भारत सरकार के अनूसूचित जाति आदेश में संशोधन कर कुम्हारों को अनुसूचित जाति में शामिल करे भाजपा सरकारः चेखुर प्रसाद प्रजापति
वाराणसी । महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, भारतीय संविधान सभा के सदस्य, कुशल राजनेता, पद्मश्री डॉ. रत्नप्पा भरमप्पा कुम्भार उर्फ देशभक्त रत्नप्पा कुम्भार की 114वीं जयंती के उपलक्ष्य में प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) ने आज स्थानीय शास्त्री घाट पर 'राष्ट्रीय कुम्हार महासम्मेलन' का आयोजन किया जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से कुम्हार समुदाय की सैकड़ों हस्तियों समेत करीब पांच हजार लोग शामिल हुए। इस दौरान कुम्हारों ने उत्तर प्रदेश के कुम्हारों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने, प्रदेश में कुम्हारों की हो रही हत्या, उत्पीड़न, अपहरण और बलात्कार की घटनाओं पर रोक लगाने, इन मामले के दोषियों को गिरफ्तार करने, कुम्हारों के विद्युत चाक को घरेलू विद्युत कनेक्शन में शामिल करने, कुम्हारों को आबंटित पट्टों को भूमाफियों से मुक्त कराने, देश के विभिन्न शहरों और कस्बों में कुम्हारों की मंडी के लिए भूमि उपलब्ध कराने और कुम्हारी कला से जुड़े सभी शिल्पकारों को श्रमिक पंजीकरण योजना के तहत पंजीकृत कर इसके तहत मिलने वाले सभी लाभों को उनको उपलब्ध कराने की मांग की। साथ ही, संगठन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित इन मांगों वाला एक ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि को सौंपा।
महासम्मेलन के अध्यक्षीय भाषण में प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (PS4) के संरक्षक इंजी. चेखुर प्रसाद प्रजापति ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्ववर्ती सरकारों ने राज्य के कुम्हारों की सामाजिक स्थिति के आधार पर उन्हें और उनकी तरह की सत्रह जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने की अधिसूचनाएं जारी की और इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजा लेकिन भाजपा की योगी सरकार ने उच्च न्यायालय में उक्त सूचनाओं को गैर-कानूनी बताते हुए वापस ले लिया। इससे कुम्हारों समेत अति-पिछड़े वर्ग की कुल सत्रह जातियां अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल होने से वंचित हो गईं। वर्तमान में राज्य और केंद्र में भाजपा की डबल इंजन सरकार है। वह भारत सरकार के अनुसूचित जाति आदेश-1950 में संशोधन कर कुम्हारों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करे या अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल 'शिल्पकार' के तहत कुम्हारों को परिभाषित कर उन्हें कानून संशोधन के जरिए अनुसूचित जाति घोषित करे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. वरदानी प्रजापति ने कहा कि प्रजापति समाज कल और आज का आईना है। अतीत के गरिमामय आईना के बिना आज के आईना पर चर्चा करना व्यर्थ है क्योंकि अतीत से ही भविष्य का निर्माण होता है। इसलिए इस समाज को अतीत के आईने और वर्तमान की स्थिति जरूर विमर्श करना होगा और उसी के आधार पर आगे बढ़ना होगा। अतीत की बेड़ियां इस समाज के उज्ज्वल भविष्य की जकड़न हैं। हमें इन बेड़ियों से आज़ाद होकर आगे बढ़ना होगा। तभी प्रजापति समाज की ताकत लोगों को समझ में आएगी।
महासम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएस4 प्रमुख छेदी लाल प्रजापति 'निराला' ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में बड़े पैमाने पर कुम्हारों की हत्या, उत्पीड़न, अपहरण और बलात्कार हो रहे हैं। इसके बावजूद प्रदेश की योगी सरकार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल नहीं भेज रही है। उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी दी कि अगर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार जल्द से जल्द कुम्हार समुदाय के लोगों की हत्या, उत्पीड़न, बलात्कार और अपहरण के दोषियों को गिरफ्तार कर जेल नहीं भेजती है तो उत्तर प्रदेश के कुम्हार प्रदेश सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी योगी सरकार की होगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से राज्य के कुम्हारों के विद्युत चाक को घरेलू विद्युत कनेक्शन में शामिल करने, कुम्हारों को आबंटित पट्टों को भूमाफियों से मुक्त कराने, देश के विभिन्न शहरों और कस्बों में कुम्हारों की मंडी के लिए भूमि उपलब्ध कराने और कुम्हारी कला से जुड़े सभी शिल्पकारों को श्रमिक पंजीकरण योजना के तहत पंजीकृत कर इसके तहत मिलने वाले सभी लाभों को उनको उपलब्ध कराने की मांग भी की। सम्मेलन में वक्ताओं ने कुम्हार समुदाय की विभिन्न समस्याओं पर भी अपने पर विचार रखे।
इस दौरान संगठन की ओर से मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि को सौंपा गया जिसमें निम्नलिखित मांगे शामिल थीं
(1) उत्तर प्रदेश के कुम्हारों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने किया जाए।
(2) प्रदेश में कुम्हारों की हो रही हत्या, उत्पीड़न, अपहरण और बलात्कार की घटनाओं पर रोक लगाने के साथ इसके लिए जिम्मेदान लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।
(3) कुम्हारों के विद्युत चाक को घरेलू विद्युत कनेक्शन में शामिल किया जाए।
(4) कुम्हारों को आबंटित भूमि पट्टों को भूमाफियों से मुक्त कराया जाए।
(5) देश के विभिन्न शहरों और कस्बों में कुम्हारों की मंडी के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाए।
(6) कुम्हारी कला से जुड़े सभी शिल्पकारों को श्रमिक पंजीकरण योजना के तहत पंजीकृत कर उन्हें इसके तहत मिली वाली सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए।
सम्मेलन में प्रमुख रूप से मुख्य वक्ता नंदा प्रसाद शास्त्री जी ,विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर सिम्मी प्रजापति, कमलापति, ए. सी.राठौर, विमला राठौर ,एडवोकेट पूरन प्रजापति ,राम नयन वर्मा ,प्रोफ़ेसर हीरालाल प्रजापति , पूरन लाल प्रजापति , राष्ट्रीय महासचिव राजेश प्रजापति , सह संरक्षक इंजीनियर बीके विजय, जिला महासचिव सुनील चौधरी , राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष इंजीनियर रमेश चौधरी,सुभाष डॉक्टर ओम प्रकाश प्रजापति , रूद्रेश ,न्हैया आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सम्मेलन में कुम्हार समुदाय के करीब पांच हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए।
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