टीबी को मात देकर बने चैम्पियन, अब कर रहे जागरूक

टीबी को मात देकर बने चैम्पियन, अब कर रहे जागरूक

टीबी को मात देकर बने चैम्पियन, अब कर रहे जागरूक 
टीबी चैम्पियन, क्षय रोगियों को अपने अनुभव सुनाकर, बढ़ा रहे हैं उनका हौसला
82 टीबी चैम्पियन अब जगा रहे हैं टीबी मुक्त भारत अभियान की अलख   


वाराणसी, 14 दिसम्बर 
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के साथ इम्पैक्ट इंडिया प्रोजेक्ट के तहद वर्ल्ड हेल्थ पाटनर्स संस्था समुदाय के लोगों में टीबी की बीमारी के प्रति टीबी चैम्पियन के माध्यम से जागरूक करने का कार्य कर रही है| टीबी चैम्पियन को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे टीबी मरीजों के उपचार व सहयोग के साथ-साथ चैम्पियन व्यवहार परिवर्तन कर सकें। टीबी का इलाज संभव है, सही समय पर इसका उपचार करवाया जाये और समय से दवाइयों का सेवन किया जाये तो क्षय रोगी आसानी से स्वस्थ हो सकते हैं।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय ने बताया कि टीबी चैंपियन बनने के लिए, मानक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में शामिल होना होता है| टीबी चैंपियन, टीबी से पीड़ित व्यक्ति होता है जिसे इस प्रशिक्षण के बाद टीबी उन्मूलन के लिए समुदाय में काम करने की इच्छा होती है| टीबी चैंपियन, रोल मॉडल होते हैं और टीबी से पीड़ित लोगों और उनके परिवारों को मदद करते हैं| 


इसके तहत टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत चैम्पियंस को प्रशिक्षित किया जा रहा है, इस क्रम में जनपद में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिंडरा में 34 , प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव में 24 , चिरईगांव में 24, इस तरह कुल 82 टीबी चैम्पियन को प्रशिक्षण दिया गया है जो अपने-अपने गांव के आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के सहयोग से समुदाय में बैठक, स्कूलों में बैठक, रोगी प्रदाता बैठक और जो मरीज दवा बीच में छोड़ दिए हैं  उनसे मिलकर अपनी कहानी सुनाकर उनको समझाकर पुनः इलाज शुरू कराने का कार्य किया जा रहा है| साथ ही साथ जनपद के समस्त आयुष्मान आरोग्य मंदिर में जो मरीज दवा खाकर ठीक हो चुके हैं उनसे बात करके एवं मिलकर टीबी चैम्पियन के रूप में चयनित किया जा रहा है और उनको एक दिन का प्रशिक्षण देकर टीबी चैम्पियन के रूप में कार्य करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है|

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