प्रयागराज संगम देख अभिभूत हुए तमिलनाडु के मेहमान

वाराणसी के बाद काशी तमिल संगमम के युवा प्रतिनिधि मंगलवार की सुबह प्रयागराज पहुंचे। जहां जनप्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासन के तरफ से उनका भव्य स्वागत किया गया। प्रयागराज के स्कूली बच्चों द्वारा सभी मेहमानों पर पुष्पवर्षा की गई। युवा डेलिगेट्स को जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र देकर स्वागत किया। प्रयागराज विकास प्राधिकरण के तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां सांस्कृतिक मंच पर स्कूली बच्चों ने विभिन्न प्रस्तुति दी।

प्रयागराज संगम देख अभिभूत हुए तमिलनाडु के मेहमान

प्रयागराज संगम देख अभिभूत हुए तमिलनाडु के मेहमान
जिला प्रशासन ने किया स्वागत,हर-हर गंगे के लगाए जयकारे
स्वागत के लिए संगम क्षेत्र में बना सैंडआर्ट

वाराणसी के बाद काशी तमिल संगमम के युवा प्रतिनिधि मंगलवार की सुबह प्रयागराज पहुंचे। जहां जनप्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासन के तरफ से उनका भव्य स्वागत किया गया। प्रयागराज के स्कूली बच्चों द्वारा सभी मेहमानों पर पुष्पवर्षा की गई। युवा डेलिगेट्स को जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र देकर स्वागत किया। प्रयागराज विकास प्राधिकरण के तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां सांस्कृतिक मंच पर स्कूली बच्चों ने विभिन्न प्रस्तुति दी। 

तीर्थराजप्रयाग पहुंचे युवा डेलिगेट्स यहां की सांस्कृतिक इतिहास से भी परिचित हुए। संगम की रेती पर काशी-तमिल संगमम के प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए सैंडआर्ट बनाया गया। जिसके पास पहुंचकर डेलिगेट्स फ़ोटो भी खिंचवाया। संगम क्षेत्र की अलौकिक छटा देखकर सभी मेहमान अभिभूत हो गए। यहां कुछ ने गंगा-यमुना के पवित्र संगम में डुबकी लगाई तो कुछ ने आचमन कर हर-हर गंगे के जयकारे लगाए। 

छात्रों के प्रतिनिधिमंडल को प्रयागराज शहर में और उसके आसपास के विभिन्न स्थानों एवं मंदिरो‌ं का भी भ्रमण कराया। संगम स्नान के बाद सभी सदस्यो को लेटे हनुमान जी का दर्शन किया। अक्षयवट ('अविनाशी बरगद का पेड़', जो हिंदू पौराणिक कथाओं में वर्णित एक पवित्र अंजीर का पेड़ है), चंद्रशेखर आजाद पार्क, प्रयागराज संग्रहालय और श्री स्वामीनारायण मंदिर ले जाया गया।  'संगम नगरी' में अपनी यात्रा के समापन के बाद, तमिलनाडु के छात्रों का यह प्रतिनिधिमंडल प्राचीन और पवित्र शहर अयोध्या के लिए रवाना हुआ।
काशी तमिल संगमम कार्यक्रम के तहत पहला जत्था 19 दिसंबर और अब  21, 23, 25, 27, 29 और 31 दिसंबर को अधिकारियों और प्रतिनिधियों के बीच बेहतर संचार के लिए तमिल भाषा बोलने वाले स्वयंसेवकों को भी तैनात किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को वाराणसी के काशी तमिल संगमम के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया। नमो घाट'' और कन्याकुमारी-वाराणसी तमिल संगमम ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।

सांस्कृतिक उत्सव 17 से 30 दिसंबर तक आयोजित किया गया हैं। चेन्नई से तमिल प्रतिनिधिमंडल अपने काशी प्रवास के दौरान प्रयागराज और अयोध्या का दौरा कर रहे हैं। पवित्र नदियों के नाम पर विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले सात समूह चेन्नई, कोयंबटूर और कन्याकुमारी से काशी तक यात्रा कर रहें। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन, रेलवे और अन्य मंत्रालय इस आयोजन में भाग लिया हैं ।

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