यूपीसीडा की 48 वीं बोर्ड बैठक में 2025-26 का ₹6190 करोड़ का बजट पारित

In the 48th board meeting of UPSIDA, the budget of ₹ 6190 crore for 2025-26 was passed

यूपीसीडा की 48 वीं बोर्ड बैठक में 2025-26 का ₹6190 करोड़ का बजट पारित

यूपीसीडा की 48 वीं बोर्ड बैठक में 2025-26 का ₹6190 करोड़ का बजट पारित

औद्योगिक क्षेत्रों की नई वर्गीकरण नीति, कताई मिलों का आवंटन और एक्स-लीडा की महायोजना को मिली मंजूरी

अति तीव्र, तीव्र और मंद गति क्षेत्रों में बांटकर अलग-अलग भुगतान शर्तें तय

6 कताई मिलों के पुनः उपयोग को मंजूरी

एक्स-लीडा मास्टर प्लान 2041 शासन को भेजने का निर्णय

आईएमसी प्रयागराज योजना को स्वीकृति

भूमि बैंक को बढ़ाने के निर्देश, EOI के माध्यम से नई भूमि का आवंटन शीघ्र

भूखंडों के ट्रांसफर मामलों में भी नए आवंटन जैसी शर्तें लागू होंगी

नगर निगमों के साथ मिलकर म्यूनिस्पल सेवाओं का विस्तार

लखनऊ, 18 अप्रैल: उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के उद्देश्य से यूपीसीडा (उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण) की 48वीं बोर्ड बैठक शुक्रवार को लोक भवन, लखनऊ में संपन्न हुई। बैठक में वर्ष 2025-26 के लिए ₹6190 करोड़ के बजट को मंजूरी दी गई, औद्योगिक क्षेत्रों को उनकी विकास गति के आधार पर पुनर्गठित किया गया, एक्स-लीडा के मास्टर प्लान 2041 को अंतिम रूप देने का निर्णय लिया गया और कताई मिलों के आवंटन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की स्वीकृति दी गई।

इस बैठक की अध्यक्षता राज्य के मुख्य सचिव एवं यूपीसीडा के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने की, जिसमें मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

औद्योगिक ढांचे को मिलेगी मजबूती
बैठक में राज्य के औद्योगिक विकास को नई दिशा देने हेतु कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा कर उन्हें स्वीकृति प्रदान की गई। सबसे प्रमुख निर्णय 2025-26 के बजट को लेकर लिया गया, जिसमें ₹6190.00 करोड़ स्वीकृत किया गया। यह बजट राज्य के औद्योगिक ढांचे को सुदृढ़ करने और नई परियोजनाओं को शुरू करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

एक्स-लीडा क्षेत्र का सुनियोजित विकास
इसके अतिरिक्त एक्स-लीडा के मास्टर प्लान में जन – आपतियों का निवारण एवं सुझाव का समायोजन करते हुए 2041 की महायोजना पर विचारोपरांत शासन में भेजने हेतु निर्देशित किया गया। 

बोर्ड बैठक में इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी

 06 कताई मिलों जो शासन द्वारा प्राधिकरण को उपलब्ध कराई गई थी उसके आवंटन हेतु एवं दर निर्धारण हेतु अनुमोदन प्रदान किया गया। औद्योगिक क्षेत्र उतेलवा जनपद अमेठी, ए.टी.एल. प्रतापगढ़, कताई मील बांदा, कताई मील मेजा, कताई मील मलवा फतेहपुर आदि के तलपट मानचित्रों का अनुमोदन प्रदान किया गया। यह भी निर्देश दिए गये कि शीघ ही आवंटन हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया जाए एवं आवंटन की कार्यवाही प्रारम्भ की जाए।

 नगर निगम से प्राप्त औद्योगिक क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं एवं म्यूनिस्पल्टी सर्विस उपलब्ध कराने हेतु अनुमोदन प्रदान किया।

 आई.एम.सी. प्रयागराज की योजना का तलपट मानचित्र का अनुमोदन प्रदान किया गया।

 लैण्ड बैंक बढ़ाने हेतु निर्देश दिए गये तथा प्राप्त भूमि के आवंटन हेतु ई.ओ.आई. प्रकाशन हेतु निर्देशित किया गया।

 इकाई स्थापना हेतु नीति में परिवर्तन करते हुए समस्त प्रकार के भूखण्डों में आवंटन की भांति हस्तांतरण प्रकरणों में भी समय समान रूप देने हेतु अनुमोदन प्रदान किया गया।

 प्राधिकरण में वर्तमान व्यवस्था के अन्तर्गत अति तीव्र, तीव्र एवं मंद गति के औद्योगिक क्षेत्र में नीति में परिवर्तन करते हुए 75 प्रतिशत से कम आवंटित औद्योगिक क्षेत्रों को मंद गति में वर्गीकृत किया गया जिसमें भूमि का आवंटन शासन के निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा तथा ईएमडी के मद में 5 प्रतिशत धनराशि प्राप्त करते हुए आवंटन किया जाएगा तथा आवंटन के बाद 20 प्रतिशत धनराशि 60 दिन के अन्दर प्राप्त करते हुए इकाई स्थापना हेतु एवं 75 प्रतिशत शेष धनराशि की तीन वर्ष के अन्तर्गत 6 छमाही किस्तो में व्याज सहित धनराशि प्राप्त की जाएगी। अति तीव्र एवं तीव्र औद्योगिक क्षेत्र में यह प्रक्रिया 10 प्रतिशत ई0एम0डी0 धनराशि प्राप्त करते हुए 40 प्रतिशत 60 दिन में धनराशि प्राप्त करते हुए यथावत मंद गति की भांति की जाएगी।

यूपीसीडा के प्रयासों से बढ़ेगा निवेश और रोजगार
मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने कहा कि, "यूपीसीडा राज्य में निवेश को बढ़ावा देने और बेहतर औद्योगिक माहौल तैयार करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस बजट से राज्य के अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों में नए प्रोजेक्ट्स को शुरू करने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।" मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने यह भी कहा कि ललितपुर में बनने वाला फार्मा पार्क और एक्स-लीडा जैसे क्षेत्रीय विकास प्रोजेक्ट्स न सिर्फ औद्योगिक आधारभूत ढांचे को मजबूत करेंगे, बल्कि उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए देश का सबसे पसंदीदा राज्य बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होंगे।

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