मर कर भी अमर हो गई काशी की बेटी निधि श्रीवास्तव

varanasi , liveupweb,वाराणसी 21 मई:-वर्तमान समय में जहां आदमी जीते जी अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए व्याकुल रहता है,वहीं समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो मर कर भी दूसरो के काम आने के लिए कुछ कर गुजरने की मंशा रखते हैं और मरने के बाद भी समाज का भला कर जाते हैं। ऐसे ही लोंगो में से एक थी काशी की बेटी निधि श्रीवास्तव जिसने मृत्यु के पश्चात समाज कल्याण के लिए अपने समस्त जरूरी अंगो का दान कर मानवता का सर्वोच्च उदाहरण प्रस्तुत किया।

varanasi , liveupweb,वाराणसी 21 मई:-वर्तमान समय में जहां आदमी जीते जी अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए व्याकुल रहता है,वहीं समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो मर कर भी दूसरो के काम आने के लिए कुछ कर गुजरने की मंशा रखते हैं और मरने के बाद भी समाज का भला कर जाते हैं। ऐसे ही लोंगो में से एक थी काशी की बेटी निधि श्रीवास्तव जिसने मृत्यु के पश्चात समाज कल्याण के लिए अपने समस्त जरूरी अंगो का दान कर मानवता का सर्वोच्च उदाहरण प्रस्तुत किया। 


        वाराणसी के सिगरा स्थित माधोपुर की मूल निवासी काशी की बेटी निधि श्रीवास्तव का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ। निधि के पिता पेशे से एक मजदूर हैं जो मजदूरी करके अपने परिवार के पांच बच्चों का भरण पोषण करते हैं। निधि भी उनमें से एक थी। अपने पिता के सर पर परिवार का भारी बोझ और आर्थिक तंगी को देखते हुए महज 20 वर्ष की अल्पायु में ही निधि ने काम करना शुरु किया। वो गुजरात के जामनगर में एक फैक्टरी में कार्यरत थी। 
विगत 14 मई को निधि श्रीवास्तव अपने फैक्टरी के लिए निकली ही थी,कि दुर्भाग्यवश बीच रास्ते में ही सड़क हादसे का शिकार हो गई जिसमें उसे कई गंभीर चोटें आईं,और सिर पर आई गम्भीर चोट से वह अचेत हो गयी। 
आसपास के लोंगो और राहगीरों ने  उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया  और परिवार के लोगो को सूचित किया।
     इस बीच घटना की जानकारी  भाजपा के प्रदेश सहप्रभारी सुनील ओझा को मिली। 


          अहमदाबाद के  सिविल अस्पताल में उसका इलाज प्रारम्भ हुआ  लेकिन लगभग छः दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद दिनांक 19 मई को निधि श्रीवास्तव ने अन्ततः इस दुनिया को अलविदा कह दिया लेकिन मरने के पहले निधि श्रीवास्तव की यह आख़िरी इच्छा थी कि उसके मरने के बाद उसके सभी जरूरी अंगो को दान कर दिया जाए ताकि किसी जरूरतमंद मरीज की जान बचाई जा सके और किसी परिवार को उजड़ने से बचाया जा सके। दिनांक 19 मई को अहमदाबाद के सिविल हास्पिटल में निधि श्रीवास्तव ने अंतिम साँसें ली और उसकी अंतिम इच्छानुसार उसके सभी जरूरी अंग हृदय,लीवर,किडनी,आंख आदि को अस्पताल को डोनेट कर दिया गया।


          घटना की जानकारी मिलने पर काशी के सांसद एवं प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने काशी की बेटी निधि श्रीवास्तव के निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए अपनी शोक संवेदना व्यक्त की।
निधि श्रीवास्तव भले चली गई लेकिन उसने जाते जाते समाज को यह संदेश दिया कि इंसान मर कर भी अमर हो सकता है और निधि श्रीवास्तव अमर हो गई। 
          भाजपा काशी क्षेत्र के मीडिया प्रभारी नवरतन राठी के अनुसार  20 मई की देर रात्रि में निधि श्रीवास्तव का पार्थिव शरीर अहमदाबाद से एंबुलेंस द्वारा उनके सिगरा,माधोपुर स्थित आवास पर लाया गया,सूचना मिलने पर वरिष्ठ भाजपा जनों ने उनके आवास पर जाकर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की और शव यात्रा में शामिल हुए, देर रात्रि उनकी शव यात्रा उनके माधोपुर स्थित आवास से  प्रारम्भ हुई जो रात्रि 12 बजे  हरिश्चंद्र घाट पहुंची। जहां उनका अंतिम संस्कार सम्पन्न हुआ मुखाग्नि उनके ज्येष्ठ भ्राता अतुल श्रीवास्तव ने दी।
           शोक संवेदना प्रकट करने एवं शवयात्रा में प्रधानमंत्री संसदीय कार्यालय, वाराणसी के प्रभारी शिवशरण पाठक,महानगर अध्यक्ष विधासागर राय,राजेश त्रिवेदी,मधुप सिंह, नवरतन राठी,शैलेंद्र मिश्रा,राजेश यादव चल्लु,सिंधु सोनकर,जगन्नाथ ओझा,रामशरण बिंद,पंकज पटेल, सहित अनेक भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे सभी ने नम आँखों से काशी की बेटी को अंतिम विदाई दी।

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