आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग कर्मियों ने खुद को बनाया शिकार

छोटा उदयपुर जिले में पिछले दस दिनों में दो मासूम बच्चों को अपना शिकार बनाने वाले आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग के कर्मचारियों ने खुद को ही शिकार बनाकर पिंजरे में कैद कर लिया

आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग कर्मियों ने खुद को बनाया शिकार 

छोटाउदयपुर जिले में पिछले दस दिनों में दो मासूम बच्चोंको अपना शिकार बनाने वाले आदमखोर तेंदुए को पकडनमे के लिए वन विभाग के कर्मचारियों ने खुद को ही शिकार बनाकर पिंजरे में कैद कर लिया

छोटा उदयपुर जिले मे पहले बॉडली तहसील के मूलधर गांव से 2 साल का बच्चा और फिर कुछ दिन बाद धोलिवाव गांव से 5 साल के बच्चे को आदमखोर तेंदुआ उठा ले गया ,दो बच्चो की मौत के घटना के बाद हर दिन तेंदुआ अलग अलग गांव में दिखाई देनेकी वजहसे सात आठ गांव में दहसत का माहौल बना हुआ था ।लोग अपने घरों से बाहर निकलना ,खेतमे जाना और बच्चे स्कूलमे जाना बंध कर दिया था।

वन विभाग ने इस आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए 130 कर्मचारी तैनात किए गए।14 पिंजरे लगाए गए लेकिन तेंदुआ पकड़ में नही आया तब वन विभाग ने एक ओर तरीका आजमाया । आदमखोर तेंदुआ जोकी इन्शान की खुशबू को सूंघ कर उसे अपना शिकार बनाता है तो खुद छोटाउदयपुर के जिला वन अधिकारी और परीक्षेत्र वन अधिकारी अलग अलग जगह रखे गए पिंजरे के पास एक ओर पिंजरा रखकर उसमे खुद कई घंटों तक बैठे रहे ताकि आदमखोर तेंदुआ इंसान को सूंघ कर उनके पास आए ओर पास वाले पिंजरे में रखे जानवर को खाने के चक्कर मे पिंजरेमे कैद कर लिया जाए।लेकिन उसमें भी वे सफल नही हुए ।

आखिर कार उन्हें तेंदुआ दिखाई दिया उसे गन से डॉट लगाकर ट्रेंक्यूलाइज़ कर बे होंश किया और बेहोंश हो जानेके बाद जाल में लपेटकर से पिंजरेमे कैद किया ।तेंदुए को पावागढ़ के रेस्क्यू सेंटर भेज दिया जाएगा।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow