*ओमप्रकाश राजभर की बातों को सरकार गंभीरता से लेती तो शायद कानपुर की घटना न होती-शशिप्रताप सिंह
varanasiसुभासपा नेता शशि प्रताप सिंह ने बताया कि सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा0 ओमप्रकाश राजभर जी एक महीना पहले जब अपने विधान सभा क्षेत्र में भ्रमण करने निकले थे और उनके साथ शरारती तत्वों ने अराजक तत्वों ने दुर्व्यवहार किया तथा हत्या करने जैसे हथियारों के साथ हमला का प्रयास किया था
*मा0 ओमप्रकाश राजभर की बातों को सरकार गंभीरता से लेती तो शायद कानपुर की घटना न होती-शशिप्रताप सिंह
varanasiसुभासपा नेता शशि प्रताप सिंह ने बताया कि
सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा0 ओमप्रकाश राजभर जी एक महीना पहले जब अपने विधान सभा क्षेत्र में भ्रमण करने निकले थे और उनके साथ शरारती तत्वों ने अराजक तत्वों ने दुर्व्यवहार किया तथा हत्या करने जैसे हथियारों के साथ हमला का प्रयास किया था
उसको लेकर माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने मुख्यमंत्री जी राज्यपाल जी राष्ट्रपति जी सभी को इस बात का अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश में लायन आर्डर कमजोर हो चुका है और दिनों दिन बिगड़ता जा रहा है गुंडा माफिया का बोलबाला बढ़ रहा,
जिस प्रदेश में जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक को भी कुछ नहीं समझ रहे हैं विधायक डर डर कर रहने लगा हो उस प्रदेश की जनता का क्या हाल होगा उस प्रदेश के लायन आर्डर का क्या मतलब निकाला जाए इससे ज्यादा खराब क्या हो सकता है जहां पर एक विधायक सुरक्षित नहीं महसूस कर पा रहा हो। शशिप्रताप सिंह ने बताया कि
मा0 ओमप्रकाश राजभर की बातों को नजरअंदाज कर दिया गया अगर उनकी बातों को प्रशासन गंभीरता से लिया होता तो शायद कानपुर जैसी घटना न घटी होती।
कानपुर की घटना पूरे उत्तर उत्तरप्रदेश की जनता को सोचने पर मजबूर कर दिया है जिस तरह से कानपुर में दंगा जैसी घटना घटी जहां पर देश के राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री जी,मुख्यमंत्री जी, और राज्यपाल जी, भ्रमण पर हो उसी जिले में कुछ दूरी पर इस तरह की घटना घट जाना और घंटों तक ईटा पत्थर चलते रहना अफरा तफरी का माहौल बने रहना यह कहीं ना कहीं लायन आर्डर उत्तर प्रदेश पर सवाल खड़ा करता है।
खुफिया तंत्र पर सवाल खड़ा करता है
सोशल मीडिया पर जो दिखाई दे रहा है की वारदात जहां हो रही है वहां दो तरफ से ईट पत्थर चल रहे हैं और पुलिस वहाँ मूक दर्शक बनी हो, उसके बावजूद भी बहुत समय तक पुलिस प्रशासन इस घटना को रोकने में असफल दिखाई दे रही हो यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है और संवेदनशील है अगर उनकी बातों को उसी दिन गंभीरता से सरकार ने लिया होता तो शायद इस तरह की घटना कानपुर में नहीं घटित ना होती यह कहीं ना कहीं सरकार की कमजोरी खुफिया तंत्र की कमजोरी पर सवाल खड़ा करता है सरकार से मांग है कि इस तरह के वारदात को अंजाम देने वाले या इस वारदात में की साजिश करने वाले चाहे वह जो भी हो उसको कठोर से कठोर सजा देने की जरूरत है और सरकारी संपत्ति की जो छपी हुई है उसका चौगुना उनसे वसूलने की जरूरत है ताकि उत्तर प्रदेश में फिर कभी इस तरह का वारदात करने की हिम्मत किसी के पास ना हो।
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