सावधान सावधान सावधान मनचले सावधान इस रूप में मिलेगी पुलिस

वाराणसी, 12 अगस्त। कानून व्यवस्था को बनाये रखना किसी भी सरकार के लिए चुनौती का काम होता है, जिसमें महिला सुरक्षा महत्वपूर्ण होता है। योगी सरकार मिशन शक्ति जैसा प्रभावी अभियान चलाकर महिलाओं में सुरक्षा और आत्मविश्वास पैदा कर रही है। मिशन शक्ति से महिलाओं को सिर्फ सुरक्षा नहीं बल्कि आजादी भी मिल रही है। 21 जुलाई से 17 दिनों तक चले मिशन शक्ति के विशेष विशेष अभियान में 187 शोहदों के खिलाफ कार्यवाही की गई है।

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सुधर जाएं शोहदे : बनारस में सादे वेश में नारी सुरक्षा की कमान संभाल रही हैं 178 महिला और 89 पुरुष पुलिसकर्मी   

- मिशन शक्ति के तहत वाराणसी में 17 दिन में 187 शोहदों पर हुई कार्रवाई

- नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए है दिखी योगी सरकार की पुलिस की संकल्पबद्धता

- मिशन शक्ति जैसा प्रभावी अभियान से प्रदेश की महिलाओं में बढ़ा सुरक्षा और आत्मविश्वास का भाव

वाराणसी, 12 अगस्त। कानून व्यवस्था को बनाये रखना किसी भी सरकार के लिए चुनौती का काम होता है, जिसमें महिला सुरक्षा महत्वपूर्ण होता है। योगी सरकार मिशन शक्ति जैसा प्रभावी अभियान चलाकर महिलाओं में सुरक्षा और आत्मविश्वास पैदा कर रही है। मिशन शक्ति से महिलाओं को सिर्फ सुरक्षा नहीं बल्कि आजादी भी मिल रही है। 21 जुलाई से 17 दिनों तक चले मिशन शक्ति के विशेष विशेष अभियान में 187 शोहदों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। 

योगी सरकार की मिशन शक्ति योजना मनचलों पर शिकंजा कस रही है। जिससे महिलाओं को घर से निकलने की स्वतंत्रता मिल रही  है। महिलाएं भयमुक्त होकर सिर्फ घरों से बाहर नहीं निकल रही हैं, बल्कि स्कूल कॉलेज और अपने नौकरियों पर भी बेझिझक जा रही हैं। एडिशनल सीपी महिला सुरक्षा ममता रानी ने बताया कि 21 जुलाई से चले अभियान के तहत छेड़खानी करने वाले 187 लोगों को चिह्नित किया गया है। जिसमे से 117 लोगों को चेतावनी व काउंसलिंग, 12 से अधिक लोगों पर एफआईआर, 41 लोगों को विभिन्न धारा में पाबंद किया गया एवं 10 लोगों के खिलाफ 34 पुलिस एक्ट के तहत कार्यवाई की गई है। 

सादे वेश में 178 महिला बिट अधिकारी और 89 पुरुष बीट अधिकारी वाराणसी में महिला सुरक्षा के लिए गोपनीय तरीके से लगे हैं। महिला और पुरुष पुलिसकर्मी सार्वजनिक स्थलों पर सादे और बावर्दी भी ड्यूटी दे रहे हैं, जिससे महिलाओं में सुरक्षित होने की भावना उत्पन्न हो और वे आत्मनिर्भर होकर स्वावलम्बन की नई कहानी लिख सकें। इसके अलावा स्कूलों, कॉलेजों में भी महिला अधिकारी बच्चियों को अपने अधिकार के बारे में जागरूक करते हुए उन्हें बेझिझक महिला हेल्पलाइन की मदद के लिए भी तैयार कर रही हैं।

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