प्रसिद्द समाजसेवी राकेश न्यायिक का भगीरथ प्रयास हो सकता है सफल , सिकरौरा नरसंघार काण्ड में पीड़ितों को मिल सकता है न्याय
वाराणसी :- तत्कालीन बलुआ थाना क्षेत्र के सिकरौरा गांव के प्रधान सहित उसके परिवार के कई सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी गई थी इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी बृजेश सिंह मौके से गिरफ्तार हुआ था और जमानत के बाद बृजेश सिंह फरार हो चुका था लंबी जद्दोजहद और फरारी के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बृजेश सिंह को भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया था और तथा तमाम मामलों में रिमांड बनाकर जेल भेज दिया था

वाराणसी :- तत्कालीन बलुआ थाना क्षेत्र के सिकरौरा गांव के प्रधान सहित उसके परिवार के कई सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी गई थी इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी बृजेश सिंह मौके से गिरफ्तार हुआ था और जमानत के बाद बृजेश सिंह फरार हो चुका था लंबी जद्दोजहद और फरारी के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बृजेश सिंह को भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया था और तथा तमाम मामलों में रिमांड बनाकर जेल भेज दिया था और इसी दौरान
सिकरौरा नरसंहार कांड के विधिक पैरोकार देश और प्रदेश केप्रसिद्ध समाज सेवी राकेश न्यायिक ने अदालत से गायब हुई पत्रावली के संबंध में उच्च न्यायालय प्रयागराज में याचिका दाखिल कर सिकरौरा नरसंहार कांड का पत्रावली तलब करा परीक्षण न्यायालय में ट्रायल को पूरा कराया और बृजेश सिंह को संदेह का लाभ देते हुए अपर जिला जज राजीव कमल पांडे नहीं बरी कर दिया था
राजीव कमल पांडे के आदेश के खिलाफ मुकदमा वादिनी हीरावती देवी ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद अखिल अपर जिला जज राजीव कमल पांडे के आदेश को चुनौती दी थी जो उच्च न्यायालय इलाहाबाद में प्रथम दृष्टया स्वीकार करते हुए वाराणसी न्यायालय में बंद पत्र दाखिल करने का पूर्व में आदेश दिया था इस दौरान पूर्व में बरी किए गए सभी अभियुक्तों को को भी न्यायालय ने तलब कर लिया है आपको बता दें की प्रसिद्ध समाजसेवी राकेश न्यायिक सिकरौरा नरसंहार कांड में पूरी तरह से लगे हुए थे और वह लंबी जद्दोजहद के बाद सिकरौरा नरसंहार कांड की ट्रायल को पूरा कराया इसके बाद पूर्व में छोड़े गए सभी अभियुक्तों के आदेश को भी राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी जिसकी सुनवाई पेंडिंग थी अब सिकरौरा नरसंहार कांड से जुड़ी हुई सभी फाइलें एक साथ क्लब होकर सुनवाई प्रारंभ की जा चुकी है इसी के तहत बृजेश सिंह को न्यायालय ने तलब कर अब सुनवाई प्रारंभ की है इस मामले में राकेश न्यायिक का कहना है कि न्याय में देरी जरूर होता है लेकिन सिकरौरा नरसंहार कांड के मृतकों को शांति तो मिलेगी जब सभी आरोपियों को सजा मिलेगी और आरोपियों को सजा दिलाने के लिए या यूं कहें कि न्याय दिलाने के लिए हम पूरा संघर्ष करेंगे
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