सब्जियों के निर्यात विपणन और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के अवसर

दिनांक 6 फरवरी, 2024 को शहंशाहपुर स्थित भाकृअनुप-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी में सीसीएस- राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान, जयपुर द्वारा प्रायोजित " सब्जी फसलों में निर्यात विपणन और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के अवसर" पर तीन दिवसीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।

सब्जियों के निर्यात विपणन और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के अवसर

दिनांक 6 फरवरी, 2024 को शहंशाहपुर स्थित भाकृअनुप-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी में सीसीएस- राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान, जयपुर द्वारा प्रायोजित " सब्जी फसलों में निर्यात विपणन और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के अवसर" पर तीन दिवसीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। प्रशिक्षण के अन्तर्गत झारखंड राज्य के हजारीबाग जिले के 61 किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

अपने उद्घाटन भाषण में संस्थान के निदेशक डॉ. टी.के.बेहरा ने बेहतर आय के लिए फसलों के विविधीकरण, निर्यातोन्मुख उत्पादन के बारे में वैज्ञानिक जानकारी तथा विशेषज्ञों के माध्यम से सब्जियों के प्रसंस्करण और पैकेजिंग के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अरुण कुमार दास, प्रोफेसर और अध्यक्ष (सेवानिवृत्त), ओ.कृ.प्रो.वी.वी., भुवनेश्वर ने निर्यात की संभावना वाली बारहमासी सब्जियों के बारे में जानकारी दी। डॉ. नागेंद्र राय, अध्यक्ष, सब्जी सुधार विभाग ने अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए सब्जियों के निर्यातोन्मुख उत्पादन करने पर बल दिया। फसल सुरक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ.ए.एन.सिंह ने सब्जी निर्यात के लिए क्षेत्र में एपीडा, इसकी योजनाओं और पैकहाउसों पर ज्ञान की आवश्यकता पर जोर दिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक और समन्वयकों में से एक डॉ. भुवनेश्वरी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर प्रशिक्षण मैनुअल और तकनीकी फ़ोल्डर भी विमोचित किया गया। कार्यक्रम में समन्वयक डॉ. मंजूनाथ टी. गौड़ा और भ.कृ.अनु.सं., झारखंड के वैज्ञानिक डॉ. साहेब पाल भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रधान वैज्ञानिक डॉ. हरे कृष्ण ने किया।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow