भाजपा नेता शशांक शेखर त्रिपाठी ने कचहरी ट्रांसफर लेकर भेजी चिट्ठी ,

BJP leader Shashank Shekhar Tripathi sent a letter after taking the transfer of the court

भाजपा नेता  शशांक  शेखर त्रिपाठी  ने कचहरी  ट्रांसफर  लेकर   भेजी चिट्ठी ,
 भाजपा नेता  शशांक  शेखर त्रिपाठी  ने कचहरी  ट्रांसफर  लेकर   भेजी चिट्ठी ,
 वाराणसी कचहरी ट्रांसफर को लेकर  अधिवक्ता गुस्से में है अधिवक्ताओ ने कार्य बहिष्कार कर अपना विरोध किया है जिसको लेकर भाजपा नेता ने शासन की स्थिति स्पष्ट करने कके लिए मुख्यमंत्री को चिठ्ठी लिखा है | 
पत्रकुछ इस प्रकार से है :- ------------------------------------------------------ 

प्रकाश नार्थ

माननीय मुख्यमंत्री
 उत्तर प्रदेश सरकार
 योगी आदित्यनाथ जी महाराज
महोदय प्रार्थी
 शशांक शेखर त्रिपाठी अधिवक्ता संयोजक भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र आपसे निम्नांकित निवेदन करता हूं
 वाराणसी आदरणीय प्रधानमंत्री जी का संसदीय क्षेत्र है और अधिवक्ताओं  
#कचहरी #स्थानांतरण का जिन्न एक बार फिर बाहर आ चुका है। तमाम अधिवक्तागण अपने अपने ढंग व अपनी अपनी शैली में प्रतिक्रिया दे रहे हैं। अब सवाल उठता है कि कचहरी बनारस में लगेगी या बनारस से बाहर। अदालतें समाज का एक हिस्सा मानी जाती हैं। आम जनता के रोजमर्रा जीवन से जुड़ी एक महत्वपूर्ण स्थान होती है कचहरी। लगभग हर तीसरे या चौथे घर से एक व्यक्ति विवाद के निपटारे के लिए कचहरी आता है। यही हाल अधिवक्ताओं का है। जिले के कोने कोने से अधिवक्तागण वकालत करने कचहरी आते हैं और शाम होते घर चले जाते हैं। मिर्जापुर, जौनपुर, चन्दौली, ज्ञानपुर के सीमा से सटी जगहों से भी अधिवक्तागण वकालत करने आते हैं। शहर के अधिवक्तागण तो भरे पड़े हुए हैं।

कचहरी का स्थान सुविधानुसार होना चाहिए।  चाहे वादकारियों की बात हो या फिर अधिवक्ताओं की और दोनों के सुविधा की दृष्टि से कचहरी का स्थानांतरण अव्यावहारिक है। जिस संदहा गांव में कचहरी को ले जाने की बात चल रही है वह जिला मुख्यालय से लगभग 10 किमी दूर है, एक निर्जन स्थान है व आम जनता या शहर के बाहर से आने वाले वादकारियों के लिए दूरस्थ स्थान पर है। बाहर के मुवक्किल एक ओर जहां रोडवेज से अथवा ट्रेन से उतरकर जल्द कचहरी पहुंच जाते थे अब उन्हें संदहा जाने में कठिनाई होगी।

कछवा, मिर्जापुर सीमा से सटे गांवों से आनेवाले अधिवक्ताओं को भी संदहा जाने में कठिनाई होगी। सुदूर क्षेत्रों से आने वाले वादकारियों को साधन मिलने में कठिनाई होगी। ऐसे में समय से न पहुंच पाने पर उनके मुकदमों में प्रतिकूल आदेश पारित होने का डर भी बना रहेगा। किसी अधिवक्ता, वादकारी या कर्मचारी के अचानक बीमार पड़ने पर संदहा में बेहतर व तात्कालिक उपचार का अभाव होगा। ऐसे में कचहरी को शहर से बाहर ले जाने का निर्णय समझ से परे होगा। अब दूसरे पहलू पर भी विचार कर लेना लाजिमी होगा। जनपद न्यायालय में पहले की तुलना में अधिवक्ताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है

तथा वादों विवादों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ी हैं। पहले से ज्यादा संख्या में वादकारी कचहरी आने लगे हैं। न्यायालयी कामकाज में असुविधा के साथ स्थान की भी कमी महसूस हो रही है जिससे सुचारू रूप से काम हो पाने में कठिनाई हो रही। अधिवक्तागण में चौकी लगाने व बैठने के स्थान को लेकर आए दिन विवाद देखने व सुनने को मिल रहा है। बड़ा सवाल है यदि कचहरी का विस्तारीकरण ही करना है

तो संदहा जैसा दूरदराज का क्षेत्र ही क्यों? कचहरी के आसपास ही तमाम ऐसे क्षेत्र जैसे बनारस क्लब, जिला उद्यान पार्क, कलेक्टोरेट कम्पाउन्ड, कमिश्नरी, कमिश्नर आवास, पागलखाना, जिला कारागार जैसे स्थान को मिलाकर नई कचहरी बनाने का कार्य भी किया जा सकता है

किन्तु इस दिशा में कोई कवायद शासन या प्रशासन स्तर पर नहीं हो रही। कचहरी स्थानांतरण का मुद्दा धीरे धीरे गरमा रहा है। परिणाम होगा कुछ दिनों तक हड़ताल व आन्दोलन। न्यायिक कार्य ठप। मुकदमों जमानतों की सुनवाई ठप।

सबसे बड़ी बात है कि सरकार के खिलाफ अधिवक्ता आंदोलनरत होंगे जिससे विपक्षी दलों को लाभ मिलेगा, महोदय लगभग 100 वर्षों से कचहरी के आसपास अधिवक्ताओं ने बसाव की प्रक्रिया की है, अपने आवास व चैंबर्स बनाए हैं वह सब एक ही क्षण में किसी काम का नहीं बचेगा, और सबसे बड़ी बात है कि कचहरी के आसपास पर्याप्त जगह उपलब्ध है और यदि कम जगह हो तो सरकार चाहे तो कुछ जगह अधिग्रहित  भी कर सकती है।


 महोदय आपसे विनम्रता पूर्वक निवेदन है कि अधिवक्ताओं अधिकारियों की समस्याओं का ध्यान रखते हुए वाराणसी कचहरी को उसके स्थान पर ही विकसित करके अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाना चाहिए ।



 जिलाधिकारी द्वारा जिस गैर जिम्मेदाराना तरीके से समाचार पत्रों के माध्यम से कचहरी के लिए जमीन
 संदहा में देखे जाने की सूचना रिलीज कराई उससे अधिवक्ताओं में सरकार के खिलाफ आक्रोश फैल सकता है , इसकी बानगी भी देखने को आज मिली है आज दिनांक 8 मई 2023 को वाराणसी जनपद न्यायालय के अधिवक्ता गण हड़ताल पर है और सारा न्यायिक कार्य ठप है



 शशांक शेखर त्रिपाठी अधिवक्ता संयोजक
 भारतीय जनता पार्टी

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