विश्वनाथ धाम में नहीं संभाल पाए भीड़ तो जानवरों की तरह खींचे और धकेले गये भोलेनाथ के भक्त
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में पालकी यात्रा शुक्रवार की शाम पहुंचने के बाद से भीड़ बेकाबू हो गई। लाखों दर्शनार्थियों को आसानी से दर्शन कराने के सारे दावे रंगभरी एकादशी को धरे के धरे रहे गये। शाम सात बजे के बाद भक्तों को हुजूम जब गेट नम्बर चार यानी मुख्य गेट की तरफ बढ़ा तो पुलिस को उन्हें कंट्रोल करने के लिए लोहे के अलावा रस्सी के भी घेरे बनाने पड़े।फिर भी गर्भगृह में साल में पहली बार विराजमान भगवान भोलेनाथ, माता गौरा पार्वती और गोद में श्रीगणेश की रजत प्रतिमा की अद्भुत झांकी के दर्शन के लिए काशीवासियों का रेला उमड़ पड़ा। हालांकि प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था से लगायत तमाम इंतजामों में पहले से लगा हुआ था।
इसके बावजूद पुलिस भीड़ को काबू नही कर पाई। गेट नम्बर चार से श्रद्धालुओं का जो रेला उमड़ तो सारी व्यवस्था धरी की धरी रह गई। पुलिस अधिकारी और कर्मचारी झुंझलाहट में बाबा के भक्तों पर अपनी खीझ निकालने लगे।भेड़, बकरियों की तरह श्रद्धालुओं को खींच-खींच कर पुलिसकर्मी बाहर करते रहेे। कई श्रद्धालुओं की पिटाई भी हो गई। पुलिसकर्मियों के दुर्व्यवहार से परेशान कई लोग बिना दर्शन के ही लौट गये। श्रद्धालुओं का कहना था कि मीडिया की खबरों में सुनते आये थे कि पांच और आठ लाख श्रद्धालुओं को प्रशासन ने सहूलियत से दर्शन कराया। वीवीआईपी यहां आकर आसानी से दर्शन कर अविभूत होते हैं। भव्य और दिव्य धाम में विराजमान भोलेनाथ के दर्शन के लिए जब काशी के भक्त उमड़े तो प्रशासन की तैयारी फेल हो गई। हमें कभी खींचकर, कभी धकेलकर तो अपमानित शब्दों से हमारा सम्मान हुआ।
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