अक्षय पात्र के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच रहा भोजन

अक्षय पात्र के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच रहा भोजन

वाराणसी। कोविड के बाद अब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अक्षय पात्र का भोजन पहुंचना शुरू हो गया है। फिलहाल वाराणसी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 26 अगस्त से यह भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। 

गंगा व वरुणा नदी में पानी बढ़ने से वाराणसी के कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं। अक्षय पात्र किचन से तैयार होकर यह भोजन बाढ़ प्रभावित क्षेत्र माता प्रसाद बड़ी बाजार चित्रकूट इंटरमीडिएट कॉलेज नक्की घाट, मदरसा दारुल उलूम सरैयां, सुभाष चंद्र बालिका विद्यालय कोनिया, तुलसी निकेतन पांडेपुर व सरस्वती विद्या मंदिर हुकूलगंज आदि क्षेत्रों में वितरित किया जा रहा है।

वाराणसी अक्षय पात्र किचन का शुभारंभ 7 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसी किचन से तैयार भोजन वाराणसी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वितरित किया जा रहा है। अक्षय पात्र फाउंडेशन भारत की एक अशासकीय संस्था है जो देश के 14 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 19,039 स्कूलों के 1.8 मिलियन से अधिक बच्चों को हर स्कूल दिन में पौष्टिक भोजन परोस रहा है।

अक्षय पात्र फाउंडेशन दुनिया का सबसे बड़ा (गैर-लाभकारी) मिड-डे मील कार्यक्रम वर्ष 2000 से चला रहा है। इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है। वर्तमान में आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, उड़ीसा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना व उत्तर प्रदेश आदि राज्यो में अक्षय पात्र किचन स्थापित है।

 उत्तर प्रदेश के लखनऊ, मथुरा, वाराणसी व गोरखपुर में अक्षय पात्र का किचन काम कर रहा है। लखनऊ में जहां 1472 स्कूलों के करीब सवा लाख बच्चों को भोजन दिया जा रहा है वहीं मथुरा में भी दो हजार स्कूलों के करीब सवा लाख बच्चों को दोपहर का पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। गोरखपुर में भी करीब डेढ़ सौ स्कूलों के 25 हजार बच्चों को दोपहर का पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है।

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