शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद हुए ब्रह्म लीन संतो में शोक लहर की लहर
वाराणसी श्री द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूप आनन्द सरस्वती जी महाराज का ९९ वर्ष की आयु में आज भौतिक शरीर शान्त होने पर ऊर्ध्वाम्नाय श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज ने श्रद्धांजलि अर्पित की |
वाराणसी श्री द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूप आनन्द सरस्वती जी महाराज का ९९ वर्ष की आयु में आज भौतिक शरीर शान्त होने पर ऊर्ध्वाम्नाय श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज ने श्रद्धांजलि अर्पित की |
इस अत्यन्त दुखद समाचार के पश्चात् डुमराँव बाग कालोनी, अस्सी, वाराणसी स्थित ऊर्ध्वाम्नाय श्री काशी सुमेरु पीठ के सभागार में आयोजित शोक सभा में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि यह सनातन धर्म, संस्कृति की अपूरणीय क्षति है, महाराज श्री के जाने से रिक्तता आई है, उसकी पूर्ति बहुत सरल नहीं है |
शंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि भगवान महाराज श्री को सायुज्य, सामीप्य प्रदान करें, एवम् उनके शिष्यों एवम भक्तों को इस असहनीय कष्ट को सहन करने की शक्ति प्रदान करें | स्वामी अखण्डानन्द तीर्थ जी महाराज, स्वामी दुर्गेशानन्द तीर्थ जी महाराज, स्वामी बृजभूषणानन्द सरस्वती जी महाराज सहित उपस्थित अन्य सन्यासियों ने भी द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द जी
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