उत्तराखंड: रुद्रप्रयाग में भूस्खलन से पांच लोगों की मौत, सीएम पुष्कर धामी ने बारिश प्रभावित कोटद्वार का दौरा किया

रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भूस्खलन के मलबे में दबने से गुजरात के तीन तीर्थयात्रियों सहित कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। मौसम विभाग ने शुक्रवार (11 अगस्त) को उत्तराखंड के छह जिलों में अगले तीन-चार दिन तक भारी बारिश की चेतावनी दी थी।

उत्तराखंड: रुद्रप्रयाग में भूस्खलन से पांच लोगों की मौत, सीएम पुष्कर धामी ने बारिश प्रभावित कोटद्वार का दौरा किया

रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भूस्खलन के मलबे में दबने से गुजरात के तीन तीर्थयात्रियों सहित कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। मौसम विभाग ने शुक्रवार (11 अगस्त) को उत्तराखंड के छह जिलों में अगले तीन-चार दिन तक भारी बारिश की चेतावनी दी थी। 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बारिश प्रभावित कोटद्वार क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया, जहां कुछ दिन पहले भूस्खलन में एक व्यक्ति लापता हो गया था और कई पुल क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिससे एक बड़ी आबादी राज्य के बाकी हिस्सों से कट गई थी। 

धामी के स्थलीय निरीक्षण के दौरान विधानसभा अध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक रितु खंडूरी भी उनके साथ मौजूद रहीं। धामी ने पौड़ी के जिलाधिकारी (डीएम) आशीष चौहान को गादीघाटी में क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत पर काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कोटद्वार और भाबर को जोड़ने वाले मालन नदी पर बने वैकल्पिक पुल का भी निरीक्षण किया।

रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फाटा क्षेत्र के तरसाली में गुरुवार रात भूस्खलन के कारण कार में सवार पांच लोग मलबे में दब गए, लेकिन लगातार बारिश कम होने के कारण शुक्रवार को उनके शव बरामद किए गए। मृतकों में गुजरात के तीन और हरिद्वार का एक श्रद्धालु शामिल है। पुलिस ने कहा कि पांचवें पीड़ित की पहचान करने के प्रयास जारी हैं।

मीडिया से बात करते हुए, धामी ने कहा कि सरकार का पहला प्रयास राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करना है जो मानसून की बारिश से बाधित हो गई है और आपदा से प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता और राहत प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि इसके बाद विभिन्न क्षेत्रों में आपदा से हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा और व्यवस्थाओं में कमियों को दूर किया जाएगा। मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए राज्य के छह जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट और अगले तीन दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। 

धामी ने एक ट्वीट में कहा, "मौसम विभाग की ओर से राज्य के कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। सभी निवासियों और पर्यटकों से अनुरोध है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें।"

धामी ने कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन और एसडीआरएफ को 24 घंटे अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं और वह संबंधित अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर हर स्थिति पर नजर भी रख रहे हैं। देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार के लिए टिहरी, देहरादून, पौड़ी, चंपावत, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और 12 से 14 अगस्त तक रेड अलर्ट जारी किया है।

केंद्र ने प्रशासन को चेतावनी जारी करते हुए पर्याप्त सावधानी बरतने को कहा है। राज्य में लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस वर्ष अत्यधिक बारिश के कारण भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से राज्य में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस मानसून के दौरान विभिन्न घटनाओं में अब तक 58 लोगों की जान जा चुकी है और 37 लोग घायल हुए हैं, जबकि 19 अन्य लापता हैं। इसके अलावा, 1,167 घर क्षतिग्रस्त हो गए, जिनमें 33 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए, और बड़ी मात्रा में कृषि भूमि भी बह गई।

राज्य में बारिश के कारण सड़कों और पुलों को भी काफी नुकसान हुआ है। 

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