, पंजीकृत लेबर को भी शामिल किया गया है। ऐसे पात्र परिवारों को आयुष्मान कार्ड (गोल्डन कार्ड) प्रदान कर एक तरह की स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी प्रदान की जाती है। सरकारी अस्पतालों के साथ ही आयुष्मान अधिकृत निजी अस्पतालों में भी आयुष्मान भारत योजना की सुविधा मिलती है ।
[19:14, 4/26/2023] Ratnesh Rai: वाराणसी स्मार्ट सिटी ने अबतक ₹10 अरब से ज्यादा के प्रोजेक्ट किए पूरे  

- रुद्राक्ष से लेकर नमो घाट, पार्किंग से लेकर पार्कों तक का हुआ कायाकल्प

- शहर के प्राचीन स्वरूप को संजोते हुए स्मार्ट सिटी परियोजना ने काशी को आधुनिकता के साथ जोड़ा 

- काशी को स्मार्ट बनाने के लिए हर योजना की खुद मॉनीटरिंग करते हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 

- वाराणसी में अभी भी ₹329 करोड़ की विभिन्न परियोजनाएं निर्माणाधीन, मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य 

- रुद्राक्ष, नमो घाट, पौराणिक तालाब, कुंड, पार्कों और पार्किंग का हुआ निर्माण, आधुनिक स्टेडियम भी जल्द बनकर होगा तैयार

वाराणसी, 26 अप्रैल। दुनिया की सबसे प्राचीन जीवंत नगरी काशी जितनी अपनी प्राचीनता के लिए जानी जाती है उतना ही अब आधुनिकता के लिए भी विश्व में लोग इसे पहचानने लगे हैं। वाराणसी अपने मूल स्वरूप को समेटे हुए आधुनिकता के साथ तालमेल करते हुए स्मार्ट होती जा रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशानिर्देशन में काशी को स्मार्ट बनाने के लिए तथा यहां मूलभूत सुविधाओं में सुधार करते हुए एडवांस टेक्नोलॉजी से इस शहर को लैस करने का काम निरंतर जारी है। इसी का नतीजा है कि वाराणसी स्मार्ट सिटी के तहत 2018 से लगभग ₹10 अरब (1017.69 करोड़) की योजना स्वीकृत हुई थी, जिसका कार्य पूरा हो चुका है। इससे शहर के कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। वहीं करीब ₹329 करोड़ की लगभग 3 परियोजनाओं का काम प्रगति पर है, जिनके मार्च  2024 तक पूर्ण होने की सम्भावना है। 

ब्रांड बनारस के रूप में विख्यात हो रहे काशी के डेवलपमेंट की चर्चा आज चहुंओर है। 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद वाराणसी को स्मार्ट बनाने की कवायद शुरू हुई। अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेण्टर 'रुद्राक्ष', आधुनिक सुविधाओं से युक्त नमो घाट, शहर को जाम से मुक्ति दिलाती कई आधुनिक पार्किंग, एडवांस सर्विलांस सिस्टम, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कण्ट्रोल सेंटर, शहर के चप्पे चप्पे पर तीसरी आंख का पहरा, आज़ादी के पहले के स्कूलों का कायाकल्प, गलियों का पुनरुद्धार, पौराणिक तालाब, कुंडो, पार्कों का जीर्णोद्धार, ओपन ज़िम, पार्को का जीर्णोद्धार, घाटों पर फसाड लाइट और घाटों के महत्त्व को बताते हुए साइनेज, कल्चरल अपलिफ्टमेटेन्ट के तहत गंगा आरती और श्रीकाशी विश्वनथ मंदिर की आरती का शहर में लाइव प्रसारण, इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन, शहर में कई जगह पर फ्री वाई फाई सुविधा, दशाश्वमेध घाट पर पर्यटक सुविधा और मार्केट काम्प्लेक्स का निर्माण, गोदौलिया, दशाश्वमेध तक गुलासबी गलियारा व सौंदर्यीकरण आदि काम हुए हैं। जिससे शहर की रंगत ही पूरी तरह से बदल गयी है।  

वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ डी वासुदेवन ने बताया कि 2018 से अभी तक 51 परियोजना के लिए स्वीकृत ₹1017.69 करोड़ रुपए का कार्य पूर्ण हो चुका है। सिगरा स्पोर्ट स्टेडियम में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम निर्माणाधीन है, नमो घाट समेत 3 महत्वपूर्ण योजना मार्च 2024 तक पूर्ण होना प्रस्तावित है, जिसकी लागत लगभग ₹329 करोड़ है।

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