हिंदुओं के सर्वोच्च धर्मगुरु स्वामी स्वरूपानन्द के निधन पर राष्ट्रीय शोक घोषित करने की मांग
जिसने हमलोगों को गुलाम बनाकर देश पर 150 वर्ष तक शासन किया और भारत को लुटा उस देश के महारानी एलिजाबेथ के निधन पर राष्ट्रीय शोक तो, हिंदुओं के सर्वोच्च धर्मगुरु स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती के निधन पर राष्ट्रीय शोक क्यों नहीं?- रोशन पाण्डेय प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री से हिन्दू नेता रोशन पाण्डेय ने राष्ट्रीय शोक घोषित करने की किया मांग, कहा हिन्दू बहुल भारत में शंकराचार्यजी के लिए राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं होगा, तो फिर कहां होगा ?
हिंदुओं के सर्वोच्च धर्मगुरु स्वामी स्वरूपानन्द के निधन पर राष्ट्रीय शोक घोषित करने की मांग
जिसने हमलोगों को गुलाम बनाकर देश पर 150 वर्ष तक शासन किया और भारत को लुटा उस देश के महारानी एलिजाबेथ के निधन पर राष्ट्रीय शोक तो, हिंदुओं के सर्वोच्च धर्मगुरु स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती के निधन पर राष्ट्रीय शोक क्यों नहीं?- रोशन पाण्डेय
प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री से हिन्दू नेता रोशन पाण्डेय ने राष्ट्रीय शोक घोषित करने की किया मांग, कहा हिन्दू बहुल भारत में शंकराचार्यजी के लिए राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं होगा, तो फिर कहां होगा ?
वाराणसी। हिन्दूओं के सबसे बड़े धर्मगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी का निधन होने के बाद राष्ट्रीय हिन्दू दल संगठन के अध्यक्ष हिन्दू नेता रोशन पाण्डेय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह से देश में राष्ट्रीय शोक घोषित करने की मांग किया है। हिन्दू नेता रोशन पाण्डेय ने कहा कि जिसने हम भारतीयों को गुलाम बनाकर देश पर 150 वर्ष तक शासन किया और भारत को लुटा उस देश के महारानी एलिजाबेथ के निधन पर भारत में राष्ट्रीय शोक तो, करोड़ों हिंदुओं के सर्वोच्च धर्मगुरु स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती के निधन पर राष्ट्रीय शोक क्यों नहीं?
उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि सऊदी के सुल्तान का निधन पर भारत में राष्ट्रीय शोक, यूएई के खलीफा का निधन पर भारत में शोक मगर,हिन्दूओं के सबसे बड़े धर्मगुरु और देश की आजादी में 19 वर्ष की अवस्था में महात्मा गांधी के साथ 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में संघर्ष कर पंद्रह महिने तक कारावास गुजारे, श्री राम मंदिर के लिए भी आंदोलन संघर्ष किए, मां गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित कराएं , धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज के प्रिय शिष्य भी रहे ऐसे महापुरुष स्वरुपानंद सरस्वती के निधन पर सिर्फ श्रद्धांजलि देना प्रयाप्त नहीं है। हिन्दू बहुल भारत में शंकराचार्यजी के लिए राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं होगा, तो कहां होगा ?
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