अस्पतालों पर जिला प्रशासन की कार्यवाई जारी , लापरवाही पर प्रशासन सख्त अस्पताल बंद कर मुकदमा दर्ज करने आदेश

वाराणसी। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से अवैध अस्पतालों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में शनिवार को एक और नर्सिंग होम बटुआपुरा, सुन्दरपुर स्थित साईनाथ हास्पिटल एवं लेप्रोस्कोपी सेन्टर के औचक निरीक्षण में भारी गड़बड़ियां मिली। अस्पताल में कई गंभीर मरीज भर्ती थे पर निरीक्षण के दौरान वहां कोई योग्य चिकित्सक नहीं मिला। इतना ही नहीं बायो मेडिकल वेस्ट प्रबन्धन में भी लापरवाही पायी गयी। इसे देखते हुए उक्त अस्पताल को बंद कराने के साथ ही संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है।

अस्पतालों पर  जिला प्रशासन की कार्यवाई  जारी , लापरवाही पर प्रशासन सख्त अस्पताल बंद कर  मुकदमा दर्ज करने आदेश

वाराणसी। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से अवैध अस्पतालों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में शनिवार को एक और नर्सिंग होम बटुआपुरा, सुन्दरपुर स्थित साईनाथ हास्पिटल एवं लेप्रोस्कोपी सेन्टर के औचक निरीक्षण में भारी गड़बड़ियां मिली। अस्पताल में कई गंभीर मरीज भर्ती थे पर निरीक्षण के दौरान वहां कोई योग्य चिकित्सक नहीं मिला। इतना ही नहीं बायो मेडिकल वेस्ट प्रबन्धन में भी लापरवाही पायी गयी। इसे देखते हुए उक्त अस्पताल को बंद कराने के साथ ही संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है।


       मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने बताया कि अवैध निजी अस्पतालों के खिलाफ शुरू किये गये अभियान के तहत शुक्रवार को साईनाथ हास्पिटल एवं लेप्रोस्कोपी सेन्टर, बटुआपुरा, सुन्दरपुर, का औचक निरीक्षण कराया गया। निरीक्षण के दौरान  चिकित्सालय पूर्ण रूप से संचालित होता मिला। इमरजेन्सी वार्ड में दो मरीज, जनरल वार्ड में सात मरीज, प्राइवेट वार्ड में सात मरीज एवं आई०सी०यू० में पांच मरीज भर्ती थे, जबकि कोई भी योग्य चिकित्सक वहां मौजूद नहीं था। चिकित्सालय में स्वयं को चिकित्सक बताने वाले दो लोग मिले जिनमें एक ने अपना नाम डा० हरिओम तथा दूसरे ने डा० एस०एन० पाण्डेय एवं योग्यता बी०ए०एम०एस० बताया। पूछताछ में डा० हरिओम ने अवगत कराया कि भर्ती मरीजों में मेडिसिन, सर्जिकल, गायनी एवं पोस्टऑपरेटिव मरीज शामिल हैं। इस तरह चिकित्सालय में गम्भीर मरीजों सहित कुल 21 मरीज भर्ती थे, जिनकी देखरेख हेतु मानक के अनुरूप कोई योग्यताधारी चिकित्सक मौजूद नहीं था। इतना ही नहीं चिकित्सालय में बायो मेडिकल वेस्ट प्रबन्धन के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। मरीजों की बी०एच०टी० पर जो जांचें, अल्ट्रासाउण्ड एवं खून जाॅच  की रिपोर्ट लिखी गयी थी, उस पर रेफर करने वाले चिकित्सक का नाम डा० आर०के० पटेल लिखा था, जो कि खुद बी०ए०एम०एस० योग्यताधारी एवं इस चिकित्सालय के संचालक भी हैं, जिससे स्पष्ट हुआ कि मरीज उन्हीं के द्वारा चिकित्सालय में उपचारित किये जा रहे हैं। बी0एच0टी0 पर न तो ऑपरेटिव नोट्स थे और न ही इलाज करने वाले चिकित्सक के नाम एवं अन्य विवरण। इससे साफ है कि इलाज से सम्बन्धित प्रपत्रों को सही ढंग से पूर्ण नहीं किया जा रहा था। यह भी चिकित्सालय के अधोमानक स्तर को दर्शाता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इसी तरह की कमी पाये जाने पर पूर्व में उक्त चिकित्सालय को बन्द करने के निर्देश दिये गये थे परन्तु चिकित्सालय का संचालन बिना पंजीकरण नवीनीकरण कराए नियम विरुद्ध तरीके से किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि जनमानस की सुरक्षा के दृष्टिगत साईनाथ हास्पिटल एवं लेप्रोस्कोपी सेन्टर, बटुआपुरा, सुन्दरपुर, को तत्काल प्रभाव से बन्द कराते हुए एवं नियम विरुद्ध संचालन के दृष्टिगत सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए चितर्ईपुर थाने में तहरीर दी गयी है।

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