वाराणसी में हिन्दू जनजागृति समिति ने अपनी इन मांगों को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा !
वाराणसी - राष्ट्रध्वज राष्ट्र की अस्मिता है ! 15 अगस्त और 26 जनवरी को ये राष्ट्रध्वज अभिमान के साथ दिखाए जाते हैं; परंतु उसी दिन यही राष्ट्रध्वज सडकों और नालों में फटी हुई अवस्था में पडे मिलते हैं । इसलिए अनेक दिनों तक इन राष्ट्रध्वजों का अनादर देखना पडता है
वाराणसी में हिन्दू जनजागृति समिति ने अपनी मांगों को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा !
राष्ट्रध्वज छपे हुए उत्पाद विक्रय करनेवालों पर कार्यवाही करें ! - राष्ट्रप्रेमियों की मांग
वाराणसी - राष्ट्रध्वज राष्ट्र की अस्मिता है ! 15 अगस्त और 26 जनवरी को ये राष्ट्रध्वज अभिमान के साथ दिखाए जाते हैं; परंतु उसी दिन यही राष्ट्रध्वज सडकों और नालों में फटी हुई अवस्था में पडे मिलते हैं । इसलिए अनेक दिनों तक इन राष्ट्रध्वजों का अनादर देखना पडता है । आजकल तिरंगे के रंग के मास्क, राष्ट्रध्वज छपे हुए टी-शर्ट, टोपी आदि अन्य उत्पाद भी बेचे जाते हैं ।
इस प्रकार के विविध माध्यमों से राष्ट्रध्वज के होनेवाले अपमान को रोकने के लिए सरकार कठोर कार्यवाही करे, इसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यहां के अपर आयुक्त (प्रशासन) वाराणसी मंडल वाराणसी,
श्री. विश्व भूषण मिश्र तथा पुलिस आयुक्त, कमिश्नरेट वाराणसी, श्री. मुथा अशोक जैन को ज्ञापन दिया गया । इस समय अधिवक्ता अरुण कुमार मौर्या, अधिवक्ता कमल कुमार मिश्रा, श्री. कमलेश मिश्रा, श्री. मनोज मौर्य, श्री. प्रमोद गुप्ता आदि उपस्थित थे ।
ध्वजसंहिता के अनुसार ‘राष्ट्रध्वज का इस प्रकार से उपयोग करना’ ध्वज का अपमान ही है । यह ‘प्रतीक और नाम (अनुचित उपयोग की रोकथाम) अधिनियम, 1950’ तथा ‘राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971’ का उल्लंघन है । राष्ट्रध्वज का यह अनादर रोकने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय में जनहित याचिका (103/2011) प्रविष्ट की गई थी ।
इस संबंध में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने प्लास्टिक के राष्ट्रध्वज द्वारा होनेवाला अपमान रोकने का आदेश सरकार को दिया था । उसके अनुसार केंद्रीय और राज्य गृह विभाग तथा शिक्षा विभाग ने इससे संबंधित परिपत्रक भी निकाला था ।
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने भी ‘प्लास्टिक बंदी’ का निर्णय लिया है । किंतु अभी भी अनेक जगह छुप-छुपकर राष्ट्रध्वज बेचे जाते हैं ऐसे ध्यान में आया है । अतः सरकार द्वारा राष्ट्रध्वज का अपमान करनेवालों पर तत्काल कठोर कार्यवाही आवश्यक है ।
इस संदर्भ में शासन से निम्नांकित मांगे की गई -
1. शासन राष्ट्रध्वज का अपमान रोकने के लिए उद़्बोधन करनेवाली कृति समिति स्थापित करें ।
2. जनपद में कहीं भी प्लास्टिक के राष्ट्रध्वज का उत्पादन और बिक्री हो रही हो, तो संबंधितों पर तत्काल कार्यवाही करें ।
3. विद्यालयों में ‘राष्ट्रध्वज का सम्मान करें !’ यह उपक्रम चलाया जाए, ऐसा निर्देश दे ।
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