पूर्व थाना थाना प्रभारी  लंका पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज , पुलिस जाँच में जुटी 

वाराणसी में आठ पुलिस कर्मियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा CBCID (क्राइम ब्रांच क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट) के इंस्पेक्टर श्यामदास वर्मा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर लंका थाने में दर्ज कराया है। ये कार्रवाई लंका थाने से ढाई साल पहले गायब हुए और फिर मृत मिले BHU के छात्र शिव के मामले में हुई है।

पूर्व थाना थाना प्रभारी  लंका पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज , पुलिस जाँच में जुटी 

पूर्व थाना थाना प्रभारी  लंका पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज , पुलिस जाँच में जुटी जिस थाने पर थे इंस्पेक्टर वहीं पर लिखा गया गैर इरादतन हत्या का मुकदमा
तत्कालिक स्पेक्टर ने बरती थी घोर लापरवाही


वाराणसी में आठ पुलिस कर्मियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा CBCID (क्राइम ब्रांच क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट) के इंस्पेक्टर श्यामदास वर्मा ने  इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर लंका थाने में दर्ज कराया है। ये कार्रवाई लंका थाने से ढाई साल पहले गायब हुए और फिर मृत मिले BHU के छात्र शिव के मामले में हुई है।

ये है आरोपी 

इस मुकदमे में तत्कालीन लंका इंस्पेक्टर भारत भूषण तिवारी, दरोगा प्रद्युम्न मणि त्रिपाठी, दरोगा कुंवर सिंह, हेड कांस्टेबल लक्ष्मीकांत मिश्रा, कांस्टेबल ओम कुमार सिंह, शैलेंद्र कुमार सिंह, विजय कुमार यादव और होमगार्ड संतोष कुमार आरोपी हैं।
13 फरवरी 2020 की रात ले गई थी पुलिस

इंस्पेक्टर श्यामदास वर्मा के मुताबिक मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के बड़गड़ी गांव का निवासी शिव कुमार त्रिवेदी BHU के विज्ञान संस्थान में बीएससी का छात्र था। वह छित्तूपुर स्थित एक लॉज में किराये पर कमरा लेकर रहता था। 13 फरवरी 2020 की रात BHU कैंपस स्थित खेल मैदान के पास शिव अकेला गुमसुम बैठा हुआ था।

वहां से गुजर रहे एक अन्य छात्र अर्जुन सिंह ने किसी अनहोनी की आशंका से 112 नंबर पर सूचना दे दी। पुलिस रिस्पांस व्हीकल आया और शिव को लेकर लंका थाने चला गया। 14 फरवरी को शिव लंका थाने से गायब हो गया तो उसकी खोजबीन शुरू हुई।
15 फरवरी को ही हो गई थी मौत

इंस्पेक्टर श्यामदास वर्मा के अनुसार शिव लंका थाना परिसर से निकल कर ना जाने कैसे रामनगर थाना के कुतुलपुर स्थित यमुना पोखरी पहुंच गया। उसी में डूबने से 15 फरवरी 2020 को उसकी मौत हो गई थी। तब उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई थी । यमुना पोखरी में युवक के डूबने की सूचना पाकर शिव के पिता प्रदीप कुमार त्रिवेदी रामनगर थाने पहुंचे तो उन्हें पुलिस कर्मियों ने टरकाते हुए कह दिया था कि शव किसी और का है।

इस प्रकरण को लेकर BHU के पूर्व छात्र और एडवोकेट सौरभ तिवारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट के आदेश से प्रकरण की जांच CBCID ने शुरू की। शिव के पिता प्रदीप CBCID के अफसरों को लेकर रामनगर थाने पहुंचे।

उन्होंने कहा कि 15 फरवरी 2020 को यमुना पोखरी में जो अज्ञात शव मिला था, उसके सुरक्षित रखे हुए बाल और दांत से उनके DNA का मिलान कराया जाए | DNA रिपोर्ट आई तो स्पष्ट हुआ कि यमुना पोखरी में जिस युवक का शव मिला था वह शिव ही था ।
CBCID ने क्यों दर्ज कराया मुकदमा

• CBCID के इंस्पेक्टर श्यामदास वर्मा और चिकित्सकीय विशेषज्ञ के बयान से स्पष्ट है कि शिव मानसिक रूप से अस्वस्थ था। जिस रात वह लंका थाना लाया गया था। वह अपना नाम-पता नहीं बता पा रहा था। ऐसी स्थिति में लंका थाने के पुलिस कर्मियों का यह नैतिक और राजकीय कर्तव्य था कि उसे पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराते मगर, ऐसा नहीं किया गया।

• शिव जब लंका थाने से गायब हुआ तो लंका थाने के पुलिस कर्मियों द्वारा उसे खोजने का प्रयास नहीं किया गया।

• इस संबंध में सीनियर अफसरों को भी कोई सूचना नहीं दी गई।

• अगर शिव को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई होती या उसे खोजने का प्रयास तत्काल शुरू किया गया होता तो शायद वह तालाब में ना डूबता ।

• लंका थाने के पुलिस कर्मियों ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरती।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow