सुख, शांति और अध्यात्म का केंद्र गड़ौली धाम

वाराणसी 24 नवंबर। कछवां स्थित गड़ौली धाम सुख,शांति और आध्यात्म का केंद्र बन चुका है। इस धाम में पहुंचते ही ऐसा लगता है कि जैसे हम किसी अलौलिक जहां में आ गए हैं। न किसी बात की चिंता और न ही फिक्र। दीन-दुनिया से मतलब नहीं। दिल से लेकर दिमाग तक सिर्फ और सिर्फ प्रभु मिलन की ही आस। यहां आते ही मोह-माया के बंधन से दूर लोग प्रभु की भक्ति में लीन हो जाते हैं। सचमुच यह धाम अब प्रभु का धाम बन चुका है। गत 18 नवंबर से देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन अंतरराष्ट्रीय दीपोत्सव एवं तुलसी विवाह समारोह का भव्य आयोजन कछवां स्थित गढ़ौली धाम में किया गया। ओ.एस.बालकुन्दन फाउंडेशन  के संस्थापक एवं बिहार प्रदेश भाजपा के सहप्रभारी सुनील ओझा के नेतृत्व में इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

सुख, शांति और अध्यात्म का केंद्र गड़ौली धाम
सुख, शांति और अध्यात्म का केंद्र गड़ौली धाम
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चिंता न फिक्र, दीन-दुनिया से दूर प्रभु की भक्ति में लीन भक्तगण
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झिलमिलाते दियों के बीच मंत्रोच्चार से गुंजायमान हुआ वातावरण
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शिव चरित आधारित रामकथा अंतरराष्ट्रीय कथावाचक रमेश भाई ओझा के श्रीमुख से सुन भावविभोर हुए श्रद्धालु
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दीपोत्सव में देव दीपावली जैसा नजर आया नजारा
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वाराणसी 24 नवंबर। कछवां स्थित गड़ौली धाम सुख,शांति और आध्यात्म का केंद्र बन चुका है। इस धाम में पहुंचते ही ऐसा लगता है कि जैसे हम किसी अलौलिक जहां में आ गए हैं। न किसी बात की चिंता और न ही फिक्र। दीन-दुनिया से मतलब नहीं। दिल से लेकर दिमाग तक सिर्फ और सिर्फ प्रभु मिलन की ही आस। यहां आते ही मोह-माया के बंधन से दूर लोग प्रभु की भक्ति में लीन हो जाते हैं। सचमुच यह धाम अब प्रभु का धाम बन चुका है। गत 18 नवंबर से देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन अंतरराष्ट्रीय दीपोत्सव एवं तुलसी विवाह समारोह का भव्य आयोजन कछवां स्थित गढ़ौली धाम में किया गया। ओ.एस.बालकुन्दन फाउंडेशन  के संस्थापक एवं बिहार प्रदेश भाजपा के सहप्रभारी सुनील ओझा के नेतृत्व में इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
     गौ,गंगा, गौरीशंकर का पावन संगम तट जब एक साथ पांच लाख दियों की रोशनी से नहाकर जगमगाया तो श्रद्धालु भावविभोर हो गए। उन्हें ऐसा प्रतीत हो रहा था मानों अंबर के तारे इस धरती पर उतर आए हों और जलधारा से अठखेलियां कर रहे हों। श्रद्धालुओं ने इस अविस्मरणीय पल को अपने कैमरे में कैद किया और सेल्फी के माध्यम से इन यादगार पलों को संजोया। झिलमिलाते दियों के बीच मंत्रोच्चार और हरि ओम की गूंज ने वहां आए सभी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
विधि-विधानपूर्वक सम्पन्न हुआ तुलसी विवाह
प्रबोधिनी एकादशी पर माता तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह रीति-रिवाज के साथ सम्पन्न हुआ। हनुमान मंदिर से बारात निकली तो श्रद्धालुओं का समूह बाराती बने। बैंड-बाजे की धुन पर झूमते बाराती और गूंजते मंगलगीत। बारातियों का समूह गाजे-बाजे के साथ नाचते झूमते हुए वैवाहिक स्थल पर पहुंचा और विधि-विधानपूर्वक वैवाहिक कार्यक्रम में सम्मिलित होकर आध्यात्मिक सुख को प्राप्त किया। 
    कार्यक्रम का संयोजन कर रहे भाजपा काशी क्षेत्र के मंत्री आशीष सिंह बघेल ने बताया कि "हिंदू सनातन परम्परा के अनुसार प्रबोधिनी एकादशी यानी देव उठनी एकादशी को भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा से जागते हैं और भगवान जिस दिन जागते हैं, उस दिन से सभी शुभ (मांगलिक) कार्य शुरू होते हैं।" कहा कि "इसी दिन तुलसी और शालीग्राम का विवाह किया जाता है और इसके पश्चात ही मानव विवाह (मांगलिक कार्य) की शुरूआत होती है।" 
ओ एस बालकुन्दन फाउंडेशन के संस्थापक सुनील ओझा ने तुलसी विवाह के मौके पर  "एक दिया राम के नाम- चलो चलें गड़ौली धाम" तुलसी के नाम" की कल्पना की, उनकी इस कल्पना का ग्रामीणों को जैसे ही पता चला। लोगों ने अपनी पूरी आस्था के साथ इसमें शिरकत किया और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का बना दिया।
अंतरराष्ट्रीय कथावाचक रमेश भाई ओझा के श्री मुख से शिव चरित आधारित रामकथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु
गौ गंगा और गौरी शंकर की पावन भूमि पर शिव चरित रामकथा का अमृत पान सुखद अनुभूति देता है।अंतराष्ट्रीय कथा वाचक रमेश भाई ओझा के श्री मुख से रामकथा सुनकर भक्तों ने यही प्रतिक्रिया व्यक्त की। श्रद्धालुओं ने कहा कि मां गंगा के तट पर शिव मंदिर के समीप भगवान राम की मनोरम कथा और संगीतमय पाठ सुनकर हमारे मन मस्तिष्क में नई ऊर्जा का संचार हो रहा है और संपूर्ण गडौली धाम क्षेत्र भक्ति भाव से सराबोर है। यहां लाखों दियों की टिमटिमाती रौशनी मानों आकाश में टिमटिमाते तारों के बीच होने का एहसास करा रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय दीपोत्सव ने रचा नया इतिहास
शुक्रवार को किसे पता था कि मिजार्पुर में गंगा किनारे सटे गांव गड़ौली के ग्रामीण, अंतरराष्ट्रीय दीपोत्सव करके एक नया इतिहास रच देंगे। अंतरराष्ट्रीय दीपोत्सव का यह उत्सव भगवान शालिग्राम और माता तुलसी के विवाह के मौके पर लाखो दियों के अनुपम छटा बिखेरती रौशनी के बीच गऊ-गंगा-गौरीशंकर की परिकल्पना को लेकर स्थापित गड़ौली धाम में रचा गया। ग्रामीणों की लोक आस्था और विश्वास इतना प्रबल था कि लोग इस आयोजन को वर्षों तक याद रखेंगे। 
सुरक्षा की दृष्टि से किए गए अभूतपूर्व और व्यापक इंतजाम
गड़ौली धाम में आयोजित रामकथा,  अंतरराष्ट्रीय दीपोत्सव एवं तुलसी विवाह कार्यक्रम में उमड़े जनसैलाब को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए थे। बड़ी संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालुओ की गाड़ियों को कार्यक्रम स्थल से लगभग एक किलोमीटर पूर्व बनाए गए पार्किंग स्थल पर सभी गाड़ियों की पार्किंग कराई गई।
प्रेस विज्ञप्ति
आज दिनांक 25 नवम्बर,2023 (शुक्रवार) को दोपहर 02ः00 बजे दशाश्वमेध घाट स्थित गंगा सेवा निधि कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान संस्था के अध्यक्ष श्री सुशान्त मिश्र ने पत्रकारांे को कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अनवरत तीन दशक से भी ज्यादा समय से आध्यात्मिकता और राष्ट्रवाद को संकल्पित व समर्पित विश्व प्रसिद्ध भव्य देव-दीपावली महोत्सव इस वर्ष रामलला को समर्पित होगी। अयोध्या में रामलला के विराजने से पहले भगवान शिव के अराध्य राममय होगी काशी।
साथ ही साथ वर्षों से चली आ रही ‘एक संकल्प गंगा किनारे’ के माध्यम से माँ गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने, पर्यावरण व जल संरक्षण के लिए गंगा सेवा निधि द्वारा देव दीपावली महोत्सव में देश-विदेश से आये हुए लाखों श्रद्धालुओं व पर्यटकों से माँ गंगा के तट पर संकल्प दिलाकर संस्था द्वारा यह आवाह्न किया जायेगा कि माँ गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाये रखने में आप सभी अपना योगदान दें, गंगा सेवा निधि परिवार का माँ गंगा को निर्मल रखने में सहयोग करें।
1999 कारगिल युद्ध विजय के उपलक्ष्य में हमनें अमर शहीदों के पुण्य स्मृति में आकाशदीप संकल्प का विस्तारीकरण एवं राष्ट्रीय रूप दिया था। संस्था द्वारा भारत के अमर वीर योद्धाओं की स्मृति में सम्पूर्ण कार्तिक मास आकाश दीप जलाया जाता हैं, गंगा सेवा निधि द्वारा आयोजित आध्यात्मिकता और राष्ट्रवाद को समर्पित भव्य देव-दीपावली महोत्सव के साथ ही आकाशदीप का समापन किया जाता है तथा भारत के अमर वीर योद्धाओं को ‘‘भगीरथ शौर्य सम्मान‘‘ से सम्मानित भी किया जाता है। देव दीपावली महोत्सव दिनांक 27 नवम्बर, 2023, सोमवार, सायंकाल 5ः15 बजे वृहद रूप में दशाश्वमेध घाट पर आयोजित किया जायेगा।
माँ गंगा की महा आरती में दिखेगी नारी शक्ति की झलक
देव दीपावली पर माँ गंगा की महाआरती में नारी शक्ति की एक अदभुत तस्वीर भी देखने को मिलेगी इस वर्ष भव्य रामलला के विराजने से पहले 51 देव कन्याओं द्वारा आरती उतार कर काशी की विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली महोत्सव के अयोजन का प्रारम्भ करेगें। रामलला के नाम पर दशाश्वमेध घाट पर देव दीपावली महोत्सव मे होने वाली महा आरती में 21 हजार दीपों से रौशन होगी।

अतिथिवृन्द द्वारा गंगा सेवा निधि के संस्थापक स्मृतिशेष पं. सत्येन्द्र मिश्र को पुष्पांजलि अर्पित करके होगा। तत्पश्चात प्रो0 गणपति वंदना व देश-भक्ति गीतों की प्रस्तुति की जायेगी। गंगा सेवा निधि द्वारा बनाये गए अमर जवान ज्योति जिसकी अनुकृति भव्य रूप से (8/12) पर संस्था के कोषाध्यक्ष श्री आशीष तिवारी द्वारा संस्था की तरफ से रिथ लेईंग की जायगी। तत्पश्चात 39 जी.टी.सी., वाराणसी, एयर ऑफिसर कमॉडिंग,4 वायु सेना प्रवरण बोर्ड,, वाराणसी, 95 बटालियन, सी.आर.पी.एफ., वाराणसी, 11वीं वाहिनी, एन.डी.आर.एफ., वाराणसी एवं वाराणसी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा रिथ लेइंग किया जायेगा एवं 39 जी टी सी के जवानों द्वारा लास्ट पोस्ट व गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया जायेगा। 

सम्पूर्ण कार्तिक मास संस्था द्वारा आज देश के अमरवीर योद्धाओं की स्मृति में शहीदों को संस्था द्वारा देश के अमरवीर योद्धाओं की स्मृति में 186 BN CRPF शहीद सुनिल कुमार पाण्डेय (075020815 CT/GD) उग्रवादी ड्रग्स का लेन-देन कर रहे है जिसे रोकने के प्रयास में शहीद हुए 01 BN CRPF शहीद हृदय नरायण सिंह (095021175 CT/GD) डियुटी के दौरान हाथी के अटैक  में शहीद हुए, उत्तर प्रेदश पुलिस फार्स के शहीद संदीप निषाद (आ0 182030316) व शहीद राघवेन्द्र सिंह (आ0 162730630) दिनांक 24 फरवरी, 2022 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड के दौरान शहीद हए, 08 BN NDRF शहीद संजीव कुमार, उत्तराखण्ड में वर्ष 2013 में बाढ़ और लैण्डलाईड के दौरान रेसक्यू करते समय शहीद हुये, रेलवे सुरक्षा बल मे शहीद सुधीर कुमार सिंह, तेल टैंकर की चोरी को रोकने के प्रयास मे शहीद हुए व शहीद रविन्द्र प्रताप सिंह, डियूटी के दौरान सड़क दुर्घटना के शिकार हुए एवं संस्था के संस्थापक स्मृतिशेश पं. सत्येन्द्र मिश्र के लिए भी आकाशदीप प्रज्ज्वलित किया गया। जिनको देव-दीपावली महोत्सव (27 नवम्बर, 2023) को भगीरथ शौर्य सम्मान से सम्मानित किया जायेगा। साथ ही शहीद परिवार जनों को सहायतार्थ धनराशि 1 लाख भी निधि परिवार की ओेर से दिया जाएगा।

कार्यक्रम के अगले चरण में प्रो. चन्द्रमौली उपाध्याय, पं. श्रीधर पाण्डेय व गंगा सेवा निधि के प्रमुख अर्चक्र आचार्य रणधीर के नेतृत्व में 21 ब्राह्मणों द्वारा भगवती माँ गंगा का वैदिक रीति से पूजन किया जायेगा। श्री राम जनम योगी द्वारा शंखनाद से निधि के 21 ब्राह्मणों, दुर्गा चरण इण्टर कालेज की 42 कन्याओं जो रिद्धि-सिद्धि के रूप में ब्राह्मणों के साथ होंगी तथा श्री काशी विश्वनाथ डमरु दल के 10 स्वयं सेवकांे द्वारा माँ भगवती की भव्य महाआरती आरम्भ होगी एवं एक लाख दीपों से घाट व घाटों के भवनों का कोना-कोना जगमग हो उठेगा।
भगवती माँ गंगा की आरती के दौरान देश-विदेश आये लाखों श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए सुरक्षा की दृष्टि से संस्था द्वारा 24 सी.सी.टी.वी. कैमरे भी लगाये गये है। सहयोग की दृष्टि से भारत सेवा श्रम संघ के 100 स्वयं सेवक व गंगा सेवा निधि के 100 वालेन्टियर्स उपस्थित रहेगें तथा साथ ही राजकीय चिकित्सालय द्वारा चिकित्सकों की टीम व एम्बुलेन्स की व्यवस्था की गयी हैं। 11वीं वाहिनी एन.डी.आर.एफ. की तरफ से वाटर एम्बुलेन्स की भी व्यवस्था की गयी है।
यह जानकारी संस्था के अध्यक्ष श्री सुशान्त मिश्र, कोषाध्यक्ष श्री आशीष तिवारी, संरक्षक श्री इन्दू शेखर शर्मा एवं उपाध्यक्ष श्री पंकज अग्रवाल जी के द्वारा दी गयी।
द्वारा-
सुशान्त मिश्र
अध्यक्ष
गंगा सेवा निधि, वाराणसी।

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