जाने क्यों मनाई जाती है राम नवमी

ऐसी धार्मिक मान्यता है कि राम नवमी के दिन माता कौशल्या की कोख से भगवान राम का जन्म हुआ था। रानी केकैयी ने भरत को और रानी सुमित्रा की कोख से लक्ष्मण व शत्रुघ्न का जन्म हुआ था

जाने क्यों मनाई जाती है राम नवमी

जाने क्यों मनाई जाती है राम नवमी
ऐसी धार्मिक मान्यता है कि राम नवमी के दिन माता कौशल्या की कोख से भगवान राम का जन्म हुआ था। रानी केकैयी ने भरत को और रानी सुमित्रा की कोख से लक्ष्मण व शत्रुघ्न का जन्म हुआ था। इस दिन लोग श्रीराम के जन्म की खुशियां मनाते हैं और रामनवमी के पुण्य पर्व पर व्रत करते हैं। वहीं एक और मान्यता यह भी है कि, नवमी के दिन नवरात्रि का समापन होता है और भक्तजन कन्या पूजन करके देवी मां को विदा करते हैं।

यह भी कहा जाता है कि राम नवमी के दिन ही गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस को लिखना आरंभ किया था। इसे ‘तुलसी रामायण’ या ‘तुलसीकृत रामायण’ भी कहा जाता है। रामचरितमानस को लिखने में तुलसीदासजी को 2 साल 7 माह 26 दिन का समय लगा था और उन्होंने इसे संवत् 1633 के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में राम विवाह के दिन पूर्ण किया था। इस महाकाव्य में सात कांड हैं, जो अवधी भाषा मे हैं। इन सात काण्डों के नाम- बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, लंकाकाण्ड (युद्धकाण्ड) और उत्तरकाण्ड हैं।


राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम की उपासना की जाती है। श्रीराम की मूर्तियों को गंगा जल से स्नान कराया जाता है। उनकी मूर्ति को पालने में झुलाया जाता है। इस दिन भक्त रामायण का पाठ करते हैं। साथ ही भक्त उनके स्मरण में रामरक्षा स्तोत्र का भी पाठ करते हैं। इस दिन राम मंदिर में भगवान श्रीराम के भजन-कीर्तन गाये जाते हैं। भक्त झांकियां भी निकालते हैं। लोग उनकी आराधना व्रत-उपवास करते हैं।

राम नाम की महिमा :
भगवान राम को मर्यादा का प्रतीक माना जाता है। उन्हें पुरुषोत्तम यानि श्रेष्ठ पुरुष की संज्ञा दी जाती है। प्रभु का तारक मंत्र श्री से प्रारंभ होता है। श्री को सीता (शक्ति) का प्रतीक माना गया है। राम नाम में रा अग्नि स्वरूप है जो हमारे दुष्कर्मों का दाह करता है। वहीं म जल तत्व का घोतक है। जल आत्मा की जीवात्मा पर जीत का कारक है। इस तरह श्री राम का अर्थ है – शक्ति से परमात्मा पर विजय।

राम नाम की चैतन्य धारा से मनुष्य की प्रत्येक आवश्यकता स्वत: ही पूरी हो जाती है। यह नाम स्वर सामर्थ है। राम अपने भक्त को उनके हृदय में वास कर सौभाग्य प्रदान करते हैं। प्रभु के जितने भी नाम प्रचलित हैं, उनमें सर्वाधिक श्री फल देने वाला नाम राम का ही है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार राम नाम में ही पूरा ब्राह्मांड समाया है और सभी देवता भी इसी में समाए हैं। जिसने राम नाम का जाप कर लिया वह अपने जीवन में तर जाता है।

राम नवमी का महत्व :
हर वर्ष चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को राम नवमी के रूप में मनाया जाता है। त्रेतायुग में चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या नरेश राजा दशरथ और माता कौशल्या के पुत्र के रूप में हुआ था। उनका जीवन परिचय वाल्मीकी द्वारा रचित रामायण ग्रंथ में मिलता है। भगवान श्रीराम भगवान विष्णु के अवतार हैं। अपने जीवन के माध्यम से भगवान श्रीराम ने उच्च आदर्शों को स्थापित किया है जो आज भी सबके लिए प्रेरणास्रोत हैं। जय श्री राम 

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