संसद का मानसून सत्र: सरकार ने राज्यसभा में मणिपुर पर चर्चा कि की मांग; विपक्ष ने नियम 267 के तहत चर्चा पर दिया जोर
सोमवार को दोनों सदनों में विरोध जारी रहा, भाजपा सांसद और सदन के नेता पीयूष गोयल ने राज्यसभा को संबोधित किया और दोपहर 2 बजे मणिपुर संकट पर चर्चा का आग्रह किया, परंतु, दूसरी तरफ विपक्ष ने नियम 267 के तहत चर्चा के लिए जोर दिया।
सोमवार को दोनों सदनों में विरोध जारी रहा, भाजपा सांसद और सदन के नेता पीयूष गोयल ने राज्यसभा को संबोधित किया और दोपहर 2 बजे मणिपुर संकट पर चर्चा का आग्रह किया, परंतु, दूसरी तरफ विपक्ष ने नियम 267 के तहत चर्चा के लिए जोर दिया। जानकारी के मुताबिक, मणिपुर मुद्दे पर लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इसके साथ ही राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सरकार का कहना है कि हम 176 के तहत चर्चा के लिए तैयार हैं वहीं, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि नियम 267 के तहत चर्चा होनी चाहिए।
नियम 267 हाल ही में संसद सत्रों में एक कांटेदार मुद्दा बनकर उभरा है, नियम के तहत दिए गए किसी भी नोटिस को सभापति द्वारा स्वीकार नहीं किया गया है। राज्यों की परिषद (राज्यसभा) में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के अनुसार, नियम 267 के तहत, राज्यसभा सांसद सभी सूचीबद्ध व्यवसाय को निलंबित करने और देश के सामने आने वाले महत्व के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एक लिखित नोटिस दे सकते हैं।
आज सरकार लोकसभा में विवादास्पद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) संशोधन पर अध्यादेश ला सकती है, जिसके चलते आम आदमी पार्टी के नेता संसद के बाहर अपना विरोध जताएंगे।
20 जुलाई को सत्र शुरू होने के बाद से संसद नहीं चल पा रही है, विपक्ष भी इस संकट पर सदन में प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग कर रहा है। संसद के भीतर मणिपुर मुद्दे पर बोलने के लिए पीएम मोदी को मजबूर करने के लिए विपक्ष ने पिछले हफ्ते अविश्वास प्रस्ताव भी लाया। अब ध्यान अध्यक्ष पर है जो प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान के लिए तारीख और समय आवंटित करेगा।
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