गाजीपुर जनपद में 12 मई से चलेगा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम जिसके तहत होगा एमडीए अभियान

गाज़ीपुर, 28 अप्रैल 2022 - जनपद में आगामी माह 12 मई से राष्ट्रीय फ़ाइलेरिया उन्मूलन अभियान शुरू हो रहा है जो 27 मई तक चलेगा | इसी क्रम में गुरुवार को सैदपुर ब्लॉक पर ब्लॉक टास्क फोर्स (बीटीएफ़) की बैठक खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) दिनेश कुमार मौर्य की अध्यक्षता में आयोजित हुई।

गाजीपुर जनपद में 12 मई से चलेगा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम जिसके तहत होगा एमडीए अभियान

सैदपुर ब्लॉक में टास्क फोर्स की बैठक आयोजित 

बीडीओ, एडीओ ने फाइलेरिया रोधी दवा का किया सेवन

की अपील - फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा का सेवन जरूरी  

गाज़ीपुर, 28 अप्रैल 2022 - जनपद में आगामी माह 12 मई से राष्ट्रीय फ़ाइलेरिया उन्मूलन अभियान शुरू हो रहा है जो 27 मई तक चलेगा | इसी क्रम में गुरुवार को सैदपुर ब्लॉक पर ब्लॉक टास्क फोर्स (बीटीएफ़) की बैठक खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) दिनेश कुमार मौर्य की अध्यक्षता में आयोजित हुई। 


 इस दौरान बीडीओ, एडीओ राकेश दीक्षित, प्रधान सचिव ने फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर जागरूकता अभियान के लिए हरी झंडी प्रदान की। बैठक में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया गया और संबन्धित समस्त विभाग को सहयोग देने के लिए आग्रह किया गया है। फाइलेरिया क्या है और बचाव क्या है, उसके बारे में प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई) इंडिया की जिला समन्वयक सरिता मिश्रा ने विस्तृत जानकारी दी। 


 जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि  ब्लॉक अस्तर से लगातार ड्रग एडमिनिस्ट्रेर को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अभियान के तहत आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर–घर जाकर लोगों को उम्र के अनुसार फाइलेरिया रोधी दवा  एल्बेंडाजोल और डाई इथाइल कार्बामजीन) का सेवन अपने समक्ष कराएंगी | यह दवाएं फाइलेरिया के परजीवियों को को नष्ट करने के साथ पेट के अन्य कीड़ों, खुजली और जूं के खात्मे में भी मदद करती हैं| इसलिए सभी लोग इस दवा का सेवन करें जिससे वह इस बीमारी से बच सकें | दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को इन दवाओं का सेवन नहीं करना है | दवा को चबाकर खाना है | खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है| 


 इस दौरान सप्लाई इस्पेक्टर परवेज़ खान, समस्त सेक्रटरी, ग्राम प्रधान, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ)  रेखा मधुकर, सीडीपीओ, पीसीआई से सरिता मिश्रा, डबल्यूएचओ से विपिन सिंह, महेश दुबे, ब्लॉक मिशन मैनेजर मौजूद रहे। 

क्या है फाइलेरिया - फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला संक्रामक रोग है, जिसे सामान्यतः हाथी पाँव के नाम से भी जाना जाता है | फाइलेरिया की मुख्यतः चार अवस्थाएं होती हैं | पहली और दूसरी अवस्था में यदि इलाज हो जाता है तो फाइलेरिया पूरी तरह से ठीक हो जाता है लेकिन इलाज में देरी अर्थात तीसरी और चौथी अवस्था का फाइलेरिया ठीक नहीं होता है |

प्रारम्भिक लक्षण - 
- कई दिनों तक रुक-रुक कर बुखार आना
- शरीर में दर्द
- लिम्फ नोड (लसिका ग्रंथियों) में सूजन जिसके कारण हाथ, पैरों में सूजन (हाथी पाँव)
- पुरुषों में अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसील) और महिलाओं में स्तन में सूजन

समय से करें पहचान व तुरंत कराएं जांच - पहली अवस्था में पैरों की सूजन दिन में रहती है लेकिन रात में आराम करने पर कम हो जाती है | किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात् बीमारी होने में पांच से 15 वर्ष लग सकते हैं | यदि हम इन लक्षणों को पहचान लें और समय से जांच कराकर इलाज करें तो हम इस बीमारी से बच सकते हैं | फाइलेरिया की जाँच रात के समय होती है | जांच के लिए रक्त की स्लाइड रात में बनायी जाती है, क्योंकि इसके परजीवी दिन के समय रक्त में सुप्तावस्था में होते हैं और रात के समय सक्रिय हो जाते हैं| 

ऐसे करें बचाव - तीन सालों तक लगातार साल में एक बार दवा का सेवन करने से इन बीमारी से बचा जा सकता है| मच्छर गन्दी जगह पर पनपते हैं | इसलिए हमें अपने घर और आस-पास मच्छरजनित परिस्थितियां नहीं उत्पन्न करनी चाहिए| साफ़ सफाई रखें, फुल आस्तीन के कपड़े पहनें, मच्छरदानी का उपयोग करें, मच्छररोधी क्रीम लगायें और दरवाज़ों और खिड़कियों में जाली का उपयोग करें | रुके हुए पानी में कैरोसिन छिड़ककर मच्छरों को पनपने से रोकें |

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