मध्य क्षेत्रीय परिषद् की बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

देहरादून/लखनऊ, 07 सितंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को टिहरी के नरेन्द्र नगर में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद् की 24वीं बैठक में शामिल हुए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में सदस्य राज्य उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक से जुड़े। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू बैठक में शामिल हुए।

मध्य क्षेत्रीय परिषद् की बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मध्य क्षेत्रीय परिषद् की बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 

- उत्तराखंड के नरेन्द्र नगर में आयोजित हुई मध्य क्षेत्रीय परिषद् की बैठक 

- गृह मंत्री अमित शाह ने की बैठक की अध्यक्षता

- सदस्य राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों और छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री हुए शामिल

- बैठक में विभिन्न मुद्दों पर परिषद् के सदस्य राज्यों के बीच हुई गहन चर्चा 

देहरादून/लखनऊ, 07 सितंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को टिहरी के नरेन्द्र नगर में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद् की 24वीं बैठक में शामिल हुए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में सदस्य राज्य उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक से जुड़े। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू बैठक में शामिल हुए। 

बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आह्वान पर मध्य क्षेत्रीय परिषद ने एशियाई खेलों में भारत द्वारा पहली बार 100 से अधिक पदक जीतकर देश का नाम रौशन करने के लिए सभी खिलाड़ियों का करतल ध्वनि से अभिनंदन करते हुए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया। बैठक में मध्य क्षेत्रीय परिषद ने चंद्रयान-3 की शानदार सफलता, जी20 सम्मेलन के सफल आयोजन और संसद द्वारा ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पारित किए जाने का भी स्वागत किया।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकार से बदलकर 'एक्शन प्लेटफॉर्म' के रूप में कारगर साबित हुई है। उन्होंने कहा कि मध्‍य क्षेत्रीय परिषद में शा‍मिल मध्‍य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और छत्‍तीसगढ़ राज्‍यों का देश के जीडीपी और विकास में बहुत बड़ा योगदान है। परिषद में शामिल राज्‍य देश में कृषि, पशुपालन, अनाज उत्पादन, खनन, जलापूर्ति और पर्यटन का प्रमुख केन्‍द्र हैं, इन राज्यों के बिना जलापूर्ति की कल्पना ही नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद के राज्‍यों ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के टीम इंडिया के कांसेप्ट को जमीन पर उतारा है।

बैठक में पांच किमी के दायरे में हर गांव तक बैंकिंग सुविधा, देश में दो लाख नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पीएसीएस) के गठन, रॉयल्टी और खनन संबंधित मुद्दों, किसन क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा योजना, न्यूनतम समर्थन मूल्य और वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित जिलों में बुनियादी सुविधाओं के निर्माण जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान सहकारिता, स्कूली बच्चों की ड्रॉप आउट दर और कुपोषण जैसे मुद्दों पर विशेष तौर पर चर्चा हुई। 

बता दें कि 2004 से 2014 तक क्षेत्रीय परिषदों की 11 और स्थायी समितियों की 14 बैठकें हुईं, जबकि 2014 से 2023 तक क्षेत्रीय परिषदों की 25 और स्थायी समितियों की 29 बैठकें हुईं हैं। इसके अलावा 2004 से 2014 के बीच कुल 570 मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें से 448 को सुलझा लिया गया, जबकि 2014 से 2023 के बीच कुल 1315 मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें से 1157 मुद्दों को सुलझा लिया गया।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव जितेंद्र कुमार, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद के साथ ही केन्द्रीय गृह सचिव, अंतर राज्य परिषद सचिवालय की सचिव, सभी सदस्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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