जाने तीस्ता सीतलवाड़ कौन है औ क्यों मोदी को भेजना चाहती थी जेल
तीस्ता सीतलवाड़ इन दिनों फिर चर्चा में आई है वैसे तीस्ता सिवाड़ कहना को तो सामाजिक कार्यकर्ता है लेकिन गुजरात दंगे को लेकर मोदी को हमेशा घेरने का काम करती थी लेकिन वे एक सामाजिक कार्यकर्ता कम बल्कि कांग्रेस के एजेंट के रूप में काम करती थी पढ़े पूरी रिपोर्ट :- तीस्ता जावेद सीतलवाड़ को कल के सुप्रीम कोर्ट के दिये फैसले की वजह से गुजरात SIT ने घर से उठाया ।
तीस्ता सीतलवाड़ इन दिनों फिर चर्चा में आई है वैसे तीस्ता सिवाड़ कहना को तो सामाजिक कार्यकर्ता है लेकिन गुजरात दंगे को लेकर मोदी को हमेशा घेरने का काम करती थी लेकिन वे एक सामाजिक कार्यकर्ता कम बल्कि कांग्रेस के एजेंट के रूप में काम करती थी पढ़े पूरी रिपोर्ट :-तीस्ता जावेद सीतलवाड़ को कल के सुप्रीम कोर्ट के दिये फैसले की वजह से गुजरात SIT ने घर से उठाया ।
पर ....
ये कोई नहीं जानता कि ये देश जस्टिस एमबी सोनी का भी कर्जदार है!!*
आइए बताता हूं!
नरेंद्र मोदी को जेल मे सडाने की प्लानिंग किसकी थी!!!?
*कैसे नरेंद्र मोदी बच सके!!? *
षड्यंत्र कितने खतरनाक!!!
आप अंदाजा नहीं लगा सकते!!!
अगर वो सफल हो जाते!!!
तो हम क्या खो देते????
तो नरेंद्र मोदी का हश्र क्या होता!!!?
कांग्रेस राज में कोई भी केस सुप्रीम कोर्ट में जाने के पहले ही सब कुछ मैनेज हो जाता था!!
वो...कि केस किस जज की बेंच में जायेगा और वो जज क्या फैसला देंगे ...
कांग्रेस की 70 सालों की सफलता का यही सबसे बड़ा राज है कि!!...उसने मीडिया और न्यायपालिका सबको मैनेज करके अपना राज स्थापित किया ..
गुजरात हाईकोर्ट के रिटायर जज जस्टिस एमबी सोनी ने इसका खुलासा तब किया, जब उन्होंने पाया की गुजरात दंगो के सम्बन्धित कोई भी याचिका, जो तीस्ता सीतलवाड सुप्रीम कोर्ट में दायर करती है वो सिर्फ जस्टिस आफताब आलम के बेंच में ही क्यों जाती है, जबकि रोस्टर के अनुसार वो किसी और के बेंच में जानी चाहिए ।..
फिर उन्होंने और तहकीकात की तो पता चला कि रजिस्ट्रार को ऊपर से आदेश था कि तीस्ता का केस जस्टिस आफ़ताब आलम के बेंच में भेजा जाए और इसके लिए मस्टर रोल और रोस्टर को बदल दिया जाये ..
फिर उन्होंने और तहकीकात की तो पता चला कि.... जस्टिस आफताब आलम की सगी बेटी अरुसा आलम, तीस्ता के एनजीओ सबरंग में पार्टनर है और ... उस समय के केबिनेट मंत्री और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की पत्नी भी उसी NGO में हैं, ..
यह सब जानकर उन्होंने ...इसके खिलाफ चीफ जस्टिस को पत्र भेजा, और.... जस्टिस आफ़ताब आलम, कांग्रेस नेता और हिमाचल के मुख्यमंत्री की बेटी (जस्टिस अभिलाषा कुमारी) के 10 फैसलों की बकायदा आठ हजार पन्नों में विस्तृत विबेचना करके भेजा .... और कहा कि इन लोगों ने खुलेआम न्यायव्यवस्था का बलात्कार किया है।
इसके बाद ही इस गैंग को ....गुजरात के हर एक मामले से अलग किया गया।
.....अगर जस्टिस एम बी सोनी नहीं होते" तो कांग्रेस सरकार नरेंद्र मोदी को दंगों के मामलों में फंसाने की पूरी प्लानिंग कर चुकी थी।
कभी आपने राहुल गाँधी, लालू यादव, सीताराम येचुरी, मायावती, अखिलेश, ममता, महबूबा, और विपक्ष के नेताओं को एक दूसरे को चोर बोलते सुना है ?
...नहीं !!!
जबकि इनमें से कुछ को ....सजा भी हो चुकी है, ...कोई जेल में है, ....कोई बेल पर है और ....कुछ पर कोर्ट में मुकदमे चल रहे हैं, मगर .... ये लोग एक दूसरे को चोर कभी नहीं बोलते !
परन्तु मोदी जिस पर ...कोई भी आधिकारिक आरोप नहीं है, ....कोई FIR नहीं है, ....कोई मुकदमा भी नहीं चल रहा है और ....किसी कोर्ट ने किसी जाँच का आदेश भी नहीं दिया, उसे ये सारे नेता चोर बोलते हैं !
यह देखकर आश्चर्य होता है .... धन्य है इस तरह की बेहूदी समझ को, और देश के प्रति गैरजिम्मेदारी के भाव को .....बल्कि लानत है ऐसे देशद्रोही समझ पर! और लानत है इनके पीछे चलने वाले चमचों पर!!
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