एमपीएमएमसीसी में डॉक्टरों ने मरीज के पेट से निकाला 30 किलो का ट्यूमर

वाराणसी, 23.02.2023- महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल कैंसर इलाज के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इसी कड़ी में अस्पताल के डॉक्टरों ने कैंसर की एक बेहद जटिल सर्जरी करके मरीज के पेट से 30.5 किलोग्राम का ट्यूमर निकाला है। ट्यूमर का आकार इतना बड़ा था कि मरीज का चलना फिरना दुश्वार हो गया था, हालांकि अस्पताल के डॉक्टरों ने सर्जरी कर मरीज को नया जीवन दिया है।

एमपीएमएमसीसी में डॉक्टरों ने मरीज के पेट से निकाला 30 किलो का ट्यूमर

एमपीएमएमसीसी में डॉक्टरों ने मरीज के पेट से निकाला 30 किलो का ट्यूमर

वाराणसी, 23.02.2023- महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल कैंसर इलाज के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इसी कड़ी में अस्पताल के डॉक्टरों ने कैंसर की एक बेहद जटिल सर्जरी करके मरीज के पेट से 30.5 किलोग्राम का ट्यूमर निकाला है। ट्यूमर का आकार इतना बड़ा था कि मरीज का चलना फिरना दुश्वार हो गया था, हालांकि अस्पताल के डॉक्टरों ने सर्जरी कर मरीज को नया जीवन दिया है।

55 वर्षीय मरीज पेट के बढ़ते आकार और दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल आया था। जांच में मरीज के पेट में बड़ा सा ट्यूमर दिखा, जिसके बाद डॉक्टरों ने सर्जरी करने का फैसला लिया। गुरुवार को महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल के सर्जरी विभाग के असोसिएट प्रो. मयंक त्रिपाठी एवं उनकी टीम (डॉ विदूर एवं डॉक्टर रविंद्र वर्मा) ने सर्जरी को अंजाम दिया।



6 घंटे चला ऑपरेशनः डॉ मयंक त्रिपाठी ने बताया कि मरीज को रिट्रोपेरिटोनियल लाइपो सारकोमा था, जो एक तरह का दुर्लभ कैंसर होता है। इस मरीज का ट्यूमर पेट के अंदर मुख्य खून की नलियों के पास था। चूंकि ट्यूमर का आकार काफी बड़ा था साथ ही यह बेहद संवेदनशील स्थान पर था, इसलिए इसे निकालने में 6 घंटे तक लगातार सर्जरी चलती रही। मरीज के पेट से निकाले गए ट्यूमर का आकार 64 सेमी. लंबा, जबकि 46 सेमी. चौड़ा है, जो अब तक देश का रिट्रोपेरिटोनियल लाइपो सारकोमा का संभवतः सबसे बड़ा कैंसर युक्त ट्यूमर है। ट्यूमर का वजन 12 नवजात शिशुओं के वजन के बराबर है।

किडनी में भी था कैंसरः मरीज को रिट्रोपेरिटोनियल लाइपो सारकोमा के साथ ही किडनी का भी कैंसर था। सर्जरी के दौरान दोनों ट्यूमर को एक साथ निकाला गया। डॉ. मयंक  त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल में 10-12 किलोग्राम के ट्यूमर अक्सर सर्जरी कर निकाला जाता है, लेकिन अब तक इतना बड़ा ट्यूमर पहली बार सफलतापूर्वक निकाला गया है।
महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने सर्जरी करने वाली टीम को बधाई दी और भविष्य में भी इसी लगन और प्रतिबद्धता के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल में कैंसर से जुड़ी जटिल से जटिल और बड़ी से बड़ी सर्जरी को सफलतापूर्वक करने की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। कैंसर मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज देने के लिए हम प्रतिबध्द हैं।

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