कॉलेज के विद्यार्थियों को स्वच्छता पर किया गया जागरूक
किसान इंटर कॉलेज, मिर्जामुराद के परिसर में विद्यार्थियों कब बीच स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी के द्वारा निदेशक डॉ तुषार कांति बेहेरा के दिशा निर्देशन पर किया गया। कृषि अपशिष्टों से समृद्धि की थीम पर आधारित स्वच्छता कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों में गाँव देहात के खेत खलिहानों एवं घरों से निकलने वाले सब्जियों एवं अन्य फसलों के अपशिष्टों के समुचित प्रबंधन पर जानकारी देना था जिससे आगे चलकर यही बच्चे टेक्नोलॉजी-आधारित विकल्पों के माध्यम से गाँवों मे व्याप्त कृषि अपशिष्ट जैसे पराली आदि का प्रबंधन करके उसे मूल्यगत उत्पादों में बदल कर आर्थिक लाभ ले सकें। कार्यक्रम में वैज्ञानिकों का स्वागत करते हुए प्रधानाचार्य डॉ शिवराज मिश्र ने संस्थान के प्रयास की प्रशंसा करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के बीच में अपशिष्ट से समृद्धि विषयक कार्यक्रम उनके ज्ञानवर्धन के लिये उपयोगी होने के साथ ही उन्हें अपने घर के ही संसाधनों के सार्थक उपयोग के लिए प्रेरित करेगा।
कॉलेज के विद्यार्थियों को स्वच्छता पर किया गया जागरूक
कृषि अपशिष्टों के टेक्नोलॉजी आधारित प्रबंधन से मूल्यगत उत्पाद
किसान इंटर कॉलेज, मिर्जामुराद के परिसर में विद्यार्थियों कब बीच स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी के द्वारा निदेशक डॉ तुषार कांति बेहेरा के दिशा निर्देशन पर किया गया। कृषि अपशिष्टों से समृद्धि की थीम पर आधारित स्वच्छता कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों में गाँव देहात के खेत खलिहानों एवं घरों से निकलने वाले सब्जियों एवं अन्य फसलों के अपशिष्टों के समुचित प्रबंधन पर जानकारी देना था जिससे आगे चलकर यही बच्चे टेक्नोलॉजी-आधारित विकल्पों के माध्यम से गाँवों मे व्याप्त कृषि अपशिष्ट जैसे पराली आदि का प्रबंधन करके उसे मूल्यगत उत्पादों में बदल कर आर्थिक लाभ ले सकें।
कार्यक्रम में वैज्ञानिकों का स्वागत करते हुए प्रधानाचार्य डॉ शिवराज मिश्र ने संस्थान के प्रयास की प्रशंसा करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के बीच में अपशिष्ट से समृद्धि विषयक कार्यक्रम उनके ज्ञानवर्धन के लिये उपयोगी होने के साथ ही उन्हें अपने घर के ही संसाधनों के सार्थक उपयोग के लिए प्रेरित करेगा। प्रधान वैज्ञानिक डॉ डी पी सिंह ने विद्यार्थियों को बताया कि त्वरित अपघटन के माध्यम से कृषि अपशिष्टों को गुणवत्तापूर्ण कम्पोस्ट में बदला जा सकता है जिसके बायो फोर्टिफिकेसन के माध्यम से मूल्यवर्धित कम्पोस्ट बनाकर बाजार में उपलब्ध किया जा सकता है। इसके लिए डीकंपोजर सूक्ष्मजीव या भूसी, कन्नी और गुड़ के घोल का इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रधान वैज्ञानिक डॉ सुदर्शन मौर्य ने धान की पुआल जैसे वेस्ट अपशिष्ट के उपयोग से ओएस्टर मशरुम के उत्पादन के विषय मे 'लर्निंग बाई डूइंग' प्रक्रिया के माध्यम से विद्यार्थियों को जागरूक किया। वैज्ञानिक डॉ अनुराग चौरसिया एवं प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ सुरेश रेड्डी ने विद्यार्थियों के बीच स्वच्छता उपायों और उसके दैनंदिन जीवन में उपयोग के विषय में बताया। विद्यालय के हॉर्टिकल्चर विभाग के अध्यापक डॉ वीरेंद्र कुमार ने संयोजक की भूमिका में धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर विद्यालय के विभिन्न विभागों के अध्यापकों के साथ ही एक सौ से अधिक विद्यार्थियों ने रुचि के साथ भाग लिया।।
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