मुख्यमंत्री ने शहंशाहपुर कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट का निरीक्षण
वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के शहंशाहपुर गांव में गोबर्धन योजना स्थल पर कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने इससे जीवामृत व पेंट बनाए जाने पर जोर दिया। प्लांट द्वारा पूर्व से बनाए जा रहे जैविक खाद की जानकारी दिए जाने पर मुख्यमंत्री ने इसे नेचुरल फार्मिंग की दिशा में कार्य किए जाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने इसके लिए कृभको व गोरखपुर फर्टिलाइजर से वार्ता कर सुक्षाव लिए जाने पर जोर दिया। ताकि आसपास के किसानों को इसका भरपूर फायदा हो सके। जैविक खाद की पैकेजिंग आकर्षक तरीके से किए जाने की नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि इस पर विशेष फोकस रखा जाए।
बताते चलें कि वाराणसी के शहंशाहपुर गांव में कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन किया जा रहा है। शहंशाहपुर में लगभग सात एकड़ जमीन में बायो गैस प्लांट बनाया गया है। इसकी क्षमता प्रतिदिन 3150 किलो कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन करने की है। यह प्लांट गैस के साथ तरल और ठोस फर्टिलाइजर का भी उत्पादन करेगा। प्लांट के लिए गाय पालकों से गोबर खरीदने से उनकी आमदनी बढ़ेगी और रोजगार भी मिलेगा। कंप्रेस्ड बायो गैस पर्यावरण के लिए भी अच्छी होती है। इसके साथ ही कच्चे तेल और गैस आयात पर निर्भरता कम होगी। गोबर, प्रेस मड (चीनी फैक्ट्रियों से निकलने वाला वेस्ट पदार्थ) और नेपियर घास से कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन किया जा रहा है। प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में इसके वेस्ट से जैविक खाद बनाया जा रहा है। प्लांट में ही किसानों के लिए ट्रेनिंग सेंटर भी है। यहां किसानों को ऑर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे वे अपनी आय बढ़ाने के साथ ही लोगों का स्वास्थ्य भी ठीक रखने में मददगार साबित होंगे।
गौरतलब हो कि कंप्रेस्ड बायो गैस एलपीजी से काफी सस्ती है। रोजाना 500 से 600 किलो एलपीजी का इस्तेमाल करने वाली औद्योगिक इकाई को कंप्रेस्ड बायो गैस से चलाना बेहद सस्ता होगा। उद्यमी इसके इस्तेमाल से अपनी लागत में करीब 5 प्रतिशत की बचत कर सकते है। कंप्रेस्ड बायो गैस से गाड़ी चलाना भी सस्ता है। कंप्रेस्ड बायो गैस सीएनजी की ही तरह ही प्रदूषण रहित और सस्ता ईंधन है।
निरीक्षण के दौरान कमिश्नर कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम सहित प्लांट के व्यवस्थापक एवं पदाधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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