काशी को स्मार्ट सिटी से आगे अब वर्ल्ड क्लास सिटी बनाना है : योगी आदित्यनाथ
वाराणसी, 29 अप्रैल। काशी में विजय पर किसी को संदेह नहीं है। लोकसभा, विधानसभा से लेकर हर चुनाव में काशीवासियों का सहयोग सदैव मिला है। मगर इस बार हमारा लक्ष्य फुल मेजॉर्टी का बोर्ड बनाने पर है। डबल इंजन के साथ फुल मेजॉर्टी के ट्रिपल इंजन की ताकत से अब काशी को स्मार्ट सिटी से भी आगे बढ़कर वर्ल्ड क्लास सिटी बनाना है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को यहां सरोजा पैलेस में आयोजित संवाद सभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि दुनिया के हर सनातनी की ये चाहत है कि काशी वैश्विक मंच पर नई आभा बिखेरे।
काशी को स्मार्ट सिटी से आगे अब वर्ल्ड क्लास सिटी बनाना है : योगी आदित्यनाथ
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में संवाद सभा को किया संबोधित
- बोले सीएम, काशी में विजय पर किसी को संदेह नहीं, फुल मेजॉर्टी का बोर्ड बनाना लक्ष्य
- दुनिया का हर सनातनी चाहता है वैश्विक मंच पर नई आभा बिखेरे काशी : योगी
- काशी में हर परियोजना ऑटो मोड में चल रही है, लापरवाही पर लिया है सख्त एक्शन : योगी
- कोई माफिया किसी नंद किशोर रूंगटा का अपहरण करने का दु:साहस नहीं कर सकता : योगी
वाराणसी, 29 अप्रैल। काशी में विजय पर किसी को संदेह नहीं है। लोकसभा, विधानसभा से लेकर हर चुनाव में काशीवासियों का सहयोग सदैव मिला है। मगर इस बार हमारा लक्ष्य फुल मेजॉर्टी का बोर्ड बनाने पर है। डबल इंजन के साथ फुल मेजॉर्टी के ट्रिपल इंजन की ताकत से अब काशी को स्मार्ट सिटी से भी आगे बढ़कर वर्ल्ड क्लास सिटी बनाना है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को यहां सरोजा पैलेस में आयोजित संवाद सभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि दुनिया के हर सनातनी की ये चाहत है कि काशी वैश्विक मंच पर नई आभा बिखेरे। मुख्यमंत्री ने सुदृढ़ हुई कानून व्यवस्था को लेकर कहा कि आज कोई अपराधी और माफिया सीना तानकर नहीं चल सकता। कोई माफिया किसी नंद किशोर रूंगटा का अपहरण करने का दु:साहस नहीं कर सकता।
पिछले 6 साल में मैंने की सर्वाधिक काशी यात्रा, यहां आकर गर्व होता है : योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा विश्वनाथ की इस पावन धरा पर मां गंगा की कृपा से परिपूर्ण प्रबुद्धजनों के बीच मैं अपने आप को पाकर हमेशा गौरवान्वित होता हूं। आप सब से संवाद के लिए किसी ना किसी बहाने मेरा काशी आना होता है। पिछले 6 साल के दौरान मेरी सर्वाधिक यात्रा काशी की हुई है।
काशी की यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण होती है क्योंकि ये भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी के रूप में दुनियाभर के सनातनियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। बीते 9 साल में पीएम ने काशी को कर्मसाधना स्थली बनाकर इसे नये कलेवर और काया के साथ वैश्विक मंच पर नई पहचान दी है। अभी हाल ही में काशी में दुनिया के बीस बड़े देशों का जी-20 सम्मेलन आयोजित हुआ।
कई गुना ज्यादा तेजी से हो रहा है काशी का विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी में अब तीन गुना या चार गुना नहीं बल्कि कई गुना ज्यादा तेजी से विकास हो रहा है। सड़कों का चौड़ीकरण हो रहा है। शहर को चारों तरफ से फोर लेन की कनेक्टिविटी दी जा रही है। कैंट से गोदौलिया तक रोपवे बन रहा है, जिससे एक दिन में एक लाख लोग आ जा सकते हैं।
काशी की चौड़ी और चमकती हुई सड़कें, स्वच्छता, टीएफसी, कन्वेंशन सेंटर, कैंसर संस्थान के रूप में विकास स्पष्ट दिखाई देता है। मुझे बताया गया कि यहां कैंसर संस्था में अबतक 21 हजार कैंसर मरीजों का उपचार किया जा चुका है। मैंने खुद मुख्यमंत्री राहत कोष से 72 करोड़ रुपए कैंसर रोगियों के लिए प्रदान किये हैं।
तुष्टिकरण नहीं सशक्तिकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने किसी भी योजना में बिना जाति, मत, मजबह देखे सबको लाभ दिया है। प्रधानमंत्री के मिशन को विजन मानकर तुष्टिकरण नहीं सशक्तिकरण पर ध्यान दिया। तुष्टिकरण ने यूपी का बेड़ा गर्क करके रख दिया था। आज यूपी में दंगे नहीं हो रहे, व्यापारियों से रंगदारी नहीं वसूली जाती।
उपद्रव का स्थान उत्सवों ने ले लिया। पार्टी विशेष के लोग तमंचे लेकर व्यापरियों को धमकाते थे। हमने युवाओं के हाथ में टैबलेट देकर उसे टेक्नॉलाजी से जोड़कर तकनीकी रूप से सक्षम बनाने का काम किया है।
2017 से पहले क्या स्थिति थी, किसी से छिपा नहीं है। शहर में शोहदों का आतंक था, मगर हमारे शहर आज सेफ सिटी बन चुके हैं। कूड़े के ढेर दिखते थे, आज स्मार्ट सिटी बन रहे हैं। गर्मी आते ही टैंकर से पानी पहुंचाने की नौबत आ जाती थी, आज हर घर नल योजना चल रही है। हमें प्रधानमंत्री जी के विजन को जमीन पर ले जाना है।
काशी बेहतरीन परिणाम देने जा रही है
उन्होंने कहा कि ये चुनाव आम जनता की बुनियादी आवश्यकताओं को लेकर हो रहा है। सफाई, सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए वाटर टैक्स, जाति प्रमाणपत्र, निवास प्रमाण पत्र निर्गत प्रक्रिया को कैसे सरल कर सकते हैं, कैसे इन व्यवस्थाओं को आनलाइन कर सकते हैं। ट्रैफिक मैनेजमेंट को कैसे सुधार सकते हैं, ये चुनाव इसपर आधारित है। हमें अच्छी चमकती स्ट्रीट लाइट से लेकर पार्किंग, कन्वेंशन सेंटर जैसी जरूरतों को निकाय चुनाव तय करता है। एक सांसद और विधायक पैसा भेज सकता है,
मगर जमीनी धरातल पर कार्य बोर्ड ही तय करता है। मेरा विश्वास है कि वही बोर्ड सबसे ज्यादा काम करेगा, जिसके साथ पहले से डबल इंजन की तकत जुड़ी हो। काशी में 25 से 30 लाख लोग निवास कर रहे हैं। तीन इंजन एक साथ मिलकर चलते दिखेंगे तो जनता की हर आवश्यकता पूरी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पेजयल लाइन बिछाने में लापरवाही करने वालों पर हमने कठोर कार्रवाई करते हुए 36 इंजीनियर को एक साथ चार्जशीट दी थी। आज वाराणसी में हर परियोजना ऑटो मोड में आगे बढ़ रही है। निकाय चुनाव में काशी बेहतरीन परिणाम देने जा रही है।
इस अवसर पर दिलीप पटेल, विद्यासागर राय, मंत्री जयवीर सिंह, अनिल राजभर, रविन्द्र जायसवाल, दयाशंकर मिश्र दयालू, विधायक एवं पूर्व विधायक सहित जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर पद के प्रत्याशी अशोक तिवारी और बड़ी संख्या में वाराणसी के प्रबुद्धजन मौजूद रहे।
[22:27, 4/29/2023] Ratnesh Rai: देश की विविधताओं का संगम काल है भारत का ये अमृत काल : नरेन्द्र मोदी
- प्रधानमंत्री मोदी ने काशी में आयोजित गंगा पुष्करालु उत्सव को किया वर्चुअली संबोधित
- काशी के मानसरोवर घाट पर उत्तर और दक्षिण भारत प्राचीन रिश्तों को पीएम ने बताया पवित्र
वाराणसी, 29 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र काशी में गंगा पुष्करालु उत्सव में शनिवार को वर्चुली शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने मानसरोवर घाट पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया।
उन्होंने दक्षिण और उत्तर भारत के प्राचीन रिश्तों का जिक्र करते हुए काशी पधारे मेहमानों का स्वागत किया। 12 साल बाद काशी में गंगा पुष्करम कुम्भ का आयोजन किया जा रहा है,
जिसमें लाखों की तादात में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोग तर्पण, गंगा स्नान और काशी के मंदिरों में दर्शन-पूजा के पहुंचे हैं। पीएम ने अपने संबोधन में कहा आप सभी लोग मेरे व्यक्तिगत रूप से मेहमान हैं, मैं आप सभी का काशी में स्वागत करता हूं।
उन्होंने कहा कि यह गंगा पुष्करालु उत्सव गंगा और गोदावरी के संगम की तरह है। भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति और परंपराओं के संगम का उत्सव है। कुछ महीने पहले काशी की धरती पर काशी तमिल संगम का आयोजन भी हुआ था। पीएम ने कहा कि अभी कुछ ही दिन पहले मुझे सौराष्ट्र तमिल संगम में भी शामिल होने का सौभाग्य मिला था।
तब मैंने कहा था आजादी का यह अमृत काल देश की विविधताओं का, विविध धाराओं का संगम काल है, जिससे राष्ट्रीयता का अमृत निकल रहा है जो भारत को अनंत भविष्य तक ऊर्जावान रखेगा।
पीएम ने काशीवासियों और तेलुगू भाषियों के रिश्तों का जिक्र करते हुए कहा कि जब भी कोई तेलुगू भाषी काशी आता आता है तब काशीवासियों को लगता है कि उनके परिवार का कोई सदस्य आ गया है। काशी के लोग पीढ़ियों से आप सब का स्वागत करते आए हैं।
काशी जितनी प्राचीन है उतना ही प्राचीन और पवित्र तेलुगू लोगों की काशी में आस्था है। आज भी जितने तीर्थयात्री काशी आते हैं, उनमें बहुत बड़ी संख्या अकेले आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोगों की होती है। काशी के लोग और तीर्थयात्री जब बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने जाते हैं
तो तैलंग स्वामी के आशीर्वाद लेने आश्रम भी जाते हैं। स्वामी रामकृष्ण परमहंस तो तैलंग स्वामी को साक्षात काशी का जीवंत शिव कहते थे। काशी ने तेलुगु लोगों को अपनाया और आत्मसात किया है। वैसे ही तेलुगु लोगों ने भी काशी को अपनी आत्मा से जोड़ कर रखा है। यहां तक कि पवित्र तीर्थ वेमुलावाड़ा को भी दक्षिण काशी कहकर बुलाया जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आमतौर पर तेलंगाना के मंदिरों में, जो काला सूत्र हाथ में बांधा जाता है। उसे आज भी काशी दानम कहते हैं। काशी और काशी की महिमा तेलुगू भाषा और साहित्य में भी उतनी ही गहराई से रची बसी है। दूर होकर भी दिलों के करीब होना यही भारत की वह विरासत है जिसने एक भारत श्रेष्ठ भारत के विश्वास को सदियों से जीवंत रखा है।
उन्होंने कहा कि काशी मुक्ति और मोक्ष की नगरी भी है, जहां तेलुगू लोग हजारों किलोमीटर चलकर काशी आते थे। अपनी यात्रा में तमाम परेशानी उठाते थे। आधुनिक समय में परिस्थितियां तेजी से बदल रही है। आज एक ओर विश्वनाथ धाम का दिव्य वैभव है तो दूसरी ओर गंगा के घाटों की भव्यता भी है। आज एक ओर काशी की गलियां हैं तो दूसरी ओर नई सड़कों और हाईवे का नेटवर्क भी है।
पीएम ने बदलते बनारस की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से जो लोग पहले काशी आ चुके हैं वह काशी में हो रहे बदलाव को महसूस कर रहे होंगे। एक समय था जब एयरपोर्ट से दशाश्वमेध घाट तक पहुंचने में घंटों लग जाते थे। आज नया हाईवे बनने से आप लोगों का बहुत समय बच रहा है। अब काशी में ज्यादातर जगहों पर बिजली के तार अंडरग्राउंड हो चुके हैं। आज काशी के अनेकों कुंड, मंदिरों तक आने-जाने का रास्ता सुगम हो गया है। गंगा जी में सीएनजी वाली नावें भी चलने लगी हैं और वह दिन भी दूर नहीं जब बनारस आने जाने वालों को रोप वे की सुविधा भी मिल जाएगी। काशी के घाटों की साफ-सफाई को बनारस के लोगों ने जन आंदोलन बना दिया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से भी काशी वासियों का जितना गुणगान करूं जितना गौरव करूं उतना कम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे काशीवासियों पर पूरा भरोसा है वो आपके स्वागत में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। बाबा का आशीर्वाद, काल भैरव और मां अन्नपूर्णा के दर्शन, गंगा जी में डुबकी आपकी आत्मा प्रसन्न कर देगी। पीएम मोदी ने काशी की यात्रा को यादगार बनाने के लिए गर्मी में काशी की लस्सी ठंडाई के सेवन की याद दिलाई। कहा कि बनारस की चाट, लिट्टी-चोखा और बनारसी पान इनका स्वाद आपकी यात्रा को और भी यादगार बना देंगे।
प्रधानमंत्री ने दक्षिण और उत्तर भारत के उत्पादों की एकरूपता का भी बखान किया। कहा कि दोनों जगह लकड़ी के खिलौने के लिए प्रसिद्ध हैं। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से लोग अपने साथ लकड़ी के बनारसी खिलौने, बनारसी साड़ी, बनारसी मिठाई ऐसी बहुत सारी चीजें ले जा सकते हैं।
पीएम मोदी ने गंगा पुष्करम उत्सव के दौरान कहा कि हमारे पूर्वजों ने भारत की चेतना को अलग-अलग केंद्रों में स्थापित किया है, जिनसे मिलकर भारत माता का स्वरूप पूरा होता है। काशी में अगर बाबा विश्वनाथ हैं, तो आंध्र में मल्लिकार्जुन हैं और तेलंगाना में भगवान राजराजेश्वर हैं।
काशी में अगर विशालाक्षी शक्तिपीठ है, तो आंध्र में मां भ्रमारंबा और तेलंगाना में राजराजेश्वरी। सारे पवित्र स्थान भारत और भारत की सांस्कृतिक पहचान के महत्वपूर्ण केंद्र हैं। हमें देश की इस विविधता को इसी समग्रता से देखना है। तभी हम अपनी पूर्णता को जान पाएंगे, तभी हम अपने पूरे सामर्थ्यो को जागृत कर पाएंगे। मुझे विश्वास है गंगा पुष्करालु जैसे उत्सव राष्ट्र सेवा के इस संकल्प को ऐसे ही आगे बढ़ाते रहेंगे।
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