नेत्रोदय चिकित्सालय दी "आई सीटी" का हुआ उद्घाटन

वाराणसी :- देश की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी प्राचीन काल से चिकित्सा जगत में अग्रणी रही है । चिकित्सा जगत के जन्मदाता धनवंतरी यही के थे । उनके शिष्य चरक और सुश्रुत ने सर्जरी और मेडिसिन के क्षेत्र में आधुनिक चिकित्सा की नींव रखी । कालांतर में यह नींव थोड़ी कमजोर हो गई थी लेकिन बनारस फिर भी पूर्वांचल में चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है । पर इसमें बहुत कमियां थी । एक कमी आंख के एक बड़े अस्पताल की थी । आमतौर पर आंख के रोग के लिए दक्षिण भारत की तरफ पूर्वांचल के रोगियों को जाना पड़ता था लेकिन अब नहीं जाना पड़ेगा और यह दावा यूं ही नहीं है इस दावे को सच बना रहा है । बनारस के डाफी बायपास के पास 2 एकड़ जमीन पर 65000 वर्ग फ़ीट में बनी 8 मंजिला इमारत में नेत्रोदय , द आईसीटी ।

नेत्रोदय चिकित्सालय दी "आईसीटी" का हुआ उद्घाटन
वाराणसी :-  देश की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी प्राचीन काल से चिकित्सा जगत में अग्रणी रही है ।  चिकित्सा जगत के जन्मदाता धनवंतरी यही के थे । उनके शिष्य चरक और सुश्रुत ने सर्जरी और मेडिसिन के क्षेत्र में आधुनिक चिकित्सा की नींव रखी । कालांतर में यह नींव थोड़ी कमजोर हो गई थी लेकिन बनारस फिर भी पूर्वांचल में चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है ।

पर इसमें बहुत कमियां थी । एक कमी आंख के एक बड़े अस्पताल की थी ।  आमतौर पर आंख के रोग के लिए दक्षिण भारत की तरफ पूर्वांचल के रोगियों को जाना पड़ता था लेकिन अब नहीं जाना पड़ेगा और यह दावा यूं ही नहीं है इस दावे को सच बना रहा है । बनारस के डाफी बायपास के पास 2 एकड़ जमीन पर 65000 वर्ग फ़ीट में बनी 8 मंजिला इमारत में नेत्रोदय , द आईसीटी । 

नेत्रोदय , द आईसीटी को 5 नवंबर को लोकार्पण किया परम पूज्य परमहंस श्री अड़गड़ानंद महाराज जी ने महाराज जी ने इस मौके पर कहा कि "नेत्रोदय , द आईसीटी नाम में ही इस अस्पताल का सारा दर्शन छुपा हुवा है।  यहां न सिर्फ विश्व स्तरीय नेत्र चिकत्सा की सुविधा पूर्वांचल और बिहार के इलाके के समाज के आखिरी पायदान पर बैठे लोगों  को उचित कीमत पर मिलेगी ।

 बल्कि नेत्र से सम्बंधित सभी तरीके से शोध और रिसर्च के साथ साथ आधुनिक पठाई भी होगी।  सिर्फ आँख के लिये उत्तर भारत में चिकित्सा जगत की सम्पूर्णता को लिये इतना बड़ा कोई अस्पताल नहीं है।  इसे देख कर मेरे मन मे यही आ रहा है कि  "सपने तो सब देखते हैं लेकिन उसे सच का लिबास पहनाने का हौसला सब में नहीं होता डॉक्टर अभिषेक चंद्रा ने सपने भी देखा और अपने सपने को सच का लिबास भी पहनाया " इन को ढेर सारा हमारा आशीर्वाद है कि अपने मकसद में कामयाब हो । 

परम पूज्य परमहंस स्वामी अड़गड़ानंद जी ने जो बात कही वह यूं ही नहीं है 8 मंजिला इस अस्पताल में 6 ऑपरेशन थिएटर हैं जिसमें 4 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर रहेगा । ओपीडी के 20 चेंबर हैं इसके साथ ही सेमिनार हॉल,  क्लासरूम , लाइब्रेरी , 5 स्टेट ऑफ आर्ट रिसर्च लैबोरेट्री और लेटेस्ट डायग्नोस्टिक एंड सर्जिकल इक्विपमेंट की मशीनें उपलब्ध है । जहां मरीज का बेहतर जांच के साथ इलाज संभव हो सकेगा।

इसके अलावा अस्पताल में आंख की देखभाल के क्षेत्र में जो सुविधाएं उपलब्ध हैं उनमें प्रमुख है लेसिक एंड रिफ्रैक्टिव सर्जरी , ट्रॉपिकल फेंकोमलसीएशन फॉर कट्रेक्ट , कॉर्नियल ट्रांसप्लांट एंड आई बैंक, वेट्रियो रेटिना सर्जरी, आर ओ पी स्क्रीनिंग एंड लेजर ग्लूकोमा मैनेजमेंट , न्यूरो आपथल्मोलॉजी , पीडियाट्रिक आप्थाल्मालॉजी और स्क्विंट सर्जरी के साथ लो विजन क्लीनिक की भी व्यवस्था है

इस अस्पताल में अगर डायग्नोस्टिक सुविधा की बात करें तो लिपिव्यू लिपिफ्लो ओसिटी जो रेटिना,  ग्लूकोमा और कार्निया की जांच में काम आता है ।  यूएसजी- बी स्कैन , यूएसजी-ए स्कैन , सीरियस टू टोमोग्राफी, कॉर्नियल टोपोग्राफी सहित लेटेस्ट दर्जनों आज के जांच की फैसिलिटी के साथ जेनेटिक काउंसलिंग की भी सुविधा उपलब्ध है।

नेत्रोंदय द आईसीटी को मूर्त रूप देने वाले डॉक्टर अभिषेक चंद्रा बताते हैं

कि पूर्वांचल में मल्टीसशलिटी हॉस्पिटल की परिकल्पना तो थी लेकिन सिर्फ आंख का इतना बड़ा अस्पताल किसी ने सोचा नहीं होगा अब ये अस्पताल पूर्वांचल सहित बिहार और मध्य प्रदेश के साथ नेपाल के लोगों के लिए भी एक वरदान साबित होगा । लोकार्पण के इस मौके पर शहर के जाने-माने गणमान्य लोग उपस्थित थे जिनमें प्रमुख रूप से चंद्रकला पाडिया , सावित्री देवी गिनोडिया, विनीता चंद्रा, मधुबाला, डॉ अभिनव पाडिया डॉक्टर सुमित्रा गीनोडिया शिवकुमार अग्रवाल ,डॉक्टर गोविंद ,डॉ अभिषेक दीक्षित आदि उपस्थित थे

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