सावन के छठे सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा के शंकर पार्वती गणेश स्वरूप का हुआ श्रृंगार
वाराणसी, 14 अगस्त। सावन मास के छठे सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा के शंकर पार्वती गणेश स्वरूप का श्रृंगार हुआ | विशेश्वर के भक्त बाबा के पूरे परिवार का एक साथ दर्शन किये । श्री काशी विश्वनाथ धाम में सावन के हर सोमवार को महादेव के अलग अलग स्वरूप का शृंगार किया जा रहा है। अधिमास होने से इस वर्ष श्रावण माह दो महीने का हो रहे है। जिसमे आठ सोमवार पड़ रहे हैं। बाबा हर सोमवार को अलग अलग स्वरूपों में भक्तों के सामने प्रकट हो रहे हैं।
सावन के छठे सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा के शंकर पार्वती गणेश स्वरूप का हुआ श्रृंगार
- विशेश्वर के भक्त बाबा के पूरे परिवार का एक साथ किये दर्शन
- बाबा के पांच स्वरूपों के श्रृंगार का भक्त कर चुके हैं दर्शन
- सातवें सोमवार को अर्धनारीश्वर स्वरूप का श्रृंगार होगा, वहीं अंतिम और आठवें सोमवार को महादेव का रुद्राक्ष श्रृंगार होगा
वाराणसी, 14 अगस्त। सावन मास के छठे सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा के शंकर पार्वती गणेश स्वरूप का श्रृंगार हुआ | विशेश्वर के भक्त बाबा के पूरे परिवार का एक साथ दर्शन किये । श्री काशी विश्वनाथ धाम में सावन के हर सोमवार को महादेव के अलग अलग स्वरूप का शृंगार किया जा रहा है। अधिमास होने से इस वर्ष श्रावण माह दो महीने का हो रहे है। जिसमे आठ सोमवार पड़ रहे हैं। बाबा हर सोमवार को अलग अलग स्वरूपों में भक्तों के सामने प्रकट हो रहे हैं।
शिवभक्त पुत्र प्रथमेश के साथ भगवान शंकर और माँ पार्वती का सोमवार को सावन के छठे सोमवार को दर्शन किया । श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा के शंकर पार्वती गणेश स्वरूप का भव्य श्रृंगार हुआ । इसके पहले श्री काशी विश्वनाथ धाम में पिछले पांच सोमवार को बाबा विश्वनाथ की चल प्रतिमा, गौरी शंकर स्वरूप, अमृत वर्षा स्वरूप, भागीरथी स्वरूप, तपस्यारत पार्वती स्वरूप का श्रृंगार हुआ और दर्शनार्थियों ने बाबा के विभिन्न स्वरूपों का दर्शन लाभ प्राप्त किए। अब सावन के छठे सोमवार को बाबा के शंकर पार्वती गणेश स्वरूप का भव्य श्रृंगार होगा और श्रद्धालु नीलकंठ के इसी स्वरूप का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
सावन महीने के अधिमाह के सातवें सोमवार को देवाधिदेव के अर्धनारीश्वर स्वरूप का श्रृंगार होगा वही अंतिम और आठवे सोमवार महादेव का रुद्राक्ष श्रृंगार होगा। और भक्त अर्धनारीश्वर स्वरूप और रुद्राक्ष श्रृंगार के स्वरूप का दर्शन का सकेंगे।
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