हिंदी पत्रकारिता ने विश्व को धरातल दिया-प्रो॰ बाला लखेन्द्र

वाराणसी, 30 मई। हिंदी पत्रकारिता ने पूरे विश्व को नया धरातल दिया है। आज सूचना प्रेषण शक्ति के रूप में है। आज खबरों की परिभाषा और सीमा बदल गयी है। पत्रकारिता जनता का पक्ष है। पत्रकारिता देशज पवित्र शब्द है जबकि मीडिया उपनिवेशिक शब्द है। यह विचार आज काशी पत्रकार संघ द्वारा हिंदी पत्रकारिता दिवस पर ‘पत्रकारिता बनाम मीडिया’ विषयक संगोष्ठी में वक्ताओं ने व्यक्त किये। मुख्य वक्ता बीएचयू पत्रकारिता तथा जनसंप्रेषण विभाग के उपाचार्य प्रोफेसर बाला लखेन्द्र ने कहा कि पत्रकार के लिए तटस्थता और प्रतिबद्धता आवश्यक है। कहा कि पत्रकारिता समाज को जोड़ने की भूमिका में होनी चाहिए।

हिंदी पत्रकारिता ने विश्व को धरातल दिया-प्रो॰ बाला लखेन्द्र

हिंदी पत्रकारिता ने विश्व को धरातल दिया-प्रो॰ बाला लखेन्द्र
पराड़कर स्मृति भवन में हिंदी पत्रकारिता दिवस मना


वाराणसी, 30 मई। हिंदी पत्रकारिता ने पूरे विश्व को नया धरातल दिया है। आज सूचना प्रेषण शक्ति के रूप में है। आज खबरों की परिभाषा और सीमा बदल गयी है। पत्रकारिता जनता का पक्ष है। पत्रकारिता देशज पवित्र शब्द है जबकि मीडिया उपनिवेशिक शब्द है।
यह विचार आज काशी पत्रकार संघ द्वारा हिंदी पत्रकारिता दिवस पर ‘पत्रकारिता बनाम मीडिया’ विषयक संगोष्ठी में वक्ताओं ने व्यक्त किये। मुख्य वक्ता बीएचयू पत्रकारिता तथा जनसंप्रेषण विभाग के उपाचार्य प्रोफेसर बाला लखेन्द्र ने कहा कि पत्रकार के लिए तटस्थता और प्रतिबद्धता आवश्यक है। कहा कि पत्रकारिता समाज को जोड़ने की भूमिका में होनी चाहिए।


गांधीवादी प्रोफेसर सतीश राय ने लोकतंत्र में आ रही गिरावट पर चिंता व्यक्त करते कहा कि मिशनरी पत्रकारिता आज संकट में है। प्रो॰ श्रद्धानन्द ने चिंता जतायी कि पत्रकारिता की मूल आत्मा को मीडिया ने गिरफ्त में ले लिया है। फिर भी ओजस्विता के साथ पत्रकारिता जीवित है।  संघ के पूर्व अध्यक्ष कृष्णदेव नारायण राय ने पीत पत्रकारिता व पेड न्यूज की पृष्ठभूमि को रेखांकित किया।

समाजवादी चिंतक विजय नारायण ने कहा कि मीडिया की वजह से ही लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा। हिमांशु उपाध्याय ने पत्रकारिता की मूल आत्मा की रक्षा की बात की। एके लारी ने वैकल्पिक मीडिया को रेखांकित किया। आर संजय का मत था कि मीडिया और पत्रकारिता समानान्तर रूप से साथ चलती है। भाषाई गिरावट के लिए प्रभावी प्रयास जरूरी है।
राजेश राय ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता हिंदू पत्रकरिता में तब्दील हो रही है जो खतरनाक है। अमित मिश्र ने कहा कि इंटरनेट आने के बाद पत्रकारिता में गिरावट आयी है। अशफाक सिद्दीकी ने नयी पीढ़ी को दक्ष करने पर जोर दिया। कवीन्द्र नारायण ने कहा कि अब मीडिया हिंदी पत्रकारिता पर निर्भर हो गयी है।  विनय सिंह ने कहा कि जन केन्द्रित मुद्दे उठाने चाहिए।

अध्यक्षता करते हुए काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष डा॰ अत्रि भारद्वाज ने कहा कि मानव संस्कृति व सभ्यता के विकास में संचार माध्यमों की खास भूमिका है। संचालन महामंत्री अखिलेश मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन वाराणसी प्रेस क्लब के मंत्री विनय शंकर सिंह ने किया।


इस अवसर पर संघ के कोषाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र नारायण तिवारी, उमेश गुप्त, मंत्री अश्वनी श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष योगेश कुमार गुप्त, बीबी यादव, कैलाश यादव, दीनबंधु राय, प्रेस क्लब के कोषाध्यक्ष संदीप गुप्ता,

देवकुमार केशरी, वशिष्ठ नारायण सिंह, राजू सिंह दुआ, डा॰ जयप्रकाश श्रीवास्तव, मनोज गुप्त, अशोक सिंह, विजय शंकर गुप्त, विमलेश चतुर्वेदी, राममिलन श्रीवास्तव, हरिबाबू श्रीवास्तव, मुन्ना लाल साहनी सहित बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित थे।

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