केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की पहल आई काम, सक्रीय पैरवी के कारण  गांजा तस्कर को मिला न्यायालय से सजा

वाराणसी घटना के बारे में बताया जाता है तत्कालीन केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के उप निरीक्षक के के श्रीवास्तव को जनवरी 2007 में सूचना मिली थी कि गाजीपुर क्षेत्र में अफीम और गांजा की बड़ी तस्करी हो रही है

केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की पहल आई काम, सक्रीय पैरवी के कारण  गांजा तस्कर को मिला न्यायालय से सजा

केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की पहल आई काम, सक्रीय पैरवी के कारण  गांजा तस्कर को मिला न्यायालय से सजा  
 वाराणसी घटना के बारे में बताया जाता है तत्कालीन केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के उप  निरीक्षक के के श्रीवास्तव को जनवरी 2007 में सूचना मिली थी कि गाजीपुर क्षेत्र में अफीम  और गांजा की बड़ी तस्करी हो रही है

यह सूचना पर तत्कालीन उप  निरीक्षक के के श्रीवास्तव ने बाबूराम पुत्र बलराम को 19 किलो 700 ग्राम गांजा  के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था तभी से आरोपी गांजा तस्कर न्यायालय  की प्रक्रिया से गुजर रहा था अपर जिला जज कक्ष संख्या 9 के  न्यायालयी  लंबी प्रक्रिया और तमाम गवाहों के बाद न्यायालय ने आरोपी गांजा तस्कर को 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की तरफ से केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की तरफ से विशेष अभियोजन अधिकारी उदय बहादुर सिंह  पैरवी करते हुए अपना पक्षरखा

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