जानिये पूर्वांचल के किन प्राकृतिक स्थलों को अंतरराष्ट्रीय ईको टूरिज्म की पहचान दिलाएगी योगी सरकार
वाराणसी, 6 दिसम्बर। पूर्वांचल की धरती अपने प्राकृतिक सौंदर्य और धरोहरों को समेटे हुए सदियों से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रही है। गोवा जैसे बीच हों, चंद्रकांता का तिलिस्मी किला हो, दुनिया के सबसे पुराने जीवाश्म पार्क हों या अनेक वाटर फाल। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब इन प्राकृतिक स्थलों को इको टूरिज्म के तौर पर दुनिया में पहचान दिलाने जा रही है। सरकार इसके लिए अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल राइटर्स कॉन्क्लेव का आयोजन कराने जा रही है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय हैंडीक्राफ्ट कॉन्क्लेव का भी आयोजन होगा। 9 से 12 दिसंबर के बीच आयोजित होने वाले इस कॉन्क्लेव में एससीओ देशों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे।
जानिये पूर्वांचल के किन प्राकृतिक स्थलों को अंतरराष्ट्रीय ईको टूरिज्म की पहचान दिलाएगी योगी सरकार
-9 से 12 दिसम्बर के मध्य आयोजित किया जाएगा अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल राइटर्स कॉन्क्लेव
- इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय हैंडीक्राफ्ट कॉन्क्लेव का भी होगा आयोजन
- कॉन्क्लेव में एससीओ देशों के सदस्य रूस और उज्बेकिस्तान के राइटर, हस्तशिल्प और महत्वपूर्ण लोग होंगे शामिल
- मेहमानों को वाराणसी, सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली का कराया जाएगा भ्रमण
- सदियों से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है पूर्वांचल का प्राकृतिक सौंदर्य और धरोहर
- पर्यटकों को लुभाते रहे हैं चंद्रकांता का तिलिस्मी किला, दुनिया का सबसे पुराना जीवाश्म पार्क और अनेक वाटर फाल
वाराणसी, 6 दिसम्बर। पूर्वांचल की धरती अपने प्राकृतिक सौंदर्य और धरोहरों को समेटे हुए सदियों से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रही है। गोवा जैसे बीच हों, चंद्रकांता का तिलिस्मी किला हो, दुनिया के सबसे पुराने जीवाश्म पार्क हों या अनेक वाटर फाल। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब इन प्राकृतिक स्थलों को इको टूरिज्म के तौर पर दुनिया में पहचान दिलाने जा रही है। सरकार इसके लिए अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल राइटर्स कॉन्क्लेव का आयोजन कराने जा रही है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय हैंडीक्राफ्ट कॉन्क्लेव का भी आयोजन होगा। 9 से 12 दिसंबर के बीच आयोजित होने वाले इस कॉन्क्लेव में एससीओ देशों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे।
बड़े ट्रैवेल राइटर्स होंगे शामिल
वाराणसी हमेशा से विश्व के प्रसिद्ध ब्लॉगर्स, इन्फ्लुएंसर्स, ट्रैवल राइटर्स के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। योगी सरकार का प्रयास है कि दुनिया न सिर्फ वाराणसी, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली के इन प्राकृतिक सौंदर्य व ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में जाने बल्कि इनका अवलोकल करने के लिए प्रदेश की ओर रुख करे। इसी योजना को मूर्त रूप देने के लिए अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल राइटर्स कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। डिप्टी डायरेक्टर पर्यटन प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि 9 से 12 दिसम्बर तक होने वाले इस आयोजन में देश और दुनिया के 25 से अधिक ब्लॉगर्स, इन्फ्लुएंसर्स, ट्रैवल राइटर्स, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, फोटो जर्नलिस्ट हिस्सा लेंगे। साथ ही एससीओ देशों में से रूस से जुड़े 8 व उज़्बेकिस्तान से 5 बड़े ट्रेवल राइटर्स भी शामिल होंगे।
अल्प ज्ञात स्थलों का कराया जाएगा भ्रमण
डिप्टी डायरेक्टर पर्यटन ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल राइटर्स कॉन्क्लेव में आने वाले सदस्यों को वाराणसी के साथ ही नजदीक ऐसे स्थानों का भी भ्रमण कराने की योजना है जिनमें टूरिज्म को लेकर काफ़ी पोटेंशियल है। ये ऐसे स्थल हैं जिनके बारे में लोगों को काफी कम जानकारी है। इनमें मुख्य रूप से चुनार का ऐतिहासिक किला, तिलिस्म और अय्यारी के लिए मशहूर चंद्रकांता टीवी सीरियल का विजयगढ़ किला, सोनभद्र के प्रागैतिहासिक रॉक शेल्टर्स, रॉक पेंटिंग्स, वॉटरफॉल्स तथा ईको टूरिज्म स्पोर्ट्स प्रमुख हैं। उत्तर भारत का मिनी गोवा कहे जाने वाले सोनभद्र में ट्राईबल विलेज अबाड़ी जो प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर क्षेत्र है। इसके साथ ही चंदौली जिले में जंगलों के बीच स्थित राज दरी व देव दरी का जलप्रपात बहुत ही आकर्षक है। सभी पर्यटन स्थल वाराणसी से करीब सौ किलोमीटर के दायरे में है। उन्होंने बताया की मेहमानों को वाराणसी और आसपास के ऐसे कम ज्ञात स्थलों के पर्यटन से जुड़े सभी पहलुओं
से परिचित कराया जायेगा ताकि वे देश व दुनिया के पर्यटकों को अपने माध्यम से इसके बारे में बता सकें।
हस्तशिल्पियों का लगेगा जमावड़ा
इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय हैंडीक्राफ्ट कॉन्क्लेव में भी देश और दुनिया के हस्तशिल्प और इससे जुड़े लोग शामिल होंगे। खास तौर पर एससीओ के सदस्य देश उज़्बेकिस्तान से अंतरराष्ट्रीय हैंडीक्राफ्ट कॉन्क्लेव में भाग लेने के लिए सात हस्तशिल्प कलाकार भी वाराणसी आ रहे हैं।
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