मकर संक्रांति पर्व दशाश्वमेध घाट पर स्नानर्थियों का उमड़ा जनसैलाब

मकर संक्रांति पर्व दशाश्वमेध घाट पर स्नानर्थियों का उमड़ा जनसैलाब

वाराणसी। मकर संक्रांति पर मोक्षदायिनी भागीरथी की अविरल धारा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ भोर से ही गंगा घाटों पर पहुंचने लगी। लोगों ने गंगा में डुबकी लगाकर पाप धोए। वहीं गरीबों को दान कर पुण्य कमाया।

इस दौरान सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम रहे। एनडीआरएफ व जल पुलिस के साथ ही पुलिस-प्रशासन भी सक्रिय रहा। काशी में मकर संक्रांति का पर्व रविवार को भी मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति पर गंगा स्नान का विशेष पुण्य माना गया है। ऐसे में शनिवार की भोर से ही श्रद्धालु काशी के घाटों पर पहुंचने लगे। दशाश्वमेध, अस्सी, पंचगंगा समेत प्रमुख घाटों पर आस्थावानों की भीड़ उमड़ी। लोगों ने गंगा की पवित्र धारा में डुबकी लगाई। इसके बाद पंडों, पुरोहितों, गरीबों व असहायों में दान-पुण्य कर गरीबों की सेवा की। घाटों पर भीड़ को देखते हुए प्रशासन अलर्ट रहा। स्नानार्थी अरूण मिश्रा ने कहा कि एक माह के खरमास के बाद सूर्य उत्तरायण हुए हैं। मां गंगे व बाबा विश्वनाथ से यही कामना है कि कोविड से समूचे विश्व को निजात मिल जाए।


मौसम रहा मेहरबान 
मकर संक्रांति स्नान के दौरान मौसम मेहरबान रहा। सुबह से ही चटख धूप खिल गई। इससे स्नानार्थियों को काफी राहत मिली। वाराणसी में तापमान में लगभग दस डिग्री सेल्सियस का उछाल आया है। अभी दो दिनों पहले तक कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। अधिकतम व न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे था, हालांकि शनिवार को सुबह से ही सूर्य की किरणें निकलने से लोगों को काफी राहत मिली।
आसमान में रंग-बिरंगी पतंगे अपनी छटा बिखेर रही थी।
मकर संक्रांति पर पतंगबाजी को लेकर लोगों में उल्लास व उमंग चरम पर होता है। ऐसे में मौसम साफ होने से सुबह से ही लोग पतंगबाजी में जुट गए। आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से पटा नजर आया। रविवार को भी पतंगबाजी का दौर जारी रहेगा। इसमें मौसम व हवा का साथ भी मिला।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow