तीस्ता सीतलवाड़ एवं आरबी श्रीकुमार की रिहाई के सम्बंध में वाराणसी के नागरिक समाज की ओर से जारी ज्ञापन।

VARANASI इस ज्ञापन के माध्यम से हम आपका ध्यान हाल में मानवाधिकार कार्यकर्ता, अधिवक्ता, बेबाक़ पत्रकार और सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व पुलिस अधिकारी आरबी श्री कुमार की असंवैधानिक गिरफ़्तारी की ओर दिलाना चाहते हैं। यह देश के न्यायिक इतिहास का सम्भवतः पहला मामला है जिंसमें एक याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया और याचिकाकर्ता से जुड़े लोगों को उसके तुरन्त बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यह याचिका गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 अन्य को 2002 के दंगों में गठित विशेष जांच दल को क्लीन चिट

तीस्ता सीतलवाड़ एवं आरबी श्रीकुमार की रिहाई के सम्बंध में  वाराणसी के नागरिक समाज की ओर से जारी ज्ञापन। 


इतीस्ता सीतलवाड़ के गिरफ्तारी के बाद  वारणसो के NGO  भी सरकार  के विरोध में उतरकर  तीस्ता सीतलवाड़ का समर्थन कर  रहे है और वाराणसी के में वरोधप्रदर्शन के बाद  आंदोलन   कारी ने ज्ञापन भी सौपा| 
दोलनकारियों की हाउस अरेस्टिंग से लेकर गिरफ्तारियों पर तत्काल रोक लगाई जाए उनका दमन बन्द हो।

तीस्ता सीतलवाड़ एवं आरबी श्रीकुमार की रिहाई के सम्बंध में  वाराणसी के नागरिक समाज की ओर से जारी ज्ञापन। 


इस ज्ञापन  के माध्यम से हम आपका ध्यान हाल में मानवाधिकार कार्यकर्ता, अधिवक्ता, बेबाक़ पत्रकार और  सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व पुलिस अधिकारी आरबी श्री कुमार की असंवैधानिक गिरफ़्तारी की ओर दिलाना चाहते हैं। यह देश के न्यायिक इतिहास का सम्भवतः पहला मामला है जिंसमें एक याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया और याचिकाकर्ता से जुड़े लोगों को उसके तुरन्त बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यह याचिका गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 अन्य को 2002 के दंगों में गठित विशेष जांच दल को क्लीन चिट दिए जाने जिसे गुजरात दंगों ने बरक़रार रखा था की अपील थी जो सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता जकिया जाफ़री ने दायर की थी। गुजरात पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के क्लीन चिट के ठीक बाद बिना किसी वारंट के तीस्ता सीतलवाड एवं आरबी श्री कुमार जो गुजरात दंगों के समय डीजीपी थे को असंवैधानिक ढंग से गिरफ्तार कर लिया। तीस्ता सीतलवाड़  गुजरात दंगे में पीड़ितों को न्याय दिलाने वाली एक सशक्त आवाज़ है साथ ही सत्ता संरक्षण में घटित मुस्लिम विरोधी हिंसा में निचली अदालत में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को  क्लीन चिट के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट गई थी,उनकी इस तरह से  गिरफ्तारी से इस देश के लोकतंत्र पसंद, संविधान पसंद और न्यायालय में यकीन रखने वाले नागरिक समाज को ठेस पहुँची है और यह मामला संदेह के घेरे में नजर आना स्वभाविक लग रहा है।   हम चाहते है आप इस मामले को संज्ञान में ले और नागरिक समाज की मांगों पर गौर करें- 

★ हमारी मांग है कि गुजरात नरसंहार पीड़ितों के लिए न्याय का अभियान चलाने वाली मानवाधिकार कार्यकर्ता, अधिवक्ता , निर्भीक पत्रकार एवं सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ औऱ आरबी श्रीकुमार की अविलंब रिहाई की जाय। 

★तीस्ता सीतलवाड़ समेत सभी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर से फर्जी मुकदमें वापस लेने की हम मांग करते हैं। 

आंदोलनकारियों की हाउस अरेस्टिंग से लेकर गिरफ्तारियों पर तत्काल रोक लगाई जाए उनका दमन बन्द हो।

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