एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच ने किया 1 लाख महिलाओं की कैंसर जांच
वाराणसी,22.08.2023- महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल द्वारा वाराणसी में घर-घर जाकर 1 लाख से अधिक महिलाओं की कैंसर की जांच की गई है। इसमें गर्भाशय ग्रीवा के मुख, मुंह और स्तन संबंधित कैंसर मुख्य रूप से शामिल हैं। जांच के दौरान किसी भी महिला में कैंसर के लक्षण दिखने या कैंसर की संभावना होने पर उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में पंजीकृत कर उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। जांच का आंकड़ा एक लाख होने पर मंगलवार को अस्पताल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके मुख्य अतिथि जिलाधिकारी एस. राजलिंगम और विशिष्ट अतिथि मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल रहे।
एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच ने किया 1 लाख महिलाओं की कैंसर जांच
अक्टूबर 2021 में सेवापुरी ब्लॉक से हुई थी स्क्रीनिंग कार्यक्रम की शरुआत।
वाराणसी,22.08.2023- महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल द्वारा वाराणसी में घर-घर जाकर 1 लाख से अधिक महिलाओं की कैंसर की जांच की गई है। इसमें गर्भाशय ग्रीवा के मुख, मुंह और स्तन संबंधित कैंसर मुख्य रूप से शामिल हैं। जांच के दौरान किसी भी महिला में कैंसर के लक्षण दिखने या कैंसर की संभावना होने पर उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में पंजीकृत कर उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। जांच का आंकड़ा एक लाख होने पर मंगलवार को अस्पताल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके मुख्य अतिथि जिलाधिकारी एस. राजलिंगम और विशिष्ट अतिथि मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल रहे।
किसी भी बीमारी के प्रभावी प्रबंधन के लिए समय पर जांच अहम होता है। उक्त को ध्यान नें रखते हुए अस्पताल द्वारा अक्टूबर 2021 में इंडियन स्टडी फॉर हेल्दी एजिंग (ईशा) प्रोजेक्ट के तहत वाराणसी के 7 ब्लॉक, सेवापुरी, हरहुआ,काशी विद्यापीठ, अराजीलाईन, चिरईगांव, पिंड्रा एवं बड़ागांव में महिलाओं में होने वाले सामन्य कैंसर की जांच की शुरुआत शुरु हुई थी। अब तक इसके तहत कुल 1,03,616 लाख महिलाओं की जांच की जा चुकी है। जांच के दौरान 3194 महिलाओं में स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा के मुख एवं मुंह के कैंसर की आशंका होने पर उन्हें आगे की जांच के लिए एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच रेफर किया गया था, हालांकि इनमें से केवल 1514 ही महिलाएं जांच के लिए अस्पताल पहुंची। जांच के बाद केवल 8 महिलाओं में कैंसर के लक्षण दिखे और इन सभी मरीजों का इलाज भी शुरू कर दिया गया।
अस्पताल की मेडिकल ऑफिसर एवं "ईशा" परियोजना की प्रमुख डॉ. रूचि पाठक ने बताया कि घर-घर जाने के बाद भी हमने देखा कि लोग जांच के लिए सामने नहीं आ रहे थे।
वाराणसी के सभी 8 ब्लॉक में से 7 ब्लॉक में हमने कुल 759 कैंप्स आयोजित किए। इसमें 228291 महिलाएं जांच के लिए आयी, लेकिन जांच केवल 103616 महिलाओं ने ही कराया। शोध और आंकड़ों से साफ जाहिर होता है कि शुरुआती स्तर पर कैंसर की पहचान होने से न केवल बेहतर तरीके से इलाज किया जा सकता है,
बाल्कि पूरी तरह से बीमारी को खत्म भी किया जा सकता है। इसलिए हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक महिलाएं इस जांच अभियान का हिस्सा बने, ताकि बीमारी शुरू होने से पहले ही उसे नियंत्रित किया जा सके।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एस. राजलिंगम ने अस्पताल की इस उपलब्धि पर अस्पताल कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि वाराणसी में कैंसर अस्पताल की शुरुआत होने से न केवल वाराणसी, बल्कि आस-पास के कई जिलों के कैंसर मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं, जिन्हें पहले मुंबई या दूसरे बड़े शहर जाना पड़ता था।
अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने कहा कि अस्पताल आने वाले मरीजों को गुणवत्तापरक इलाज उपलब्ध कराने के साथ ही हमारा फोकस बीमारी की समय रहते पहचान के लिए स्क्रीनिंग अभियान पर भी रहता है। इसी को ध्यान में रखकर अस्पताल द्वारा व्यापक स्तर पर जांच अभियान चलाया जा रहा है, जो आगे भी जारी रहेगा।
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