सोनभद्र झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से हो रही मौतों से जनजीवन प्रभावित

सोनभद्र। क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार से अनभिज्ञ स्वास्थ्य विभाग के कार्यप्रणाली से क्षेत्रीय लोगों में जबरदस्त रोष व्याप्त है। झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के दौरान हुई जच्चे-बच्चे की मौत की खबर लाइव यूपी पर प्रसारित होते ही चिकित्सा विभाग हरकत में आई और झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर खानापूर्ति कर दिया।

सोनभद्र झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से हो रही मौतों से जनजीवन प्रभावित

कुकुरमुत्ता की तरह क्षेत्र में फैले हैं झोलाछाप डॉक्टर कर रहे मरीजों का इलाज, स्वास्थ्य विभाग नतमस्तक

सोनभद्र। क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार से अनभिज्ञ स्वास्थ्य विभाग के कार्यप्रणाली से क्षेत्रीय लोगों में जबरदस्त रोष व्याप्त है। झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के दौरान हुई जच्चे-बच्चे की मौत की खबर लाइव यूपी पर प्रसारित होते ही चिकित्सा विभाग हरकत में आई और झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर खानापूर्ति कर दिया।


     स्थानीय लोगों का आरोप है स्वास्थ्य विभाग के तालमेल से झोलाछाप डॉक्टर बेखौफ मरीजों का इलाज कर रहे हैं, जिनका कोई सुध लेने वाला नहीं है। शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होती। झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से आए दिन मरीजों की जान चली जा रही है और स्वास्थ्य विभाग झोलाछाप डॉक्टरो के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने से कतराते रहते हैं।वही  क्षेत्रीय लोगों का आरोप है की पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने  मुख्य आरोपी डाक्टर अखिलेश को बचने केलिए लीपा पोती और पतली गली बना लिया है 


तो दूसरी कहानी ये भी सामने आरही है :-

लाशों के सौदागर

  स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी के कार्यवाही को ठेंगा दिखाते हुए आरोपी झोलाछाप डॉक्टर को बचाने की जुगत में लगी सोनभद्र पुलिस। 

    पुलिस के इस रवैया से क्षेत्र की जनता को यह स्पष्ट हो गया है कि चाह कर भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी झोलाछाप डॉक्टरों अस्पतालों व पैथोलॉजी के ऊपर कार्यवाही क्यों नहीं कर पाते

क्राइम कंट्रोल नहीं क्राइम ग्राफ कंट्रोल करने में लगी सोनभद्र पुलिस।

         मामला सोनभद्र जिले के सुकृत चौकी अंतर्गत मधुपुर का है। जहां कुछ ही दिन पूर्व एक झोलाछाप डॉक्टर ने अपने गलत इलाज से जच्चा और बच्चा दोनों की जान ले ली ऐसा मृतिका के पति व परिवार वालों  का कहना था। झोलाछाप डॉक्टर की पत्नी ने भी मीडिया के सामने अपने बयान में बताया था कि उसके यहां इलाज हुआ था और आर एल पानी की बोतल चढ़ाया गया था व पूर्व में भी उसके और उसके बच्चों सहित उसके परिवार की दवा वगैरह इलाज उसके यहां से हुआ था इसकी एवज में मृतका के पति ने उसके पति के अकाउंट में ₹2000 ट्रांसफर भी किए थे। 

      22 सितंबर की शाम को मृतिका के पति रिशु मौर्य को कैमरे के सामने यह चीख़ चीख़ के कहते हुए देखा व सुना गया कि झोलाछाप डॉक्टर अखिलेश के गलत इलाज से मेरी पत्नी की जान चली गई । परिवार वालों के द्वारा भारी संख्या में ग्रामीणों को एकत्रित कर मृतिका के शव को झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर रखकर यह कहते हुए हंगामा किया गया की उक्त झोलाछाप डॉक्टर अखिलेश के गलत इलाज के वजह से जान चली गई।

और पति रिशु मौर्य के द्वारा बीस लाख रुपए की मांग झोलाछाप डॉक्टर से की गई है ऐसा एक वीडियो में डॉक्टर की पत्नी को कहते हुए देखा जा सकता है। हंगामे के दौरान देखते ही देखते लगभग 500 से 600 ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई मृतका के भाई के द्वारा जिले के पुलिस कप्तान को दूरभाष के माध्यम से झोलाछाप डॉक्टर की शिकायत करते हुए घटना के विषय में जानकारी दी गई ।
       मधुपुर से नौगढ़ जाने वाली सड़क पर घंटों बवाल चलता रहा इसी बीच किसी ग्रामीण ने बवाल को बढ़ता देख 112 नंबर पर पुलिस को सूचित किया। तत्पश्चात सुकृत चौकी इंचार्ज मयहमराही मौके पर पहुंच भीड़ को समझा-बुझाकर मौके से हटाया। मृतिका के पति रिशु मौर्य व उसके परिवार के लोगों ने शव को अपनी वाहन में रखकर घर चले गए और हंगामा शांत करा कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल स्थानीय चौकी के एसआई भी सीना चौड़ा करते अपनी पीठ थपथपाते हुए वापस चले गए और सोचे कि मामला हजम हो जाएगा।

उक्त घटना की खबरें सोशल मीडिया सहित कुछ अखबारों की सुर्खियां बनी क्षेत्रीय संवाददाताओं ने सोनभद्र पुलिस के मंसूबों पर पानी फेर दिया। घटना के संबंध में वीडियो वायरल होने लगा वीडियो को वायरल होता देख जिले में नवागत पदभार संभालने वाले स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी गुरु प्रसाद मौर्य द्वारा क्षेत्र में ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए उक्त झोलाछाप डॉक्टर के यहां से हॉस्पिटल क्लीनिक व मेडिकल चलाने के लिए किसी भी तरह का कोई डिग्री और रजिस्ट्रेशन नहीं पाया गया इसलिए क्लीनिक को सील करते हुए नोटिस दे दिया गया और उक्त घटनाक्रम में संबंधित क्लिनिक संचालक झोलाछाप डॉक्टर के विरुद्ध संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराने की बात कही गई।

प्रकरण के संबंध में नोडल अधिकारी गुरु प्रसाद मौर्य ने मामला पंजीबद्ध करने के लिए अपनी जांच रिपोर्ट के साथ नामजद प्रार्थना पत्र संबंधित अधिकारियों को प्रेषित करते हुए स्थानी पुलिस चौकी सुकृत को दिया ।
इसी बीच झोलाछाप डॉक्टर अखिलेश ने उसके पिता बेचई डॉक्टर और मृतका के पति रिशु मौर्य व परिवार वालों से स्थानी पुलिस की शह पर लिखित सुलहनामा कर लिया।

मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश के दावों की पोल खोलती सोनभद्र पुलिस
          
सुकृत चौकी इंचार्ज ने स्वास्थ्य विभाग के तेजतर्रार नोडल अधिकारी के प्रार्थना पत्र को ठेंगा दिखाते हुए नामजद प्रार्थना पत्र के बावजूद भी मुख्य आरोपी के खिलाफ अपराध पंजीकृत नहीं किया। सुकृत चौकी इंचार्ज व उक्त मामले में विवेचना अधिकारी की मेहरबानी झोलाछाप डॉक्टरों  का हौसला बुलंद करने के साथ ही  जिले के ईमानदार और तेजतर्रार स्वास्थ विभाग के अधिकारियों के मनोबल को तोड़ने का काम कर रही हैं। 
        
        ऐसे में जब क्षेत्रीय पुलिस के अधिकारी इन झोलाछाप डॉक्टरों के सरपरस्ती का जिम्मा ले लेंगे तो प्रदेश के मुखिया का बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का सपना सपना ही रह जाएगा।

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