सुरक्षित मातृत्व व प्रसव पर मंथन करने जुटगे  देशभर के स्त्री रोग विशेषज्ञ

varanasi वाराणसी । सुरक्षित मातृत्व व सम्मान के साथ उनकी देखभाल, सुरक्षित प्रसव, प्रसव की समस्याओं के समाधान, प्रसव के पूर्व व प्रसव के पश्चात उनकी कठिनाइयों को दूर करना आदि पर विचार विमर्श करने के लिए वाराणसी सोसाइटी ऑफ पेरिनटोलॉजी एंड रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी द्वारा वाराणसी ऑब्सटेट्रिक्स एंड ज्ञानिकोलोगिकल सोसायटी के

-स्त्री रोग चिकित्सकों का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 'ISOPARB--2022' का आयोजन 6 मई से

 varanasi वाराणसी । सुरक्षित मातृत्व व सम्मान के साथ उनकी देखभाल, सुरक्षित प्रसव, प्रसव की समस्याओं के समाधान, प्रसव के पूर्व व प्रसव के पश्चात उनकी कठिनाइयों को दूर करना आदि पर विचार विमर्श करने के लिए वाराणसी सोसाइटी ऑफ पेरिनटोलॉजी एंड रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी द्वारा वाराणसी ऑब्सटेट्रिक्स एंड ज्ञानिकोलोगिकल सोसायटी के सहयोग से तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 'ISOPARB--2022' का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देशभर के स्त्री रोग, प्रसूति, नवजात एवं शिशु रोग विशेषज्ञ परिचर्चा करेंगे और आनुवंशिक रोगों के निदान व निवारण के विषय में विशेष चर्चा होगी। 


इंडियन सोसाइटी ऑफ पेरिनटोलॉजी एंड रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी (ISOPARB) वाराणसी के आयोजन अध्यक्ष डॉ एल के पाण्डेय, डॉ सुलेखा पाण्डेय, आयोजन सचिव डॉ नीलम ओहरी, वैज्ञानिक अध्यक्ष डॉ मधु जैन ने बुधवार को भेलूपुर स्थित होटल डायमण्ड में पत्रकारों को उक्त जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि यह आयोजन 6 से 8 मई 2020 को नदेसर स्थित होटल ताज में होगा। इस आयोजन में देशभर के प्रमुख स्त्री रोग विशेषज्ञ भागीदारी करेंगे जिसमें सुरक्षित मातृत्व की आधुनिक तरीकों और  नई तकनीक पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इसमें सभी विशेषज्ञ अपना अनुभव व ज्ञान साझा करेंगे। इसका लाभ नए चिकित्सकों को मिलेगा।

इससे गर्भवती महिलाओं की देखभाल आधुनिक विधि से सम्भव होगी। उन्होंने बताया कि संगठन की देशभर में 24 शाखाएं हैं। सम्मेलन में 200 विशेषज्ञ भागीदारी करेंगे। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ 6 मई 2022 को तो होगा लेकिन इसका उद्घाटन 7 मई को शाम 5.30 बजे होगा। सम्मेलन का समापन 8 मई को शाम चार होगा। सम्मेलन प्रतिदिन सुबह 9 से शाम 6 बजे तक आयोजित होगा।


उन्होंने बताया कि पहले दिन चार कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। प्रयास यह है कि आधुनिक तथ्यों से सभी को अवगत कराया जा सके । पहली कार्यशाला में अल्ट्रासाउण्ड के विभिन्न पहलुओं पर देश के चौदह विशेषज्ञों द्वारा प्रकाश डाला जाएगा | इसी कार्यशाला में ख्यातलब्ध विशेषज्ञ डॉ. सुरेश महामना मालवीय व्याख्यान देंगे |
दूसरे व्याख्यान में  FOGSI के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र मल्होत्रा प्रीइक्लम्पसिया के नए अनुसंधान के विषय में प्रकाश डालेंगे। फीटल मानिटरिंग के विषय में डा. नारायण जाना, डा० सुकुमार बारिक प्रकाश डालेंगे। गर्भस्थ शिशु के शरीर में होने वाली विसंगतियों के बारे में विस्तृत चर्चा डा. पूनम गंभीर, डा० चिन्मयी रथ करेंगे। शिशु रोग के विषय में डा० बलदेव भाटिया, डा० अशोक चौधरी, डा. आलोक भारद्वाज, डा. अंकुर सिंह, डा. अशोक राय विस्तृत चर्चा करेंगे
दूसरे दिन की संगोष्ठी में विशेष रूप से प्रख्यात चिकित्सक डा. सर अरुलकुमारन, इंग्लैण्ड से जूम के माध्यम से सम्बोधित करेंगे । वह अस्वस्थ होने के कारण नहीं आ पाएंगे। इसके पश्चात डॉ. ऋषिकेश पाई, डॉ. गौतम खस्तगीर, डॉ. गीता गांगुली, इंग्लैण्ड की डॉ. शिल्पी पाण्डेय, जो केयर फर्टीलिटी की मेडिकल डायरेक्टर हैं, का उदबोधन होगा |

इसके बाद डॉ. जयदीप मलहोत्रा, डा० एस. एन त्रिपाठी, डॉ. गंगाधर साहु, डा. अरूप कुमार मांझी, डा. दिलीप दत्ता विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे। अपराह्न में आर. एन. गांगुली पब्लिक फोरम का आयोजन किया जाएगा।

इसमें महिलाओं के उत्पीड़न उन पर होने वाले यौन अत्याचार एवं अन्य विषयों पर सार्थक चर्चा की जाएगी। इस विषय पर विस्तृत चर्चा होगी और उसके उन्मूलन का भी प्रयास होगा। हमारे विशिष्ट छात्र, जो राष्ट्रीय मानचित्र पर उभरे हुए हैं, वे भी प्रकाश डालेंगे। इसमें मिसेस इण्डिया अर्थ, मिसेस इण्डिया सेन्सेशनल, बी०एच.यू के डाक्टर्स, जो आई० ए० एस एवं आई. पी. एस. हैं, भी शामिल होंगे।

इसके बाद सम्मेलन का उद्घाटन प्रदेश के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. दयाशंकर मिश्र (दयालू) करेंगे| साथ में पद्मश्री डा. के. के. त्रिपाठी भी होंगे। डॉ. एस. एन. त्रिपाठी भी विशिष्ठ अतिथि होंगे। रात्रि में संगीत का आयोजन होगा। 
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के अंतिम दिन गर्भावस्था के दौरान रक्तअल्पता की विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी।

रिपोर्ट:-  नेहाद्विवेदी 

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