बौद्ध महोत्सव के आयोजन में तथागत बुद्ध के विचारों को आत्मसात करने से कायम होगा अमनचैन एव खुशहाली"विषय पर की गयी चिंता
सोनभद्र - दिनांक 18 फरवरी 2023 दिन शनिवार को जनपद सोनभद्र के चोपन थानांतर्गत ग्राम चिरहुली में बौद्ध महोत्सव सम्पन्न हुआ जिसकी शुरुआत सारनाथ वाराणसी से आए भन्ते ने बुद्ध ज्योति ने बुद्ध पूजा त्रिशरण , पंचशील कराके किया ।
बौद्ध महोत्सव का हुआ आयोजन
बौद्ध महोत्सव के आयोजन में तथागत बुद्ध के विचारों को आत्मसात करने से कायम होगा अमनचैन एव खुशहाली"विषय पर की गयी चिंता
शशिकांत सिंह की रिपोर्ट
सोनभद्र - दिनांक 18 फरवरी 2023 दिन शनिवार को जनपद सोनभद्र के चोपन थानांतर्गत ग्राम चिरहुली में बौद्ध महोत्सव सम्पन्न हुआ जिसकी शुरुआत सारनाथ वाराणसी से आए भन्ते ने बुद्ध ज्योति ने बुद्ध पूजा त्रिशरण , पंचशील कराके किया ।
मुख्य अतिथि जन अधिकार पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव मा0 सुषमा मौर्य ने कहा कि आज पूरा देश ही नही बल्कि पूरा विश्व आतंकवाद , आपसी कलह , आर्थिक तंगी अंधविस्वास से जूझ रहा है इससे बाहर निकलने का मात्र एक ही रास्ता है वो है तथागत
बुद्ध का मार्ग , तथागत बुद्ध ने कहा है कि यदि दुःख है तो उसका कारण है , कारण है तो निवारण है और निवारण का मार्ग है परंतु उस मार्ग पर हम सभी को चलना होगा ।
तथागत बुद्ध के विचारों को यदि हर ब्यक्ति आत्मसात कर ले तो पूरे विश्व मे अमनचैन शांति एवं खुशहाली कायम हो जाएगी जिसके लिए तथागत बुद्ध के द्वारा दिया गया त्रिशरण पंचशील एवं अष्टांगिक मार्ग को ग्रहण करना होगा और उसको अमल में लाना होगा ।
पूरे विश्व मे तथागत बुद्ध का ही एक ऐसा मार्ग है जो वैज्ञानिक है व तर्क करने की खुली छूट देता है और बुद्ध कहते है कि यदि कोई भी बात जब तर्क की कसौटी पर खरी उतरे तभी माने किसी के कह देने से मानने की जरूरत नही है ।
जहाँ तक भारतीय लोकतंत्र में जातीय जनगणना का सवाल है पहले हम लोगो को यह समझना होगा कि भारत का सम्बिधान तथागत बुद्ध की विचारधारा एव सम्राट अशोक के शासनपर आधारित सम्बिधान है बाबा साहब ने जो सम्बिधान देशवासियो को दिया है
वह सम्बिधान सबको बराबरी का अधिकार एव बराबरी का सम्मान देता है जिस वोट से सरकार बनती है और वह सरकार आपकी एव आपकी आनेवाली पीढ़ियों का भाग्य विधाता होती है और उस सरकार को भी बनाने में जो वोट का महत्व है चाहे राजा का वोट हो अथवा किसान मजदूर गरीब का वोट हो सबके वोटकी कीमत एक बराबर होता है यह बाबा साहब की देन है ।
भारतीय सम्बिधान कहता है कि इस देश मे रहने वाले लोगो को संख्या के अनुपात में जीवन के प्रत्येक क्षत्रो में प्रतिनिधित्व होना चाहिए परन्तु आजादी के बाद से चाहे जिसकी सरकारे बनी किसी ने इस काम को नही किया लेकिन हमारे वोट से बनी सरकार में पहुँचे लोग भारतीय सम्बिधान में सौ से ज्यादा संसोधन अपने फायदे के लिए किया है ।
इसलिए देश मे जाती जनगणना बहुत ही जरूरी है इस मंच के माध्यम से भी मै मांग करती हूँ कि सरकार जातीय जनगणना कराए और जिस जाती की जितनी संख्या है
उस जाती को जीवन के प्रत्येक क्षेत्रो में संख्या के अनुपात में हिस्सेदारी सुनिश्चित कराया जाना चाहिए जिससे समाज के अंतिम ब्यक्ति के होठों पर मुस्कान दिख सके जब तक जातीय जनगणना नही होगा तब तक लोगो को उनका हक हिस्सा मिलना सम्भव नही है ।
अंत मे कहना चाहूंगी कि हमे साम्प्रदायिक होने की जरूरत नही है , धार्मिक उन्माद फैलाने की जरूरत भी नही है और ऐसा कार्य जो लोग चर्चा में बने रहने के लिए कर रहे है ऐसे लोगो के बहकावे में आने की जरूरत नही है
इस तरह का कार्य करने वाले लोगो का देश समाज से कोई लेना देना नही होता है खुद के लिए एवं बेटे बेटी के लिए समाज को आग में झोकना चाहते है हमे ऐसा कोई गलत कार्य नही करना है की जो गैरकानूनी हो परन्तु इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि जिस विचारधारा को मानने वाला शासक होता वह विचारधारा मजबूत होती है और जिस विचारधारा को मानने वाला शासक नही होता है वह विचारधारा धीरे - धीरे लुप्त होती है ।
अंत मे कार्यक्रम आयोजक मंगला प्रसाद मौर्य ने बुद्ध महोत्सव में आए हुए लोगो के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया ।
बुद्ध महोत्सव को जन अधिकार पार्टी के रीवा सम्भाग प्रभारी भागीरथी सिंह मौर्य , वाराणसी मण्डल प्रभारी सुमन्त सिंह मौर्य , जिलाध्यक्ष आदित्य मौर्य , जिला महामंत्री रविरंजनशाक्य , प्रदेश महासचिव महिला प्रकोष्ठ रानी सिंह , राष्ट्रीय लोकदल जिलाध्यक्ष सन्तोष कुमार पटेल ,सपा नेता परमेश्वर यादव , बसपा नेता चुनमुन भारती , कांग्रेस नेता बाबूलाल पनिका , डॉ0 जे0 पी0 मौर्य , संकठा प्रसाद , इंद्रा बहादुर , जय प्रकाश मौर्य , कालीचरन ने भी सम्बोधित किया । कार्यक्रम में हजारों लोग मौजूद रहे ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विजय बहादुर सिंह एवं संचालन रविन्द्र कुशवाहा बी डी मौर्य व अनिल सिंह मौर्य ने किया ।
शशिकांत सिंह की रिपोर्ट
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