लखनऊ : छात्रवृत्ति घोटाला, 3000 फ़र्ज़ी खातों के जरिये हड़पा जा रहा था वजीफा
छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 22 जगहों पर हुई छापेमारी के बाद ईडी ने इन जगहों से करीब 37 लाख रुपये नगद, 956 अमेरिकी डॉलर और संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किये हैं।
छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 22 जगहों पर हुई छापेमारी के बाद ईडी ने इन जगहों से करीब 37 लाख रुपये नगद, 956 अमेरिकी डॉलर और संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किये हैं।इसके अलावा इस बात का भी खुलासा हुआ है की अल्पसंख्यक, एससी-एसटी, गरीब और दिव्यांग विद्यार्थियों को सरकार द्वारा मिलने वाली छात्रवृत्ति को हड़पने के लिए फिनो पेमेंट बैंक में 3000 फर्जी खाते खोले गए। जिनमे से कई खाते तो बच्चों और बुजुर्गों के नाम पाए गये हैं।
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा छापेमारी के दौरान इन जगहों से भारी संख्या में सिम कार्ड, मुहरें और सील बरामद की गयी हैं। बीती रात कुछ संदिग्ध लोगो की तलाश मेंं ईडी द्वारा बंदायू और मुरादाबाद में मौजूद कुछ जगहों पर भी छापेमारी करी गयी है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति को हड़पने का यह खेल पिछले कई सालों से खेला जा रहा है। इनमे से ज्यादातर जगहों पर फिनो पेमेंट बैंक के एजेंटों के इस गोरखधंधे में शामिल होने के पक्के सबूत मिले है। शुरूआती जांच में इस घोटाले के ७५ करोड़ रूपए से अधिक के होने के सबूत मिल चुके हैं।
छापेमारी के दौरान ईडी को इस घोटाले में कई बैंक एजेंटों की भूमिका संदिग्ध मिली है।अपनी छानबीन के दौरान ईडी को जो फ़र्ज़ी बैंक कहते मिले हैं उनमे से ज्यादातर बैंक खाते फिनो की लखनऊ और मुंबई की शाखाओं में खोले गए थे। जांच में यह बात भी सामने आयी है की बैंक खातों में आई रकम को दूसरे खातों में ट्रांसफर किया गया है। इसके साथ ही ये भी पता चला है कि पात्रों के नाम खुले खातों का कंट्रोल कॉलेज संचालक खुद कर रहे थे। उन्होंने पात्रों से पहले से दस्तखत किए चेक ले लिए थे। कई जगहों पर कॉलेज के कर्मचारियों द्वारा बैंक खाते को संचालित करने के लिए आईडी और पासवर्ड ले लिया गया।
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