पूर्वांचल में भर/राजभर युवा छात्रों ने अपने हक अधिकार एसटी आरक्षण के लिए भरी हुंकार

varanasi:- ओमप्रकाश राजभर के एनडीए में शामिल होने से क्या भर/राजभर बिरादरी को लोकसभा चुनाव के पूर्व ST का दर्जा देगी बीजेपी सरकार लोकसभा चुनाव को देखते हुए और किसी पार्टी में गठबंधन न होने की उम्मीद के कारण ओमप्रकाश राजभर दोबारा एनडीए में वापस गठबंधन किये बार बार सामाजिक न्याय

पूर्वांचल में भर/राजभर युवा छात्रों ने अपने हक अधिकार एसटी आरक्षण के लिए भरी हुंकार

 varanasi:- ओमप्रकाश राजभर के एनडीए में शामिल होने से क्या भर/राजभर बिरादरी को लोकसभा चुनाव के पूर्व ST का दर्जा देगी बीजेपी सरकार लोकसभा चुनाव को देखते हुए और किसी पार्टी में गठबंधन न होने की उम्मीद के कारण ओमप्रकाश राजभर दोबारा एनडीए में वापस गठबंधन किये बार बार सामाजिक न्याय
समिति की बात कर रहे ये अपने बेटे को भी सांसद बनाने को आतुर है किन्तु आपने कभी सोचा है क्या की जिस गरीब बिरादरी से आते है उसकी स्थिति ? उसकी अनसूचित जन जाति के आरक्षण की मांग पुरी कब होगी ?



बता दे कि भर/राजभर बिरादरी अंग्रेजो के जमाने अपराधी जनजाति घोषित थे। 1931 कि जातीय जनगणना में उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के भरो को एक्सटीरियर कास्ट माना गया था। 70 जातीयो को एक्सटीरियर जाति माना गया था। उनमें 69 जातीयों को अनसूचित जाति या अनसूचित जनजाति घोषित कर दिया गया सिर्फ भर/राजभर जाति सवैधानिक संरक्षण से वंचित रह गई।

1994 में मंडल कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश में भर जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग में 27% आरक्षण दिया गया। किन्तु अन्य पिछड़ा वर्ग में इस जाति के लोगों को सामाजिक न्याय नही मिल सका। इस जाति की स्थिति ओबीसी के अहीर और कुर्मी जातीयों से कॅम्पिटिशन की नहीं है।

1980-81 में विधानसभा की याचिका समिति ने बताया है कि चमार जाति से गैर गुजरे है इसलिए इनको अनसूचित जनजाति में सम्मिलित किया जाना उचित होगा। किन्तु उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग की गलतियों के कारण तीन बार अनसूचित जाति (SC) घोषित नहीं कर सकते 2016 के बाद जब राज्य सरकार ने कोई प्रस्ताव अनसूचित जनजाति (ST) के लिए नही भेजा तो जागो राजभर जागो समिति के विभिन्न विधायक और सांसद लोगो के माध्यम से याचिका समिति 1980-81 के आधार पर केन्द्र सरकार को गलती सुधार कर अनसूचित जाति (ST) का प्रस्ताव भेजने का आग्रह किया 1



किन्तु कही सुनवाई न होने पर जागो राजभर जागो समिति ने कोर्ट की शरण लिये 11 मार्च 2022 को कोर्ट ने 2 माह में केन्द्र सरकार द्वारा भेजे गए प्रत्यावेदन को निस्तारण कर प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने का आदेश पारित किया किन्तु राज्य सरकार ने फिर भी प्रस्ताव केन्द्र को नही भेजा।

इसके बात जागो राजभर जागो समिति ने अवमानना याचिका दायर कर दी। कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश सरकार ने भर/राजभर जाति का सर्वेक्षण पूर्ण कर लिया है और 14/07/2023 के हुए सुनवाई में रिपोर्ट तैयार करने के लिए 2 महिने का समय और मांगा है।

इस बीच ओमप्रकाश राजभर बीजेपी से गठबंधन कर चुके है। क्या इनके गठबंधन करने से भर/राजभर समाज को अनसूचित जनजाति (ST) आरक्षण मिल जायेगा ?

बीजेपी सरकार इस वक्त उत्तर प्रदेश में भी हैं और केन्द्र सरकार में भी है। संविधान लागू हुए 73 साल हो गये भर/राजभर बिरादरी को कोई संवैधानिक संरक्षण नही मिल पाया यदि लोकसभा चुनाव के पूर्व ST नोटिफिकेशन हो जाता है तो ठीक है नहीं तो इस बार ओमप्रकाश राजभर की बात मान कर भर/राजभर समाज वोट नही करेगा।

Byte::- महेंद्र राजभर( सचिव जागो राजभर जागो )

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